आजम खां ने कहा- सभी आरोप झूठे, एक-एक इंच जमीन खरीदकर बनाई जौहर यूनिवर्सिटी

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RGA न्यूज़ उत्तर प्रदेश रामपुर

सपा सांसद आजम खां ने कहा कि कुर्बानी का मौका है जिसकी जितनी कुर्बानी हो जाए अच्छा है। ईद कुर्बानी मांगती है।...

रामपुर:- किसानों की जमीन कब्जाने के आरोपों में फंसे सपा सांसद आजम खां ने कहा कि उन पर लगे सभी आरोप झूठे हैं। उन्होंने कहा कि हमने यूनिवर्सिटी के लिए एक-एक इंच जमीन खरीदी है। रामपुर ईदगाह में नमाज के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान वह प्रशासन की कार्रवाई को लेकर काफी नाराज दिखे।

ईद की बधाई देश वासियों को कुछ इस तरह से दी। बोले, कुर्बानी का मौका है, जिसकी जितनी कुर्बानी हो जाए अच्छा है। ईद कुर्बानी मांगती है। मेरे पर लगे मुकदमों को लेकर आप सवाल कर रहे हैं। क्या आपको नजर नहीं आता। मेरे पर कोई मुकदमा नहीं है। सारे मुकदमे यूनिवर्सिटी पर हैं। सारे मुकदमे बच्चों के स्कूलों पर हैं। आपके हाथों में झाड़ू, देना है, संडास साफ कराना है। आपसे सड़कों पर झाड़ू लगवाना है। आपसे गुलामी करवाना है। आपके हाथों में कलम कौन आने देगा। गैरों से शिकायत क्यों करते हो। अपनों से सवाल करो।

मीडिया से नाराजगी जताते हुए कहा कि हाई कोर्ट के निर्णय को देखिए। डीएम एसपी को लेटर लिखा है। पूछा है यूनिवर्सिटी पर कार्रवाई किन कारणों की सी गई है। आजम ने प्रशासन पर तंज कसा। बोले, क्या यूनिवर्सिटी का गेट तोड़ दिया। हमारी यूनिवर्सिटी में डाका मारा था। हाई कोर्ट ने जो लेटर लिखा है, यहां के डीएम एसपी को, वो आप नहीं पढ़ेंगे। हमने हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की 40 से ज्यादा रूलिंग दी हैं, जिसमे यह बात कही है कि तीन साल के बाद किसी भी जमीन को लेकर ऐसी शिकायतें नहीं की जाती हैं और न ही ऐसी कार्रवाई। रामपुर में मेरे ड्रीम प्रोजेक्ट पर की जा रही है। हमने एक-एक इंच जमीन खरीदी है। सैकड़ों बीघा जमीन खरीदने वाला ट्रस्ट पौने चार बीघा जमीन की बेईमानी करेगा।

उन्‍होंने कहा कि प्रशासन ने लोकसभा चुनाव में हमें हराने के लिए क्या कुछ नहीं किया, लेकिन कामयाब नहीं हो सके। अब विधानसभा उपचुनाव में हमें हराने के लिए कोशिश कर रहे हैं। भाजपा और जिला इंतेजामिया इस तरह की कार्रवाई करके हमें विधानसभा उप चुनाव हरा सकेगा। हम पर जुल्म करके हमें हरा नहीं सकेंगे। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के सवाल पर बोले, बहुमत की सरकार है। सरकार को कुछ भी करने का अधिकार है। जब उन्हें अधिकार है तो वह कुछ भी कर सकतें हैं। वह अपने अधिकारों को लेकर ही फैसले ले रहे हैं।

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