Dhulu Mahto को कोर्ट ने सुनाई 18 महीने की सजा, बची झारखंड विधानसभा की सदस्यता

Praveen Upadhayay's picture

RGA न्यू झारखंड धनबाद

सरकारी कार्य में बाधा डालने और पुलिस इंस्पेक्टर की वर्दी फाड़ने के मामले में धनबाद कोर्ट ने भाजपा विधायक ढुलू महतो को 18 महीने की सजा सुनाई। हालांकि उनकी विधानसभा की सदस्यता बच गई है।...

धनबाद:- अदालत ने BJP के बाहुबली विधायक ढुलू महतो को सरकारी कार्य में बाधा डालने और पुलिस इंस्पेक्टर की वर्दी फाड़ने के मामले में दोषी करार दिया है। धनबाद की अनुमंडल दंडाधिकारी शिखा अग्रवाल की अदालत ने बुधवार को दोषी करार देते हुए 18 महीने की सजा सुनाई। ढुलू महतो अब सजायाफ्ता विधायक हो गए हैं। हालांकि उनके लिए राहत की बात यह है कि तकनीकी रूप से झारखंड विधानसभा की सदस्यता बच गई है। वह अगला विधानसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं।

क्या है मामलाः Baghmara MLA Dhulu Mahto पर पुलिस अभिरक्षा से वारंटी राजेश गुप्ता को छुड़ाने का आरोप था। विधायक और विधायक समर्थकों द्वारा वारंटी को छुड़ाने के क्रम में बरोरा के तत्कालीन थाना प्रभारी आरएन चाैधरी की वर्दी भी फट गई थी। इस मामले में विधायक ढुलू महतो के खिलाफ बरोरा के तत्कालीन थाना प्रभारी आरएन चौधरी ने कतरास थाना में कांड संख्या- 120/13 दर्ज कराई थी। प्राथमिकी के अनुसार 12 मई 2013 को बरोरा के तत्कालीन थाना वारंटी राजेश गुप्ता को उनके निश्चितपुर स्थित आवास पर पकडऩे गए थे। राजेश गुप्ता को पकड़ भी लिया। इस बात की जानकारी जब विधायक ढुलू महतो को लगी तो वे अपने समर्थकों के साथ आए और गुप्ता को छुड़ा कर ले गए। इस दौरान विधायक और उनके समर्थकों ने पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी की। थानेदार आरएन चौधरी की शिकायत पर पुलिस ने विधायक ढुलू महतो पर राजेश गुप्ता, चुनचुन गुप्ता, रामेश्वर महतो, गंगा गुप्ता, बसंत शर्मा समेत अन्य के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने व अभिरक्षा से वारंटी को जबरन मुक्त कराने, हमला करने, आग्नेयास्त्र छिनने की कोशिश करने की प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

पांच को सजा, एक बरीः विधायक ढुलू से संबंधित GR नंबर- 20123/13 की सुनवाई अनुमंडल दंडाधिकारी शिक्षा अग्रवाल ने पहले ही पूरी कर ली थी। 9 अक्टूबर फैसले की तिथि मुकर्रर की गई थी। अदालत ने विधायक ढुलू महतो, राजेश गुप्ता, चुनचुन गुप्ता, रामेश्वर महतो और गंगा गुप्ता को दोषी करार दिया। जबकि बसंत शर्मा को आरोप मुक्त कर दिया गया। अदालत ने पांचों दोषियों को डेढ़-डेढ़ वर्ष की साधारण कारावास एवं 9 हजार रुपये जुर्माना से दंडित किया है। बचाव पक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता एसएन मुखर्जी, एनके सविता, राधेश्याम गोस्वामी, ललन प्रसाद ने पैरवी की।

क्या कहता है जनप्रतिनिधित्व कानूनःभारतीय जनप्रतिनिधित्व कानून के अनुसार अगर किसी भी सांसद-विधायक या जनप्रतिनिधि को न्यायालय से दो वर्ष या दो वर्ष से अधिक की सजा होती है तो उसकी सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाएगी। साथ ही वह सजा अवधि के बाद अगले पांच साल तक चुनाव भी नहीं लड़ सकता। इस कसाैटी पर सजायाफ्ता विधायक ढुलू महतो की सदस्यता बच गई है। जाहिर है सजायाफ्ता होने के बाद भी अब ढुलू महतो विधानसभा  का चुनाव लड़ सकते हैं।

News Category: 
Place: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.