RGA न्यूज वाराणसी
गंगा जलपरिवहन परियोजना के तहत बनारस-इलाहाबाद के बीच जल्द ही फेरी सर्विस शुरू होगी। आईआईटी बीएचयू की ओर से किए गए सर्वे की रिपोर्ट मिलने के बाद इनलैंड वॉटरवेज अथॉरिटी ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत गंगा में बड़े क्रूज संचालित होंगे। इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि वाराणसी-इलाहाबाद मार्ग पर भविष्य में वाहनों का दबाव भी कम होगा।
इनलैंड वॉटरवेज अथारिटी ने इसके लिए आईआईटी बीएचयू को सर्वे करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। प्रो. वृंद कुमार के नेतृत्व में करीब छह माह तक चले सर्वे में फेरी सर्विस शुरू होने से न केवल पर्यटन बल्कि इस मार्ग पर पड़ने वाले धार्मिक स्थलों के विकास की भी संभावना व्यक्त की गई। खासतौर पर वर्ष 2019 में लगने वाले कुंभ मेले में श्रद्धालुओं के लिए सुगम रास्ता के मद्देनजर फेरी सर्विस के जरिए करीब 25 से 30 हजार लोगों को रोजाना गंगा के रास्ते आवागमन हो सकेगा।
बकौल प्रो. वृंद कुमार, बनारस-इलाहाबाद के बीच शूलटंकेश्वर महादेव मंदिर, अदलपुरा स्थित मां शीतला मंदिर, चुनार का किला, विंध्याचल, सीतामढ़ी समेत छह पर्यटन एवं धार्मिक स्थल हैं। क्रूज के जरिए गंगा के रास्ते आसानी से इन स्थलों पर पहुंचा जा सकेगा। इन स्थलों पर एडवेंचर गेम के लिए भी प्रस्ताव दिया गया है जिससे आसपास के इलाके को पर्यटन का नया केंद्र विकसित हो सके।
साढ़े चार घंटे में पूरा होगा सफर
बनारस-इलाहाबाद के बीच सड़क मार्ग से 120 किमी की दूरी है। सामान्य तौर पर 50 किमी की रफ्तार से वाहन से इलाहाबाद पहुंचने में करीब ढाई घंटे लगते हैं जबकि गंगा के रास्ते यह दूरी करीब 145 किमी है। ऐसे में चार से साढ़े चार घंटे क्रूज से लगेंगे।
पर्यटन स्थलों को देख सकेंगे
इनलैंड वॉटर अथॉरिटी के वाइस चेयरमैन प्रवीर पांडेय ने बताया कि फेरी सर्विस से प्रदूषण कम होने के साथ ही रोड पर वाहनों के दबाव काफी कम होगा। पर्यटन गंगा किनारे के पर्यटन एवं धार्मिक स्थलों को भी देख सकेंगे। कुंभ मेले के दौरान यूपी सरकार ने आधा दर्जन क्रूज चलाने के लिए पत्र भी भेजा है।
महज ढाई मीटर पानी में चलेंगे क्रूज
अधिकारियों की मानें तो क्रूज संचालन में केवल ढाई मीटर पानी की जरूरत होगी जबकि जुलाई से फरवरी तक गंगा में इससे अधिक पानी रहता है।