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RGA न्यूज़ लखनऊ
मायावती ने राजस्थान में बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय के बाद कांग्रेस पर हमला बोला है। मायावती ने इस संबंध में तीन ट्वीट पर कांग्रेस पर हमला बोला है।..
लखनऊ:- कांग्रेस पर लंबे समय से हमलावर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती को राजस्थान में बड़ा झटका लगा हैं। मायावती को यह झटका कांग्रेस ने दिया है। राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी के सभी छह विधायक कांग्रेस में शामिल होने से मायावती काफी तिलमिला गई हैं और उन्होंने कांग्रेस को धोखेबाज पार्टी की संज्ञा दे डाली।
राजस्थान विधानसभा में विधायकों की संख्या छह से शून्य पर पहुंचने पर बसपा मुखिया मायावती बेहद भड़की हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि बसपा के विधायकों को शामिल कर कांग्रेस ने एक बार फिर गैर भरोसेमंद के साथ धोखेबाज पार्टी होने का प्रमाण दिया है।
मायावती ने राजस्थान में बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय के बाद कांग्रेस पर हमला बोला है। मायावती ने इस संबंध में तीन ट्वीट पर कांग्रेस पर हमला बोला है।
मायावती ने ट्वीट किया है कि राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने एक बार फिर बीएसपी के विधायकों को तोड़कर गैर-भरोसेमन्द व धोखेबाज पार्टी होने का प्रमाण दिया है। यह बीएसपी मूवमेन्ट के साथ विश्वासघात है, जो दोबारा तब किया गया है, जब बीएसपी वहां कांग्रेस सरकार को बाहर से बिना शर्त समर्थन दे रही थी।
1. राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने एक बार फिर बीएसपी के विधायकों को तोड़कर गैर-भरोसेमन्द व धोखेबाज़ पार्टी होने का प्रमाण दिया है। यह बीएसपी मूवमेन्ट के साथ विश्वासघात है जो दोबारा तब किया गया है जब बीएसपी वहाँ कांग्रेस सरकार को बाहर से बिना शर्त समर्थन दे रही थी।
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अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि कांग्रेस अपनी कटु विरोधी पार्टी/संगठनों से लडऩे के बजाए हर जगह उन पार्टियों को ही सदा आघात पहुंचाने का काम करती है, जो उन्हें सहयोग/समर्थन देते हैं। कांग्रेस इस प्रकार एससी, एसटी, ओबीसी विरोधी पार्टी है तथा इन वर्गों के आरक्षण के हक के प्रति कभी गंभीर व ईमानदार नहीं रही है।
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1. राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने एक बार फिर बीएसपी के विधायकों को तोड़कर गैर-भरोसेमन्द व धोखेबाज़ पार्टी होने का प्रमाण दिया है। यह बीएसपी मूवमेन्ट के साथ विश्वासघात है जो दोबारा तब किया गया है जब बीएसपी वहाँ कांग्रेस सरकार को बाहर से बिना शर्त समर्थन दे रही थी।
2. कांग्रेस अपनी कटु विरोधी पार्टी/संगठनों से लड़ने के बजाए हर जगह उन पार्टियों को ही सदा आघात पहुंचाने का काम करती है जो उन्हें सहयोग/समर्थन देते हैं। कांग्रेस इस प्रकार एससी, एसटी,ओबीसी विरोधी पार्टी है तथा इन वर्गों के आरक्षण के हक के प्रति कभी गंभीर व ईमानदार नहीं रही है।
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तीसरे ट्वीट में मायावती ने लिखा है कि कांग्रेस हमेशा ही बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर व उनकी मानवतावादी विचारधारा की विरोधी रही. इसी कारण डॉ अम्बेडकर को देश के पहले कानून मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। कांग्रेस ने उन्हें न तो कभी लोकसभा में चुनकर जाने दिया और न ही भारतरत्न से सम्मानित किया। यह अति-दु:खद व शर्मनाक।
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@Mayawati को जवाब दिया जा रहा है
2. कांग्रेस अपनी कटु विरोधी पार्टी/संगठनों से लड़ने के बजाए हर जगह उन पार्टियों को ही सदा आघात पहुंचाने का काम करती है जो उन्हें सहयोग/समर्थन देते हैं। कांग्रेस इस प्रकार एससी, एसटी,ओबीसी विरोधी पार्टी है तथा इन वर्गों के आरक्षण के हक के प्रति कभी गंभीर व ईमानदार नहीं रही है।
3.कांग्रेस हमेशा ही बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर व उनकी मानवतावादी विचारधारा की विरोधी रही। इसी कारण डा अम्बेडकर को देश के पहले कानून मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। कांग्रेस ने उन्हें न तो कभी लोकसभा में चुनकर जाने दिया और न ही भारतरत्न से सम्मानित किया। अति-दुःखद व शर्मनाक।
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बसपा विधायक वाजिब अली ने कहा कि राजस्थान में बसपा के छह विधायक थे। सभी ने कांग्रेस जॉइन कर ली है, हमने बसपा विधायक दल के कांग्रेस में विलय का पत्र विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिया है। साम्प्रदायिक ताकतों से मुकाबले के लिए हम सभी कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।
गौरतलब है कि बसपा विधायक दल सोमवार को कांग्रेस में शामिल हो गया। इस बाबत बसपा विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को विलय पत्र भी सौंप दिया है। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस को कुल 99 सीटें मिली थी। भाजपा को 73 सीट मिली थीं। कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन पूर्ण बहुमत से एक सीट कम रह गई। कांग्रेस ने इसके बाद बसपा तथा निर्दलीय विधायकों की मदद से सरकार बनी ली थी। अब बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के बाद अब गहलोत सरकार अपने दम पर पूर्ण बहुमत वाली सरकार हो गई है।