मिट्टी के तेल वितरण में लगी सेंध, राशन विक्रेताओं के साथ फंसेगी अफसरों की गर्दन 

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RGA न्यूज़ उत्तर प्रदेश बरेली 

(प्रधान संपादक)

तीन माह के तेल कोटे में बड़ा खेल कर दिया गया। उपभोक्ताओं को यह तेल एक साथ बांटना था। कहीं बिल्कुल नहीं बांटा गया तो कहीं आधा और उससे कम दिया।...

बरेली:- सरकार राशन दुकानों से मिट्टी के तेल का वितरण अगले माह से बंद करने की तैयारी में है। उससे पहले तीन माह के तेल कोटे में बड़ा खेल कर दिया गया। उपभोक्ताओं को यह तेल एक साथ बांटना था। कहीं बिल्कुल नहीं बांटा गया तो कहीं आधा और उससे कम दिया। कमिश्नर की जांच में यह सब सामने आ गया। मंडलीय अधिकारी अब जांच रिपोर्ट को जोड़ने में लगे हैं। उसके बाद यह बड़ी गड़बड़ी शासन को भेजी जाएगी। कोटेदारों के साथ अफसरों की गर्दन भी फंस रही है।

तीन माह का 11 हजार किलोलीटर तेल
अप्रैल, मई और जून इन तीन माह के मिट्टी तेल का कोटा राशन विक्रेताओं को एक साथ मिला था। कमिश्नर के पास शिकायत पहुंची की कोटेदार उक्त मिट्टी का तेल बाटने की बजाए तेल पी गए हैं। उपभोक्ताओं को बांटने के बजाय फर्जी तरीके से उनके हस्ताक्षर बना लिए गए। बांटने से बचे तेल को ब्लेक करके लाखों रुपये बनाए गए हैं। इसमें सभी को हिस्सा गया है। बताया जा रहा कि करीब 11 हजार किलोलीटर तेल की हेराफेरी कर दी गई।

इस तरह की गड़बड़ी सामने आई 
फिलहाल अफसर कुछ भी बताने से बच रहे हैं लेकिन सूत्रों के मुताबिक कोटेदारों ने उपभोक्ताओं के हस्ताक्षर खुद बना लिए हैं। जांच में कुछ ऐसे हस्ताक्षर सामने आए हैं

घर में बिजली है तो नहीं मिलेगा केरोसिन
राशन विक्रेताओं का कोटा घटकर आधा पहले ही हो चुका। अब अगले माह से सरकार मिट्टी के तेल का वितरण लगभग खत्म करने जा रही है। उसके लिए शासनादेश आ गया है। अब मिट्टी का तेल सिर्फ उन्हीं उपभोक्ताओं को मिलेगा, जिनके पास बिजली और रसोई गैस कनेक्शन नहीं है। उसके लिए सर्वे शुरू हो चुका है। उपायुक्त खाद्य राजन गोयल का कहना है कि सर्वे के बाद राशन विक्रेताओं के लिए तेल का कोटा तय होगा। वे उपभोक्ताओं को वितरित करेंगे।

जिलेवार राशन कार्ड 

जनपद 
अंत्याेदय
पात्र ग्रहस्थी

बरेली
99683
711006

शाहजहांपुर
37841
544103

बदायूं
45211
 482737

पीलीभीत 
36656
 353007

रेट में अंतर बना कालाबाजारी की वजह
सरकारी और बाजार भाव में काफी अंतर होने की वजह से मिट्टी तेल की कालाबाजारी लंबे समय से हो रही है।

जरा इनकी की सुन लीजिए जनाब 

  • बाकरगंज की मैना बताती हें कि जब वह केरोसिन लेने गई तो कोटेदार ने देने से मना कर दिया। कई बार कहने पर तेल नहीं दिया।
  • नाजरा बताती हैें कि वह अपने कार्ड पर राशन ले आई, लेकिन जब केरोसिन लेने गई तो तेल न होने की बात कहकर वापस कर दिया।
  • अख्तरी का कहना है कि पहले तो कोटेदार ने कहा कि अभी राशन ले जाएं। केरोसिन बाद में दिया जाएगा। अभी तक केरोसिन नहीं मिला।

शिकायत मिलने के बाद मंडल के सभी अफसरों को लगाकर जांच कराई गई थी। आरोप था कि कोटेदारों ने तीन माह के तेल वितरण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की है। जांच के अफसर रिपोर्ट कंपाइल कर रहे हैं। रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। -रणवीर प्रसाद, कमिश्नर

रंग बदलने के बाद होती कालाबाजारी
मिट्टी का तेल ब्लेक में रंग बदलने के बाद बेचा जाता है। जानकार बताते हैं कि नीले तेल को एक केमिकल के माध्यम से सफेद कर लिया जाता है। एक तो तेल की मिलावट पेट्रोल में होती है। दूसरे ग्रामीण क्षेत्रों में इंजनों में इस्तेमाल होता है।

केरोसिन की जांच में लगाए गए सभी मंडलीय अफसर
कमिश्नर ने शिकायत को गंभीरता से लेते जांच में सभी मंडलीय अधिकारी उतार दिए। उन्होंने बरेली समेत मंडल के चारों जिलों में जाकर ब्लॉकवार चेकिंग की। उपभोक्ताओं से बात की। राशन विक्रेताओं का रिकॉर्ड चेक किया। काफी कुछ कमियां सामने आई हैं। कहीं तेल बिल्कुल नहीं बांटा गया तो कहीं तय से कम दिया गया है।

किस कार्ड पर कितना तेल
अफसरों के मुताबिक अंत्योदय कार्डधारकों को प्रति माह तीन और पात्र व्यक्ति कार्ड वालों को दो लीटर वितरित किया जाता है। शिकायत बनी रहती है कि कोटेदार मिट्टी के तेल वितरण में हर माह मनमानी करते हैं। ऐसे में एक साथ तीन माह का वितरण पूरी तरह नहीं कर सकते। हुआ भी ऐसा ही है। 

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