
RGA न्यूज़ उत्तर प्रदेश बनारस
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आयुर्वेद और माडर्न मेडिसिन के समागम के लिए एक केंद्र स्थापित किया जाएगा।..
वाराणसी:- काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आयुर्वेद और माडर्न मेडिसिन के समागम के लिए एक केंद्र स्थापित किया जाएगा। इसके लिए आयुर्वेद संकाय दस करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इसे दीपावली से पहले आयुष मंत्रालय को भेजा जाएगा।
रोग के कारण का पता लगाकर उपचार की बात तो माडर्न मेडिसिन करता है, लेकिन आयुर्वेद कारक के पहचान की पुष्टि करता है। आयुर्वेद सिद्धांत के अनुसार वात, पित्त और कफ में अनियमितता शरीर में रोग पैदा करते हैं। इसे आधुनिक विज्ञान के हिसाब से साबित करने और वैज्ञानिक आधार देने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फार इंटीग्रेटिव मेडिसिन की परिकल्पना की गई है। 'महामना एवं आयुर्वेद' विषयक गोष्ठी में पिछले दिनों शिरकत करने पहुंचे केंद्रीय आयुष मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपद येसो नाईक ने इसके लिए 10 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध कराने की घोषणा की थी, जिसके बाद संकाय में सेंटर स्थापित करने की कवायद तेज हो गई। 12 अक्टूबर को भवन कमेटी ने इसे स्वीकृति प्रदान की, जिसके बाद इसे कार्यकारिणी परिषद में रखा जाएगा।
धनराशि आवंटित होते ही शुरू होगा काम
मंत्रालय से धनराशि आवंटित होते ही सेंटर के लिए भवन निर्माण संग नियुक्तियों का क्रम शुरू होगा। इसमें बायोकेमिस्ट्री, बायो-इंफार्मेटिक्स, एमडी-फार्मा के लोग नियुक्त होंगे। ये लोग आयुर्वेद विद्वानों के निर्देशन में काम करेंगे।
कौशल विकास संग शोध
केंद्र का उद्देश्य आयुर्वेद सिद्धांतों का शोध व हेल्थ केयर संग कौशल विकास करना है। 12वीं उत्तीर्ण छात्रों को आयुष मित्र बनाकर जहां उनके लिए रोजगार के मौके उपलब्ध कराए जाएंगे। वहीं हर स्तर पर मार्डन मेडिसिन के लोगों को आयुर्वेद में प्रशिक्षित किया जाएगा।
-आयुर्वेद के सिद्धांतों को माडर्न मेडिसिन की कसौटियों पर कसते हुए वैज्ञानिक आधार पर दुनिया के सामने लाया जाएगा। इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसे जल्द ही मंत्रालय को भेजा जाएगा। - प्रो. यामिनी भूषण त्रिपाठी, संकाय प्रमुख (आयुर्वेद संकाय-बीएचयू)।