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RGA न्यूज़ ब्यूरो, लखनऊ
सीएम योगी ने मिशन रोजगार के तहत निष्पक्ष एवं पारदर्शी चयन प्रक्रिया के माध्यम से 278 सहायक आचार्य, 2142 स्टाफ नर्स, 48 आयुष चिकित्सा शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को 2468 नव चयनित चिकित्सा शिक्षकों एवं स्टाफ नर्स को नियुक्ति पत्र देते हुए मरीजों की सेवा में जुटने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्य और शिक्षक खुद भी ओपीडी में बैठें। मरीजों का दर्द दूर करें। ओपीडी में बैठने से उन्हें व्यवस्था सुधार संबंधी जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि एलोपैथ और आयुष चिकित्सा पद्धतियों में नए-नए शोध की जरूरत है। चिकित्सा शिक्षक इसमें अपना योगदान दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन रोजगार के तहत स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों में 278 सहायक आचार्य, 2142 स्टाफ नर्स एवं 48 आयुष चिकित्सा शिक्षकों का चयन किया गया है। इससे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा। प्रधानाचार्य संबंधित कॉलेज का प्रमुख होता है। उसका जैसा व्यवहार होगा, उसी तरह से संबंधित कॉलेज की व्यवस्थाएं होंगी। यदि वह देर से कॉलेज पहुंचेगा तो वहां के अन्य डॉक्टर भी देर से आएंगे। ऐसे में मरीज उसके प्रति अपशब्द बोलेंगे। इसलिए प्रधानाचार्य व चिकित्सा शिक्षक खुद मरीजों से संपर्क रखते हुए मासिक और वार्षिक रिपोर्ट का संकलन करें। बहुत सारी बीमारियों का स्थानीय परिस्थिति के अनुसार उपचार ढूंढे। उन्होंने इंसेफेलाइटिस का उदाहरण देते हुए कहा कि 40 साल में 50 हजार से ज्यादा बच्चों की मौत हुई, लेकिन वर्ष 2017 के बाद सभी विभागों का समन्वय स्थापित करते हुए अभियान चलाया गया। अब बच्चों की मौत नहीं होती हैं। सीएम ने कहा कि पहले जाति के नाम पर समाज को बांटा जा रहा था। लोग अपना वोटबैंक बनाते रहे, लेकिन 2017 के बाद से यह बीमारी पूरी तरह से नियंत्रित हो गई है।
कार्यक्रम के दौरान चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने स्वागत किया और आयुष मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. दयाशंकर मिश्र दयालु ने आभार जताया। इस दौरान मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा, आयुष प्रमुख सचिव लीना जौहरी, निदेशक आयुर्वेद प्रो पीसी सक्सेना सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
करियर के साथ सेवा का मौका
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में नौकरी मिलना सौभाग्य की बात है। करियर के साथ सेवा का भी मौका मिला है। मरीजों से प्रेम पूर्वक बात करें। उनका दुख हरें। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति के पास कितनी भी धन सम्पदा क्यों न हो, यदि उसका स्वास्थ्य उत्तम नहीं है, तो इसका कोई मूल्य नहीं है। हमारी परम्परा भी कहती है कि ‘शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम्’ अर्थात् धर्म के जितने भी साधन हैं, वह सभी स्वस्थ शरीर से ही सम्भव होते हैं। इसलिए लोगों को सेहतमंद करने में अपना योगदान दें।
674 एम्बुलेंस एवं 81एएलएस एम्बुलेंस को किया रवाना
मुख्मयंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम के दौरान नवचयनित पांच चिकित्सा शिक्षकों, सात स्टाफ नर्सों एवं पांच आयुष चिकित्सा शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया। 674 एम्बुलेंस एवं 81 एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस का हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि 2017 के पहले केंद्र सरकार ने 150 एएलएस एंबुलेंस देने का प्रयास किया, लेकिन तत्कालीन सरकार ने लेने से मना कर दिया था, लेकिन 2017 में तत्कालीन चिकित्सा मंत्री को केंद्र में भेजकर एंबुलेंस मंगवाई गई।
मरीजों को भगवान मान कर उपचार करें : पाठक
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि नियुक्ति पाने वाले चिकित्सा शिक्षक, नर्सिंग कर्मी मरीजों को भगवान मान कर सेवा करें। उनके साथ परिवार की तरह व्यवहार रखें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने के साथ ही नर्सिंग शिक्षा की गुणवत्ता भी बढ़ाई जा रही है। नर्सिंग एवं पैरा मेडिकल कॉलेजों की स्व परीक्षा प्रणाणी खत्म किया गया है। इसका फायदा पूरे प्रदेश को मिलेगा।