
RGA न्यूज़ मेरठ उत्तर प्रदेश
लाख कोशिशों के बावजूद भी जिले में हर्ष फायरिंग पर रोक नहीं लग पा रही है। गुरुवार को मवाना में एक विवाह समारोह में तमंचों से ताबड़तोड़ फायरिंग की गई।...
मेरठ:- बेहिसाब मौत की घटनाओं के बावजूद हर्ष फायरिंग करने से लोग बाज नहीं आ रहे हैं, न ही पुलिस इस पर नकेल कस पा रही है। गुरुवार को मवाना में एक विवाह समारोह में तमंचों से ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। इस दौरान गोली लगने से दूल्हे के तहेरे भाई का भेजा उड़ गया। परिजन बिना किसी कार्रवाई के शव ले गए।
विदाई के वक्त शुरू की फायरिंग
मिल रोड निवासी मीट व्यापारी जरगामू कुरैशी की बेटी की मधुबन फार्म में शादी थी। मुजफ्फरनगर के खतौली निवासी सादिक बरात लेकर आया था। शाम सात बजे विदाई के वक्त बरातियों ने तमंचों से फायर करने शुरू कर दिए। एक गोली दूल्हे के तहेरे भाई 22 वर्षीय शादाब की आंख को चीरती हुई सिर के पार निकल गई। शादाब को सीएचसी लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजन शादाब का शव अपने साथ ले गए। एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि परिवार के लोग मुकदमा दर्ज नहीं करा रहे तो पुलिस अपनी तरफ से मामला दर्ज करेगी। एक टीम को खतौली भेजा है, जो शव का पोस्टमार्टम कराएगी।
हर्ष फायरिंग ले रही जान, अफसर मूंद रहे आंख
हर्ष फायरिंग की घटनाएं हो रही है, अफसर कार्रवाई के बजाए हाथ खींच रहे है। हालात यह हो चुके कि पुलिस घटना स्थल पर पहुंचने में भी देरी लगा रही है। मवाना में हुई घटना पुलिस की कार्रवाई को बयां करने के लिए काफी है। डाक्टर के सूचना करने के बाद भी पुलिस सीएचसी तक नहीं पहुंच पाई। नतीजा सामने आया कि परिवार के लोग शव को अपने साथ ले गए। हैरत की बात है कि इंस्पेक्टर गुमराह कर रहे है कि परिवार के लोग उपचार करा रहे है, जबकि गांव में सुपुर्द-ए-खाक की तैयारी चल रही है।
सख्त निर्देशों की भी उड़ रहीं धज्जियां
इसवर्ष पर घटनाओं पर गौर करें तो हर्ष फायरिंग की तीसरी घटना है। पहली दो घटनाओं पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई तक नहीं हुई, जबकि डीजीपी ओपी सिंह कह चुके है कि हर्ष फायरिंग पर संबंधित थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। बीते साल की बात करें तो जनपद में हर्ष फायरिंग की ताबड़तोड़ घटनाएं हुई है। कई लोगों की जान गई तो कई घायल हुए। उसके बावजूद भी लोग अवैध असलाह और लाइसेंसी हथियार से फायरिंग करने से बाज नहीं आ रहे है। एसएसपी ने बताया कि हर्ष फायरिंग पर आर्म्स एक्ट में मुकदमा दर्ज होता है। घायल होने पर हत्या की कोशिश और मौत होने के बाद हत्या या गैर इरादतन हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज होता है। पुलिस सभी घटनाओं में आरोपितों को जेल भेज चुकी है। लाइसेंसी हथियार में लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई भी हो रही है।
हर्ष फायरिंग से नहीं ले रहे सीख
शादी, जन्मदिन और अन्य समारोह में आए दिन हर्ष फायरिंग हो रही है, मगर कोई भी इस तरह की घटना से सीख नहीं ले पा रहे हैं। साथ ही हर्ष फायरिंग रोकने में पुलिस भी कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है, जिसके कारण हर्ष फायरिंग की घटनाओं में इजाफा हो रहा है।
ये था हाईकोर्ट का आदेश
2014 में हाइकोर्ट के आदेश पर प्रमुख सचिव गृह ने हर्ष फायरिंग पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके लगातार फायरिंग की घटनाएं हो रही है। पुलिस की कड़ी कार्रवाई करने के बाद हर्ष फायरिंग को रोक नहीं पा रही है। डीजीपी ने तो संबंधित थाना प्रभारी को निलंबन के आदेश भी दिए थे।
हर्ष फायरिंग में लगे 302
वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल बख्शी ने बताया कि हर्ष फायरिंग में मौत हो जाए तो 304 के बजाए 302 का अपराध बनता है, जब लाइसेंसधारी को पता है कि हवाई फायरिंग करने से गोली किसी को लग सकती है। उसकी नीयत और मकसद सही नहीं है। यदि हर्ष फायरिंग से कोई घायल होता है, तो 307 का अपराध बनता है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश तो यहां तक है कि शादी एवं पार्टी में हथियार लेकर चलने पर भी लाइसेंस निरस्त किया जाए।
जिले में हर्ष फायरिंग की घटनाएं
07 नवंबर को मवाना में शादी के दौरान हर्ष फायरिंग में दूल्हे के तहेरे भाई की मौत।
01 नवंबर को सरधना के पोहल्ली गांव में गोवर्धन पूजा में हर्ष फायरिंग में सेना के सूबेदार की मौत।
01 मई को रोहटा के सतवाई में सेवानिवृत्ति पर समारोह में हर्ष फायरिंग से एक व्यक्ति को गोली लगी।
21 दिसंबर 2018 को लिसाड़ी गेट के न्यू इस्लामनगर में हर्ष फायरिंग से तीन लोग घायल हुए।
12 नवंबर 2018 : लिसाड़ी गेट के मजीदनगर में सगाई में हर्ष फायरिंग के दौरान युवक को गोली लगी।
10 नवंबर 2018 : दिल्ली रोड स्थित होटल मुकुट महल में फायरिंग में वेंडर को गोली लगी।