RGA न्यूज़ उत्तर प्रदेश लखनऊ
कांग्रेस ने तय किया है कि अब किसी भी संवेदनशील मुद्दे पर पहले ही होमवर्क कर पार्टी लाइन तैयार कर ली जाएगी।...
लखनऊ:- अनुच्छेद 370 और सर्जिकल स्ट्राइक जैसे मुद्दों पर नेताओं के वैचारिक भटकाव ने कांग्रेस की खूब किरकिरी कराई। इससे सबक लेकर पार्टी ने तय किया है कि अब किसी भी संवेदनशील मुद्दे पर पहले ही होमवर्क कर पार्टी लाइन तैयार कर ली जाएगी। फिलहाल अयोध्या के ऐतिहासिक फैसले के मुहाने पर खड़े उप्र के पदाधिकारियों को राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा ने इसका स्पष्ट संदेश दे दिया है।
लंबे समय से बिखरी-बिखरी नजर आ रही कांग्रेस अब प्रदेश में खुद को व्यवस्थित और अनुशासित बनाने का प्रयास कर रही है, जिसकी कमान खुद राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा ने थाम रखी है। प्रदेश कमेटी को छोटा और संतुलित बनाकर उन्होंने पदाधिकारियों की जवाबदेही भी तय कर दी है। साथ ही पिछली खामियों और भविष्य की चुनौतियों पर भी उनकी नजर है।
पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि प्रियंका वाड्रा ने स्पष्ट कहा है कि मोदी सरकार अब संवेदनशील मामलों पर जो भी फैसला लेगी, उस पर प्रतिक्रिया का भटकाव नहीं होना चाहिए। ऊपर से नीचे तक एक-एक कांग्रेसी का समान रुख होना चाहिए। इस संबंध में राष्ट्रीय नेतृत्व अब गंभीर है। अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला है। इसे देखते हुए पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है कि कांग्रेस का स्टैंड किस फैसले पर क्या होगा। यही नहीं, किसी भी गंभीर विषय पर पहले ही पार्टी लाइन तय कर कार्यकर्ताओं को बता दी जाएगी।
गौरतलब है कि इससे पहले मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने पर कांग्रेस अपना स्टैंड तय नहीं कर सकी थी। ज्योतिरादित्य सिंधिया सरीखे वरिष्ठ नेताओं ने फैसले के पक्ष में अपनी राय रखी थी, जबकि शीर्ष नेतृत्व इसके विरोध में था।
कांग्रेस ने आंदोलनों के लिए बनाई मुद्दों की सूची
भाजपा सरकार से मोर्चा लेने को तैयार कांग्रेस ने आंदोलनों के लिए मुद्दे सूचीबद्ध कर लिए हैं। कानून व्यवस्था सहित तमाम विषयों पर लगातार सड़क पर संघर्ष के लिए रणनीति बनाई गई है। प्रदेश पदाधिकारियों को जिम्मेदारियों का भी आवंटन कर दिया गया है। प्रदेश मुख्यालय में गुरुवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बैठक की। सचिवों को जिलों का प्रभार बांटा गया। महासचिवों को जोन का दायित्व दिया गया है। साथ ही प्रदेश के मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया। तय हुआ कि कानून व्यवस्था, किसानों की कर्ज माफी, उचित फसल मूल्य, सहकारी समितियों में भ्रष्टाचार, बिजली दरों में वृद्धि, बंद चीनी मिल, आलू किसानों की समस्या, लघु उघोगों की समस्या, बेरोजगारी आदि के विरोध में कांग्रेसी सड़क पर उतरेंगे। पदाधिकारियों को बताया गया कि आर्थिक मंदी के खिलाफ केंद्रीय नेतृत्व द्वारा दस दिवसीय कार्यक्रम घोषित किया गया है। जिलों में धरना प्रदर्शन, नुक्कड़ सभाएं, किसान जन सुनवाई और अन्य कार्यक्रम 5 से 15 नवंबर तक किए जाएंगे।