RGA न्यूज़ फतेहगंज पश्चिमी रिपोर्टर सौरभ पाठक
बरेली:- रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज में बुधवार को विश्व काला दमा (सीओपीडी) दिवस मनाया गया। इस दौरान मरीजों को प्रोजेक्टर के जरिए स्क्रीन पर सीओपीडी पर फैली भ्रांतियां, कारण और निवारण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गईं। यह कार्यशाला श्वांस रोग विभाग की ओर से आयोजित की गई।
रुहेलखंड अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा.भूषण कुमार ने कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए बताया कि काला दमा मानवता का शत्रु है। हालांकि इसका उपचार भी संभव है। उन्होंने बताया कि यह बीमारी धूम्रपान, प्रदूषण और चूल्हे पर खाना पकाने से होती है। अगर इनसे बचाव हो जाए तो इस बीमारी से भी बचा जा सकता है। समारोह के संयोजक विभागाध्यक्ष श्वांस विभाग डा. राजेश अग्रवाल ने बताया कि विश्व सीओपीडी (काला दमा) दिवस विश्व स्वास्थ्य संगठन और गोल्ड के आह्वान पर हर साल नवंबर माह में लगभग सभी देशों में मनाया जाता है।उन्होंने बताया कि देश में लगभग डेढ़ करोड़ व्यक्ति यानि प्रति दस लोगों में एक व्यक्ति काला दमा से ग्रस्त है, जिनमें से लगभग छह लाख की मृत्यु प्रति वर्ष होती है। बताया कि इसके मुख्य लक्षण सांस का फूलना, सीने में दर्द व खांसी है। डा.भूषण ने बताया कि आज कल श्वांस के रोगियों की ओपीडी में लगभग पचास फीसदी लोग सीओपीडी के मरीज होते हैं। कहा कि चूल्हे व कोयले के धुएं से महिलाओं में भी गम्भीर सीओपीडी का रोग देखा जाता है।उन्होंने बताया कि चूल्हे के धुएं से छोटी नलियां रुक जाती हैं, जबकि बड़ी नलियों में सूजन आदि की शिकायत होने लगती हैं, जिससे यह बीमारी शरीर के अंदर धीरे धीरे पनपने लगती हैं। फेंफड़ों के काले पड़ने पर इसे काला दमा कहा जाता हैं। हालांकि पुरुषों में धूम्रपान एक प्रमुख कारण है।इस दौरान कम्युनिटी मेडिसिन डा. अरूण कुमार प्रोफेसर ने इस गंभीर बीमारी से बचाव के उपायों के विषय में जानकारी दी। साथ ही उन्होंने योग और पौष्टिक भोजन पर जोर दिया। कार्यशाला का संचालन डा. दिव्येंदु शर्मा, डा. उत्कर्ष गुप्ता और डा.अमीय पांडेय ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर वाइस चेयरपर्सन आरईसीटी डा. लता अग्रवाल, प्रिंसिपल डीन डा. चन्द्रमोहन ,रुहेलखंड चिकित्सा अधीक्षक डा. भूषण कुमार, विभागाध्यक्ष श्वास रोग विभाग डा. राजेश अग्रवाल, विभागाध्यक्ष कम्युनिटी मेडिसिन डा. अरूण कुमार, सह आचार्य डा. अमित कुमार, सह आचार्य डा. रजत अग्रवाल, सहायक आचार्य डा. जावेद खान, डा. रिशि कुमार सैनी आदि मौजूद रहे।
खूब फैल रहा प्रदूषण
श्वांस रोग विभागाध्यक्ष डा.राजेश अग्रवाल बताते हैं कि अगर एक आदमी रोजाना सेटेलाइट से सिविल लाइंस तक दो चक्कर लगाते हैं तो यह 25 सिगरेट पीने के बराबर ही है। इससे पता चलता हैं कि प्रदूषण इस रोग को कितनी तेजी के साथ फैला रहा है।