प्रभु की कृपा भयहु सब काजू जन्म हमार सुफल भा आजू
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RGA न्यूज़ फतेहगंज पश्चिमी मुदित प्रताप सिंह
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राम प्राण प्रतिष्ठा के उपल्क्ष में श्री माधव सेवा परिवार, बरेली द्वारा आयोजित भगवान श्री राम की तपोस्थली चित्रकूट में श्री राम कथा धर्म रक्षा संघ, वृंदावन की प्रेरणा से दिनांक 5 जनवरी 2024 से 11 जनवरी 2024 तक होने जा रही है।
उक्त जानकारी देते हुए धर्म रक्षा संघ बरेली की जनपद इकाई के मीडिया प्रभारी दिनेश दददा एडवोकेट ने बताया आज दिनांक 4 जनवरी 2024 दिन बृहस्पतिवार को प्रातः 7:00 बजे एक बस बरेली से रवाना हुई और लगभग 20 व्यक्ति ट्रेनों द्वारा बरेली से श्री राम कथा श्रवण करने के लिए चित्रकूट रबाना हो गए हैं।
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Kalashtami : भैरव अष्टमी का व्रत मंगलवार 5 दिसंबर को रखा जाएगा और इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप कहे जाने वाले काल भैरव की पूजा की जाती है। भैरव भगवान को सभी कष्टों से दूर रखने वाला देवता माना गया है। उनकी कृपा से सभी दुख दूर होते हैं। आइए जानते हैं भैरव अष्टमी के बारे में विस्तार से।
RGA न्यूज ऊखीमठ (रुद्रप्रयाग)
चल उत्सव डोली के ओंकारेश्वर मंदिर की परिक्रमा के बाद पुजारी शिव शंकर लिंग ने डोली की आरती उतारी। इसके बाद डोली को परंपरानुसार पंचकेदार गद्दीस्थल में विराजमान किया गया।
भगवान केदारनाथ शुक्रवार को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान हो गए हैं। वैदिक मंत्रोच्चार एवं पूजा-अर्चना के साथ बाबा केदार की भोगमूर्तियों को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित कर दिया गया है। इस पावन दृश्य के सैकड़ों श्रद्धालु साक्षी बने। इस दौरान पूरा क्षेत्र बाबा के जयकारों से गूंज उठा।
RGAन्यूज़ मुदित प्रताप सिंह बरेली
जनपद बरेली फतेहगंज पश्चिमी _ आज रविवार को कस्बा फतेहगंज पश्चिमी के मोहल्ला साहूकारा में स्थित ठाकुरद्वारा मंदिर में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ को सफल बनाने हेतु एक बैठक का आयोजन किया गया।
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चारों दिशाओं से सफल बनाते हैं भैरवनाथजी के 108 नाम, अवश्य पढ़ें...
भैरवजी को काशी का कोतवाल माना जाता है। मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी के दिन भगवान महादेव ने कालभैरव के रूप में अवतार लिया था। कालभैरव भगवान महादेव का अत्यंत ही रौद्र, भयाक्रांत, वीभत्स, विकराल प्रचंड स्वरूप है।
कालभैरव के पूजन से सभी तरह के अनिष्ट का निवारण होता है इसीलिए भैरवजी के 108 नामों को जहां तक हो सके प्रतिदिन अथवा बुधवार, गुरुवार, शनिवार या रविवार को अवश्य ही पढ़ना चाहिए।