प्रधानमंत्री ने श्रीकृष्ण की धरती से पशुओं को रोग मुक्त बनाने का दिलाया संकल्प

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RGA न्यूज़ उत्तर प्रदेश मथुरा

भगवान और श्रीकृष्ण और राधा जी के धरती को नमन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पवन ब्रज भूमि की पवित्र माटी को प्रणाम करता भये सब ब्रज वासिन को मेरी राधे-राधे।...

मथुरा :-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंच पर पहुंचते ही पंडाल मोदी-मोदी के नारों से गूंजा। पीएम मोदी हाथ हिलाकर और जोड़कर सभी का अभिवादन किया। सबसे पहले पीएम मोदी ने 'स्वच्छता ही सेवा' का शुभारंभ किया। इस बार यह अभियान प्लास्टिक के खिलाफ चलाया जा रहा है, जो 11 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलेगा।पीएम मोदी ने पशुपालन और दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं का भी शुभारंभ किया। उन्होंने श्रीकृष्ण की धरती से पशुओं को रोग मुक्त बनाने का संकल्प दिलाया। इस दौरान उन्होंने गाय और ओम के माध्यम से विपक्ष पर भी निशाना भी साधा।

भगवान और श्रीकृष्ण और राधाजी के धरती को नमन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पवन ब्रज भूमि की पवित्र माटी को प्रणाम करता भये सब ब्रज वासिन को मेरी राधे-राधे। नए जनादेश के बाद कान्हा की नगरी में पहली बार आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। इस बार भी पूरे उत्तर प्रदेश का पूरा आशीर्वाद मुझे और मेरे साथियों को प्राप्त हुआ है। देशहित में आपके इस निर्णय के लिए में ब्रजभूमि से आपके सामने शीश झुकाता हूं। आप सभी के आदेश के अनुरूप बीते 100 दिन में हमने अभूतपूर्व काम करके दिखाया है। मुझे विश्वास है कि देश के विकास के लिए आपका ये समर्थन और आशीर्वाद हमें मिलता रहेगा

ब्रजभूमि ने पूरी मानवता को प्रेरित किया 

मोदी ने कहा कि ब्रजभूमि ने हमेशा से ही पूरे विश्व और पूरी मानवता को प्रेरित किया है। आज पूरा विश्व पर्यावरण संरक्षण के लिए रोल मॉडल ढूंढ रहा है, लेकिन भारत के पास भगवान श्रीकृष्ण जैसा प्रेरणास्रोत हमेशा से रहा है, जिनकी कल्पना ही पर्यावरण प्रेम के बिना अधूरी है। प्रकृति, पर्यावरण और पशुधन के बिना जितने अधूरे खुद हमारे आराध्य नजर आते हैं उतना ही अधूरापन हमें भारत में भी नजर आएगा। पर्यावरण और पशुधन हमेशा से ही भारत के आर्थिक चिंतन का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। दूध दही माखन के बिना बाल गोपाल की कल्पना कोई नहीं कर सकता है। कृषि, पशुधन का संतुलन बिना आगे बढ़ना संभव नहीं।

स्वच्छता ही सेवा अभियान की शुरुआत

पीएम मोदी ने कहा कि स्वच्छ भारत हो, जल जीवन मिशन हो या फिर कृषि और पशुपालन को प्रोत्साहन, प्रकृति और आर्थिक विकास में संतुलन बनाकर ही हम सशक्त और नए भारत के निर्माण की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। आज स्वच्छता ही सेवा अभियान की शुरुआत हुई है, नेशनल एनिमल डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम को भी लॉन्च किया गया है।पशुओं के स्वास्थ्य, पोषण, डेयरी उद्योग और कुछ अन्य परियोजनाएं भी शुरू हुई हैं। इसके अलावा मथुरा के इन्फ्रास्ट्रक्चर और पर्यटन से जुड़े कई परियोजनाओं शुभारंभ भी हुआ है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी 150वीं जयंती ये प्रेरणा का वर्ष है। स्वच्छता ही सेवा के पीछे भी यही भावना छुपी हुई है। उसको अपनाने का संकल्प ही गांधी जी को सच्ची श्रद्धांजलि है।

सिंगल यूज प्लास्टिक से हमें छुटकारा पाना ही होगा

मोदी ने कहा कि आज से शुरू हो रहे इस अभियान को इस बार विशेष तौर पर प्लास्टिक के कचरे से मुक्ति के लिए समर्पित किया गया है। प्लास्टिक से होने वाली समस्या समय के साथ गंभीर होती जा रही है। आप ब्रजवासी तो अच्छी तरह जानते है कैसे प्लास्टिक पशुओं की मौत का कारण बन रही है। इसी तरह नदियां, तालाबों में रहने वाले प्राणियों का वहां की मछलियों का प्लास्टिक को निगलने के बाद जिंदा बचना मुश्किल हो जाता है। प्लास्टिक कचरा पशुधन, जलीय जीवों को खतरा है। उन्होंने सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति का संकल्प दिलाया। कहा, अब सिंगल यूज प्लास्टिक से हमें छुटकारा पाना ही होगा। हमें कोशिश करनी है कि 2 अक्टूबर तक अपने दफ्तरों, घरों और अपने आसपास के वातावरण को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करना है। आपकी संतानों के उज्ज्वल भविष्य के लिए यह करना ही होगा।

