वास्तु दोष दूर करने के लिए यह दिन है खास

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वैशाख मास में पूर्णिमा के दिन भगवान श्री हरि विष्णु के कूर्म अवतार के रूप में कूर्म जयंती का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी तिथि को भगवान विष्णु ने कूर्म (कछुए) का अवतार धारण किया था। समुद्र मंथन के समय श्री हरि ने कूर्म अवतार लेकर मंदराचल पर्वत को अपनी पीठ पर धारण किया था। इस दिन को निर्माण संबंधी कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। अगर आपको परिवार के लिए घर की आवश्यकता है तो कूर्म स्वरुप श्री हरि विष्णु की पूजा करें। भगवान को पीले फल व पीले वस्त्र अर्पित करें।

कूर्मावतार भगवान श्री हरि के प्रसिद्ध दस अवतारों में द्वितीय अवतार है और 24 अवतारों में 11वां अवतार है। कूर्म जयंती नया घर, भूमि आदि के पूजन के लिए सबसे उत्तम समय माना जाता है। इस विशेष दिवस पर घर से वास्तु दोष दूर किए जा सकते हैं। नया भवन बना रहे हैं तो घर की नींव में चांदी का कछुआ रखने से परिवार में संपन्नता और खुशहाली आती है। बच्चों के कमरे में मिट्टी के कछुए को स्थापित करें। शयन कक्ष में धातु का कछुआ रखने से गहरी निद्रा आती है। रसोई घर में कूर्म की स्थापना करने से वहां पकने वाला भोजन रोगों से मुक्ति दिलाता है। घर की छत पर कूर्म की स्थापना करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।

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