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RGA न्यूज़ उत्तर प्रदेश बरेली
एक साल के अंदर दो दिन ऐसे देखे जिनकी कभी कल्पना नहीं की। पहला दिन वो जो बेहद डरावना था तब पता चला था कि मुझे कैंसर हो गया है। ...
बरेली: एक साल के अंदर दो दिन ऐसे देखे, जिनकी कभी कल्पना नहीं की। पहला दिन वो जो बेहद डरावना था, तब पता चला था कि मुझे कैंसर हो गया है। और दूसरा दिन मंगलवार का, जोकि किसी सपने जैसा था जब प्रधानमंत्री ने सामने बैठाकर पूछा- सरताज, अब तबीयत कैसी है। मेरे लिए इससे बढ़कर कुछ नहीं।
भावुक हुआ सरताज
बरेली के सराय खाम में रहने वाले सरताज दैनिक जागरण को फोन पर यह बताते हुए भावुक हो गए। बोले, आयुष्मान योजना के तहत इलाज पाकर ठीक होने वालों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली बुलाया था। उत्तर प्रदेश से सिर्फ मेरा नाम शामिल था। मंगलवार शाम को आयुष्मान भारत योजना का मोबाइल एप लांच करने से पहले उन्होंने मुझसे व कुछ अन्य लाभार्थियों से बात की। पूछा, अब तबीयत कैसी है। फिर योजना के बारे में पूछने लगे। मैंने बताया कि आयुष्मान योजना की वजह से ही मेरी जान बची, नहीं तो मेरे पास इलाज के लिए रुपये ही नहीं थे।
रिक्शा चालक को हुआ था कैंसर
कुमार टाकीज के पास मुहल्ला सराय खाम में सरताज परिवार के साथ टीन शेड पड़े एक घर में रहते हैं। रिक्शा चलाकर परिवार पालते हैं। करीब एक साल पहले उनके मुंह में गांठ निकल आई थी। शुरूआत में आसपास के डॉक्टरों से दवा लेते रहे। बाद में जांच करवाई तो कैंसर निकला।
निजी अस्पताल मेें हुआ मुफ्त इलाज
पिछले साल दिसंबर में सरताज के घर प्रधानमंत्री का पत्र पहुंचा। पता चला कि वह आयुष्मान योजना में पात्र हैैं। जिसके बाद जिला अस्पताल गए और आयुष्मान केंद्र से गोल्डन कार्ड बनवाया। इसके बाद पीलीभीत बाईपास स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज करवाया। उनके मुंह की सर्जरी, रेडियोथैरेपी, कीमोथैरेपी मुफ्त हुई। इलाज के बाद वह ठीक हैं।
प्रदेश में सबसे अधिक मरीजों को मिली सुविधा
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आयुष्मान भारत के तहत मरीजों को लाभ देने में उत्तर प्रदेश का जिला बरेली सबसे ऊपर है। जिले ने साल भर से अव्वल स्थान बनाए रखा है। योजना के तहत अब तक जिले में 16 हजार से अधिक मरीजों को लाभ दिलाया जा चुका है। 1.21 लाख से अधिक पात्र लोगों के गोल्डन कार्ड जारी कर दिए हैैं। यही कारण है कि जिले से योजना में लाभांवित मरीज को दिल्ली बुलाकर खुद प्रधानमंत्री ने हाल पूछा।
पंद्रह दिन पहले एनएचटी से आया था पत्र
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी से जिला अस्पताल के आयुष्मान केंद्र के पास पत्र आया था। जिसमें जिले के आयुष्मान लाभार्थियों की सूची मांगी गई थी। यहां से तीन नाम भेजे गए थे, जिनमें सरताज का नाम चयनित हुए। जिसके बाद उन्हें मंगलवार दोपहर दो बजे प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंचने को कहा गया था। वह तय समय पर पहुंचे, इसके बाद प्रधानमंत्री से मुलाकात हुई। बुधवार दोपहर को वह दिल्ली से बरेली के लिए वापस चल दिए
ज के मुंह में गांठ थी जिसे जांच में कैंसर बताया गया। चूंकि बीमारी आरंभिक स्टेज पर थी इसलिए उनका इलाज शहर के ही निजी अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत किया गया। फिलहाल उनकी हालत ठीक है।
-डॉ. विनीत शुक्ला, सीएमओ