कचरे से कंचन की सोच

पीएम ने कहा कि जो कचरा री-साइकिल नहीं हो सकता है, उन्हें सीमेंट फैक्ट्रियों और सड़कों को बनाने मेंउपयोग किया जाएगा। प्लास्टिक अलग करने वाली महिलाओं से मिला। कचरे से कंचन की सोच ही हमें इस अभियान से आगे ले जाएगी। कचरे से कंचन की सोच ही हमारे वतावरण को स्वच्छ बनाएगी। मोदी ने कहा कि मैं देश भर के गांव-गांव में काम कर रहे हर सेल्फ हेल्प ग्रुप से, सामाजिक संगठनों से, युवा मंडलों से, महिला मंडलों से, क्लबों से, स्कूलों और कॉलेजों से, सरकारी और निजी संस्थानों से, हर व्यक्ति हर संगठन से इस अभियान से जुड़ने का आग्रह करता हूं। स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के साथ ही कुछ परिवर्तन हमें अपनी आदतों में भी करने होंगे। हमें ये तय करना है कि हम जब भी बाजार में कुछ भी खरीददारी करने जाएं, तो साथ में कपड़े या जूट का झोला जरूर ले जाएं। पैकिंग के लिए दुकानदार प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करें।

ओम या गाय शब्‍द सुनते ही कुछ लोगों के बाल खड़े हो जाते

पीएम मोदी ने विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ओम या गाय शब्‍द सुनते ही कुछ लोगों के कान खड़े हो जाते हैं। कुछ लोगों के कान में गाय शब्‍द पड़ता है तो उनके बाल खड़े हो जाते हैं। उनको करंट लग जाता है। उनको लगता है कि देश 16वीं 17वीं सदी में चला गया है। ऐसे लोगों ने ही देश को बर्बाद किया है।

स्वच्छता और स्वास्थ्य की दिशा में योगी सरकार का कार्य प्रशंसनीय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वच्छता और स्वास्थ्य की दिशा में योगी सरकार का कार्य प्रशंसनीय है।इंसेफ्लाइटिस की दिशा में योगी सरकार ने सराहनीय कार्य किया। गंभीर बीमारी को स्वच्छता के माध्यम से काबू किया। मस्तिष्क ज्वर के कारण पार्लियामेंट में योगी जी दर्दनाक कथा सुनाकर देश को जगाने की कोशिश करते थे। हालांकि, कुछ निहित स्वार्थी समूहों ने हाल में हुईं बच्चों की मौतों के लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराया, लेकिन योगी जी ने अपना काम जारी रखा। पीएम ने कहा कि जल जीवन मिशन के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा। इससे खर्च घटेगा, सुविधा मिलेगी। पशुधन के क्षेत्र में निवेश अधिक लाभ देने वाला है। गोकुल मिशन और अब कामधेनु आयोग का गठन इसी दिशा में एक प्रयास है। इसके माध्यम से किसान, पशुपालकों की आय बढ़ी है।

जल संकट का उपाय है- जल जीवन मिशन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पर्यावरण और स्वास्थ्य से जुड़ा एक विषय है जल संकट। जल संकट का उपाय है- जल जीवन मिशन। इस मिशन के तहत जल संरक्षण और हर घर जल पहुंचाने पर जोर दिया जा रहा है। इसका बहुत बड़ा लाभ गांवों में रहने वालों को, किसानों को मिलेगा। इससे माताओं-बहनों को सुविधा मिलेगी। किसानों की आय बढ़ाने में पशुपालन और दूसरे व्यवसायों की भी बहुत बड़ी भूमिका है। पशुपालन हो, मछली पालन हो या मधुमक्खी पालन, इन पर किया गया निवेश ज्यादा कमाई कराता है। इसके लिए बीते 5 वर्षों में कृषि से जुड़े दूसरे विकल्पों पर हम एक नई अप्रोच के साथ आगे बढ़े हैं। पशुधन की गुणवत्ता और स्वास्थ्य से लेकर डेयरी प्रोडक्ट्स की वेराइटी को विस्तार देने के लिए जो भी जरूरी कदम थे, वो उठाए गए हैं। दुधारू पशुओं की गुणवत्ता के लिए पहले राष्ट्रीय गोकुल मिशन शुरू किया गया और इस वर्ष देश पशुओं की उचित देखरेख के लिए कामधेनु आयोग बनाने का निर्णय हुआ। इसी नई एप्रोच का परिणाम है कि 5 साल के दौरान दूध उत्पादन में करीब 7 फीसद की वृद्धि हुई है। किसानों, पशुपालकों की आय में करीब 13 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है।

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