RGA न्यूज़ बदायूं
कछला गोशाला में कुल 76 जानवर संरक्षित हैं। इनमें से इनमें 13 गाय सात बछिया और पांच सांड की रविवार देर शाम मौत हो गई। ...
बदायूं:- प्रदेश सरकार की वरीयता में शामिल गाय तथा गो वंश की रक्षा के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है। जिम्मेदारों की इसी अनदेखी के कारण रविवार देर शाम बदायूं के कछला कस्बा की गो शाला में 25 गो वंश की मौत हो गई।
कछला गोशाला में कुल 76 जानवर संरक्षित हैं। इनमें से इनमें 13 गाय, सात बछिया और पांच सांड की रविवार देर शाम मौत हो गई। आशंका है कि इनको चारा में जहरीला पदार्थ खिलाकर मारा गया है। महज एक घंटे में 22 गोवंशों की मौत से जिला प्रशासन में खलबली मची है।
गो शाला में गो वंश को चारा में जहर देकर मारने की आशंका जताई जा रही है। इस घटना के बाद जिलाधिकारी, नगर पंचायत अध्यक्ष, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी और उझानी कोतवाल मौके पर पहुंच गए। बड़ी संख्या में गोवंशीय पशुओं की मौत कैसे हुई। सभी इसकी वजह तलाशने में लगे हैं।
कछला कस्बा में गंगा किनारे श्मशान घाट के पास गोशाला बनी है। इसमें करीब 70 गो वंशीय पशु हैं। रविवार रात नौ बजे अचानक रंभाने के साथ ही कई गाय पछाड़ खाकर गिर पड़ीं और छटपटाने लगीं। इसके बाद देखते ही देखते 25 गायों की मौत हो गई। जबकि नौ की हालत गंभीर है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी (सीवीओ) डॉ. एके जादौन टीम के साथ मौके पर पहुंचे और बीमार गायों का उपचार शुरू कि
सीवीओ ने बताया कि गोशाला में एक साथ इतनी संख्या में गायों की मौत के पीछे चारे में जहरीला पदार्थ होने की आशंका है। सीवीओ ने बताया कि गोशाला में एक साथ इतनी संख्या में गायों की मौत के पीछे तो चारे में जहरीला पदार्थ होने की आशंका है। इसके साथ ही यहां पर माहौल बिगाडऩे के लिए यह कोशिश की गई है। अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्थिति साफ होगी। इस मामले में प्राथमिक जांच में पता चला है कि गो शाला में पिछले 15 दिन से चारा सोरो, कासगंज से मंगाया जा
चारे का भरा सैंपल, बीमार गायों को बचाने की जद्दोजहद
गोशाला में 25 गायों की मौत के बाद देर रात डीएम दिनेश कुमार सिंह भी मौके पर पहुंच गए। पशु चिकित्सकों को निर्देश दिए कि बीमार गायों को बचाने में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। चारा और पानी का सैंपल भरवाया गया। छानबीन में पता चला कि जो घास गायों की खिलाई गई थी, वह पड़ोसी जिला कासगंज के सोरों से मंगवाई गई थी। कांची कुटी प्रजाति की यह घास ही बीते 15 दिन से गाय खा रही थीं। रविवार रात अचानक गायों की धड़ाधड़ मौत होती चली गई। 15 दिन पहले से ही कासगंज से घास की सप्लाई शुरू हुई थी। ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर घास में कोई जहर होता तो यह हादसा पहले ही हो चुका होता। जाहिर है कि किसी व्यक्ति ने घास को जहरीला किया था। फिर चाहें घास में जहर डाला गया हो या फिर गायों के पीने के पानी में जहर मिलाया गया हो। पुलिस ने भी वह स्थान देखा जहां इन गायों को पीने के लिए पानी रखा जाता है। पानी का सैंपल भी टीम ने लिया है। घास को भी प्रिजर्व किया गया है। ताकि जांच में यह पता लग सके कि जहर आखिर कहां से आया।
स भी इसी जांच में जुटी है कि गोशाला के आसपास कौन लोग आए थे। इसके लिए आसपास इलाके के लोगों से भी रात में ही पूछताछ शुरू कर दी गई। डीएम दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि हर पहलू पर जांच कराई जा रही है, जो भी दोषी मिलेगा उसे बख्शा नहीं जाएगा।
दिनभर कछला में रहे अफसर
कछला गंगा घाट पर 15 अक्टूबर को नमामि गंगे अभियान के तहत केंद्र सरकार की टीम निरीक्षण करने आ रही है। इसको देखते हुए डीएम दिनेश कुमार सिंह समेत पूरा प्रशासनिक अमला कछला की व्यवस्था दुरुस्त कराने की लगा हुआ है। रविवार को भी डीएम, एडीएम समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी घंटों गंगा घाट पर सफाई अभियान चलाते दिखाई दिए। गोशाला में एक साथ 25 गायों की मौत हो जाने से प्रशासनिक अमले में भी खलबली मची हुई है।