खेती का स्कूल ऐसा, ज्ञान मिला न पैसा

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RGA न्यूज़ उत्तर प्रदेश अंबेडकर नगर

जिस तरह विद्यालयों और महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं की क्लास लगती है...

अंबेडकरनगर : कृषि विभाग का दावा है कि किसानों को समग्र और उन्नत खेती-किसानी का पाठ पढ़ाने के लिए जिले में 18 कृषि फार्म स्कूल खोले गए हैं। मकसद था कम लागत में किसानों की आय को दोगुना करना। इसके लिए किसान के एक हेक्टेयर खेत में समग्र खेती-किसानी का प्रदर्शन होना था। बदले में किसान को 29 हजार रुपये मिलते। किसानों का आरोप है कि विभागीय अधिकारी समग्र खेती प्रदर्शन के नाम पर खानापूर्ति कर इस रकम को हजम कर गए। किसानों को न पैसा मिला, न ही उन्नत खेती का ज्ञान।

किसानों ने विभाग पर मढ़े आरोप

अकबरपुर ब्लॉक के किसान अमरजीत वर्मा, टांडा के राम उजागिर वर्मा, शिव प्रसाद सिंह, कटेहरी के नन्हे सिंह आदि किसानों का आरोप है कि कृषि विभाग द्वारा किसान फार्म स्कूल का लाभ किसानों को नहीं दिया जाता। प्रशिक्षण महज कागजों में ही संचालित किया जा रहा है। बताया गया कि कुछ उन्नतिशील किसानों के खेतों में बैनर लगाकर फोटो खींच ली जाती है और फाइलों में कार्यवाही कर बजट का बंदरबांट कर लिया जाता है

क्या है कृषि फार्म स्कूल

प्रत्येक विकासखंड में तीन-तीन किसानों की एक-एक हेक्टेयर कृषि भूमि में समग्र खेती-किसानी का प्रदर्शन होना था। इसी को कृषि फार्म स्कूल का नाम दिया गया। जिले के नौ विकासखंडों में 18 कृषि फार्म तैयार किए गए हैं। इसके लिए प्रत्येक किसान को 29,414 रुपये बतौर अनुदान दिया जाता। इस कृषि फार्म में जहां सिचाई के लिए तालाब का चयन किया जाता है तो वहीं फसल के साथ-साथ पशुपालन, मछली पालन, सब्जी, फल, फूल आदि का उत्पादन भी एक साथ करने का प्रावधान है। प्रत्येक कृषि फार्म स्कूल से आसपास के गांवों के 25-25 किसानों को जोड़ा जाना था और समय-समय पर कृषि विभाग के अधिकारी तथा कृषि वैज्ञानिक वहां पहुंचकर किसानों का मार्गदर्शन करते।

वर्जन

जिले में फसलवार किसान फॉर्म स्कूलों का चयन ब्लॉक स्तरीय समिति बीटीएम करती है। किसानों के आरोपों की जांच कराई जाएगी। दोषी कर्मचारियों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

रामदत्त बागला, उप कृषि निदेशक, अंबेडकरनगर

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