बॉलीवुड से मिली पहचान से पीछा छुड़ाना चाहता है ये स्कूल, 3 Idiots से हुआ था मशहूर

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RGA न्यूज़ जम्मू

जम्मू:- फिल्म थ्री इडियट के बाद रेंचो स्कूल के नाम से मशहूर हुआ लद्दाख का द्रुक पदमा कारपो स्कूल बॉलीवुड से मिली 'पहचान' से पीछा छुड़ाना चाहता है। स्कूल प्रबंधन ही नहीं, अभिभावक और स्थानीय लोग भी चाहते हैं स्कूल को रेंचो स्कूल के नाम से न जाना जाए। स्कूल की सांस्कृतिक पहचान बनाए रखने के लिए इसे द्रुक पदमा कारपो स्कूल नाम से ही जाना जाए। दरअसल, अभिनेता आमिर खान द्वारा अभिनीत फिल्म थ्री इडियट की शूटिंग इस स्कूल में हुई थी। इसके बाद से ही इससे रेंचो नाम जुड़ गया। यहां की रेंचो दीवार को देखने के लिए देखने के लिए देश ही नहीं विश्व भर के लोग पहुंचते हैं।

18 साल पुराने स्कूल का प्रबंधन चाहता है कि स्कूल को बॉलीवुड से नहीं जोड़ा जाए, बल्कि इसे अपनी असली पहचान और मूल्यों के लिए ही जाना जाए। स्कूल की प्रसिपल स्टैंजिन कुनजैंग कहती हैं कि यह हमारे लिए गौरव की बात है कि यहां बुद्धिस्ट परंपराओं, सिद्धांतों और विचारधारा को ध्यान रखकर शिक्षा दी जाती है। स्थानीय लोग अब भी स्कूल को द्रुक पदमा कारपो स्कूल के नाम से ही पुकारते हैं। उन्होंने कहा कि यह स्कूल बर्फीले रेगिस्तान लद्दाख में बच्चों को विश्वस्तरीय उच्च गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध करा रहा है। जनजातीय मूल्यों का भी ध्यान रखा जाता है। प्रसिपल की तरह अध्यापक और विद्यार्थी भी यही चाहते हैं कि स्कूल की पहचान द्रुक पदमा कारपो स्कूल के रूप में ही हो, न कि रेंचो स्कूल से।

पर्यटकों ने पैदा कर दी थीं मुश्किलें
प्रसिपल का कहना है कि हमें इस बात की खुशी है कि थ्री इडियट फिल्म की शूटिंग यहां पर हुई थी, लेकिन पर्यटकों की भारी भीड़ को संभालना मुश्किल था। वे फिल्म में रेंचो वाली दीवार को देखना चाहते थे। फोटो ले रहे थे। पर्यटकों ने हमारे लिए काफी मुश्किलें पैदा कर दी थीं। स्कूल में छात्राएं भी हैं और उनकी सुरक्षा का ख्याल भी रखना है। लोगों को यह समझना चाहिए कि यह स्कूल है। इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को शिक्षा उपलब्ध करवाना है। इसलिए पर्यटकों के लिए स्कूल के दूसरी तरफ रेंचो वाल की तरह अन्य दीवार बना दी गई है। वहां पर लिख दिया गया है कि यह प्राइवेट गेट है। स्कूल के वाइस चेयरपर्सन से¨रग मोटप ने कहा कि हमने पर्यटकों की सुविधाओं के लिए विजिटर सेंटर और रेंचो कैफे बनाया है। ऐसा इसलिए भी किया गया है ताकि स्कूल में पढ़ाई के दौरान कोई विघ्न न हो। पर्यटक बिना परेशानी के फोटो खींच सकते हैं।

स्कूल के नाम में रेंचो शब्द का जिक्र नहीं
स्कूल के कैंपस को बौद्ध मठ की तरह डिजाइन किया गया है। इसके मुख्य गेट पर रेंचो नाम का कोई शब्द नहीं है। गेट के साइड में लकड़ी के दो बड़े पैनलों पर द्रुक पदमा कारपो स्कूल लिखा गया है। यह स्कूल बनने के समय ही लिखा गया था। स्कूल के वाइस चेयरपर्सन मोटप ने बताया कि पदमा कारपो मतलब सफेद कमल है। यह बौद्ध धर्म को आत्मसात करने को निरूपित करता है।

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