फिरोज खान, जिनकी नियुक्‍ति पर बीएचयू में मचा है बवाल

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RGA न्यूज़ राजस्थान जयपुर

बीएचयू में फिरोज खान मामला संस्कृत पढ़ने पर मुस्लिम समाज और रिश्तेदारों ने नाता तोड़ लिया था अब बीएचयू में चयन होने पर हो रहा बवाल..

जयपुर:-बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में चयनित हुए जयपुर जिले के बगरू निवासी डॉ.फिरोज खान को लेकर पिछले कई दिनों से विवाद चल रहा है। डॉ.फिरोज खान का विरोध इसलिए हो रहा है कि एक मुसलमान कैसे संस्कृत पढ़ा सकता है। एक तरफ जहां फिरोज खान का संस्कृत पढ़ाने को लेकर विरोध हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ करीब 25 साल पहले उनके संस्कृत पढ़ने को लेकर विरोध हुआ था।

मुस्लिम समाज और उनके रिश्तेदारों से फिरोज खान के पिता रमजान खान से यह कहते हुए नाता-रिश्ता खत्म कर लिया था कि यदि वे अपने बेटे को संस्कृत पढ़ा रहे हैं तो बिरादरी उनसे रिश्ता नहीं रखेगी। लेकिन रमजान खान ने अपने समाज और रिश्तेदारों की परवाह किए बिना फिरोज खान सहित अपने चारों बेटों को संस्कृत की पढ़ाई कराई। हालांकि अब जब रमजान खान का बड़ा बेटा फिरोज खान होनहार बन गया तो रिश्तेदारों ने वापस रिश्ता जोड़ लिया ।

मदरसे के बजाय स्कूल में पढ़ने पर हुआ विरोध

बगरू कस्बे में दो कमरे और एक छोटे से बरामदे में रहने वाले फिरोज खान के परिजनों का कहना है कि उन्होंने पीढ़ियां से गोसेवा की है । पहले फिरोज खान के दादा गफूर खान गो सेवा करते थे और बाद में पिता रमजान खान ने कृष्ण और राम के भजन गायन को पेशा बनाया। रमजान खान ने अपने बच्चों को भी बचपन से ही भजन गाना सिखाया। उनके परिवार के प्रत्येक सदस्य को हनुमान चालिस

रमजान खान ने "दैनिक जागरण" को बताया कि बगरू के राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत स्कूल में फिरोज खान को प्रवेश दिलाया तो समाज और रिश्तेदारों को काफी विरोध किया। वे चाहते थे कि घर के पास ही बनी मस्जिद में चलने वाले मदरसे में फिरोज पढ़ाई करे। लेकिन रमजान खान उसे संस्कृत का विद्धान बनाना चाहते थे। करीब दस साल तक रिश्तेदारों ने उनसे संबंध तोड़ लिए।

फिरोज खान अपनी मेहनत के बल पर संस्कृत में शिक्षा शास्त्री तक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद पहले जयपुर के संस्कृत कॉलेज में पढ़ाने लगा तो बाद में संस्कृत वि.वि. में गेस्ट फेकल्टी के रूप में जाने लगा। इसी साल अगस्त माह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हे संस्कृत दिवस पर फिरोज खान को सम्मानित किया। उन्हें शिक्षा विभाग की तरफ से बेस्ट टीचर का अवार्ड भी मिला।

न ने शादी के कार्ड पर छपवाई गणेश जी की फोटो,बेटी का नाम रखा लक्ष्मी

फिरोज खान के पिता रमजान खान ने बताया कि मैने मेरी बड़ी बेटी का नाम लक्ष्मी रखा तो छोटी बेटी का नाम अनिता रखा। बेटी की शादी में कार्ड पर गणेशजी की फोटो छपवाई। चारों बेटों को संस्कृत की शिक्षा दिलाई। उन्होंने बताया कि फिरोज खान और उसके तीनों भाई बचपन से ही नियमित रूप से मंदिर में जाते हैं। वे प्रतिदिन सुबह मंदिर जाते हैं तो oiफिर मस्जिद जाते हैं। हमारे परिवार के लिए सभी धर्म समान है। 

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