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वैशाख शुक्ल द्वादशी को रुक्मिणी द्वादशी मनाई जाती है। रुक्मिणी को मां लक्ष्मी का अवतार माना गया है। भगवान श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी का जिस मंदिर से हरण किया यह अवंतिका देवी मंदिर उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में अनूपशहर तहसील के जहांगीराबाद से करीब 15 किमी. दूर गंगा नदी के तट पर है। मान्यता है कि इस मंदिर में अवंतिका देवी, जिन्हें अम्बिका देवी भी कहते हैं, साक्षात प्रकट हुई थीं। रुक्मिणी रोजाना अवंतिका देवी के मंदिर में पूजा करने आती थीं।
विदर्भ देश में भीष्मक नामक परम तेजस्वी राजा थे। उनकी राजधानी कुण्डिनपुर थी। उनकी पुत्री का नाम रुक्मिणी था। पांच भाइयों के बाद उत्पन्न हुई रुक्मिणी सभी की लाडली थी। रुक्मिणी जब विवाह योग्य हुईं तो भगवान श्रीकृष्ण के प्रति आसक्त हो गईं। रुक्मिणी के बड़े भाई रुक्मी कृष्ण से शत्रुता रखते थे। वह अपनी बहन का विवाह श्रीकृष्ण की बुआ के बेटे शिशुपाल के साथ करना चाहते थे। शिशुपाल भी कृष्ण से शत्रुता रखता था। राजा भीष्मक ने शिशुपाल के साथ पुत्री के विवाह का निश्चय कर लिया और विवाह की तिथि भी निश्चित कर ली। रुक्मिणी ने यह बात अवंतिका मंदिर के पुजारी के माध्यम से श्रीकृष्ण तक पहुंचा दी। फिर श्रीकृष्ण ने यहां आकर रुक्मिणी का हरण किया था।