RGA न्यूज बदायूं (ब्यूरो चीफ) रितेश उपाध्याय
बदायूं: शासन ने दलालों पर शिकंजा कसने के लिए के लिए एक नया फरमान जारी किया है। नए शासनादेश के मुताबिक अब एक खतौनी पर केवल दो बार गेहूं की बिक्री की जा सकेगी। क्रय केंद्र पर खरीदारी भी पैदावार के हिसाब से की जाएगी। इस फरमान के आने से दलालों में खलबली मची है।
जिले में इस साल गेहूं खरीद के लिए सात क्रय एजेंसियों को 109400 मिट्रिक टन का लक्ष्य दिया गया है। शासन की ओर से गेहूं का रेट 1735 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित है।
क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद शुरू होते ही दलाल हावी हो जाते हैं। इसमें क्रय केंद्र संचालकों की साठगांठ रहती है। इस बार इसकी शिकायत पहुंची तो मुख्यमंत्री ने खुद शाहजहांपुर और लखीमपुर खीरी जाकर गेहूं क्रय केंद्रों का निरीक्षण किया। जिले के अधिकारियों को प्रति दिन क्रय केंद्रों को चेक करने के निर्देश दिए गए। बावजूद इसके क्रय केंद्र संचालकों और दलालों का गठजोड़ नहीं टूटा।
क्रय केंद्र पर गेहूं खरीद खतौनी के आधार पर होती है। दलाल अपने नजदीकी किसानों की खतौनी लेकर खुले बाजार में खरीदा गया गेहूं सरकारी क्रय केंद्र पर बेच देते हैं। चूंकि केंद्र संचालकों की साठगांठ रहती है इसलिए दलालों को गेहूं बेचने में कोई दिक्कत नहीं होती है। मगर अब ऐसा नहीं होगा। केंद्र प्रभारी खरीद करते समय खतौनी में दर्ज किसान की उपलब्ध जमीन देखेंगे। इसके बाद क्रॉप-कटिंग में जिले की उत्पादकता का गुणांक निकालने के बाद गेहूं की खरीद करेंगे। यदि किसान औसत पैदावार से अधिक गेहूं क्रय केंद्र पर ले जाएंगे तो लौटा दिया जाएगा। सरकारी खरीद केंद्र पर किसानों का गेहूं एक खतौनी पर दो बार ही खरीदा जाएगा। इससे दलालों पर लगाम लगेगी।
क्यों बोले किसान
गेहूं खरीद में इस नियम से अब पारदर्शिता आएगी। इसके बाद बिचौलियों का दखल खत्म होगा। अब वह छोटे किसानों को गुमराह नहीं कर पाएंगे।
-उदयवीर सिंह, किसान
अब तक छोटे किसानों का गेहूं खरीद केंद्र पर लेने से मना कर दिया जाता था। केंद्र वाले बड़े किसानों व बिचौलियों को प्राथमिकता देते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा।
-रामेश्वर किसान
शासनादेश के मुुताबिक काम करने के लिए सभी को निर्देशित कर दिया गया है। किसी भी किसान को परेशानी नहीं होने दी जाएगी। किसान अपना गेहूं सरकारी केंद्र पर ही बेचें। किसी भी बिचौलिये के चक्कर में न पड़ें।
-राजीव कुमार हंस, जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी