RGA न्यूज़ हैदराबाद
तेलंगाना में भाजपा ने कुछ अधिकारियों के काम के खिलाफ 19 नवंबर को पूरे तेलंगाना में सड़क बंद प्रदर्शन करने वाली है। ...
हैदराबाद:- तेलंगाना में भाजपा ने कुछ अधिकारियों के काम के खिलाफ मंगलवार को पूरे तेलंगाना में सड़क बंद प्रदर्शन करने वाली है। भाजपा का आरोप है कि टीएसआरटीसी कर्मचारियों के साथ पक्ष रखने वालों के खिलाफ जाकर ये अधिकारी सत्तारूढ़ टीआरएस के एजेंट की तरह काम कर रही है। इसकी जानकारी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा डॉ के लक्ष्मण ने दी।
लक्ष्मण ने रविवार को समाचार एजेंसी एएनआइ को बताया 'यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि तेलंगाना के कुछ आइएएस अधिकारी सत्तारूढ़ टीआरएस पार्टी के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। भाजपा और आरटीसी कर्मचारियों पर वे फर्जी शपथ पत्र और डेटा की मदद से सरकार गिराने की साजिश के झूठे आरोप लगा रहे हैं।'
सरकार की आंख खोलने के लिए प्रदर्शन
लक्ष्मण ने आगे कहा, 'भजपा इसके खिलाफ सड़क बंद कार्यक्रम में भाग लेने जा रही है। मैं खुद उस दिन आंदोलन का नेतृत्व करूंगा और यह प्रदर्शन सरकार की आंख खोलने के लिए हो रहा है।' उन्होंने यह भी कहा कि टीएसआरटीसी कर्मचारियों की वास्तविक मांगों को पूरा किया जाए, अन्यथा सरकार को राज्य में प्रतिकूल परिणाम भुगतने होंगे।
हाईकोर्ट को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए
लक्ष्मण ने आगे कहा कि ट्रांसपोर्ट प्रिंसिपल सेक्रेटरी द्वारा जारी किए गए बयानों पर हाईकोर्ट को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए, जिसमें उन्होंने भाजपा को दोषी ठहराया था। उन्होंने इस दौरान सवाल किया कि क्या टीएसआरटीसी कर्मचारियों की सही मांगों के लिए खड़े होने का मतलब के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को अस्थिर करना है?
परिवहन प्रमुख आरोपों को साबित करें या इस्तीफा दें
लक्ष्मण ने कहा 'मैं परिवहन प्रमुख सचिव सुनील शर्मा से आरोपों को साबित करें या इस्तीफा देने की मांग करता हूं। यहां तक कि उच्च न्यायालय को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए और इस बात की जांच होनी चाहिए कि किस तरह से और कैसे भाजपा ने इस सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की है। जब हम शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से आरटीसी कर्मचारियों के वास्तविक कारणों के लिए लड़ रहे हैं तो सरकारी प्रतिनिधि ऐसे कैसे आरोप लगा सकता है।'
5 अक्टूबर से हड़ताल पर टीआरसीटीसी कर्मचारी
वेतन संशोधन सहित कई मांगों को लेकर टीआरसीटीसी कर्मचारी 5 अक्टूबर से हड़ताल पर हैं। 14 नवंबर को विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने के लिए गठित संयुक्त कार्रवाई समिति (JAC) ने मांग को एक तरफ रखने का फैसला किया क्योंकि सरकार ने विरोध के 41 वें दिन अपना रुख नरम करने के कोई संकेत नहीं दिखाए। हड़ताल शुरू होने के बाद से कम से कम पांच टीएसआरटीसी कर्मचारियों ने आत्महत्या की है।