विपक्ष के नेता बोले, भाजपा खुद परिणाम भुगतेगी, संविधान का मजाक उड़ाया

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RGA न्यूज़ मेरठ

Maharashtra Politics महाराष्ट्र में सियासी उठापटक पर भाजपा व विपक्ष के नेताओं ने प्रतिक्रिया दी। ...

मेरठ:- महाराष्ट्र में शनिवार सुबह से लेकर देर शाम तक जो हुआ उस पर भाजपा से लेकर विपक्षी दलों के नेताओं की नजर रही। सभी दलों ने अपने-अपने हिसाब से प्रतिक्रिया दी। हालांकि कांग्रेस व सपा समेत अन्य विपक्षी दलों का यह कहना है कि भाजपा ने संविधान का मजाक उड़ाया है। संविधान को बचाने के लिए संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को आगे आना चाहिए। भाजपा आज जो कर रही है, इसका परिणाम एक दिन वह खुद भुगतेगी। वहीं भाजपा ने स्थिर बनने की उम्मीद जताई है।

महराष्ट्र में भाजपा-एनसीपी की सरकार बनने पर लड्डू बांटे

महाराष्ट्र में भाजपा और एनसीपी की गठबंधन वाली सरकार बनने पर शनिवार को पल्लवपुरम में भाजपाईयों ने लड्डू बांटे और एक दूसरे को खिलाकर खुशी जाहिर की। भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेश कांत जैन ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने देश हित में कई बड़े कार्य किए हैं, जिनमें तीन तलाक, जम्मू एंड कश्मीर से धारा-370 और 35-ए को हटाना मुख्य रुप से शामिल है। वहीं भाजपा सरकार में ही सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या की विवादि भूमि पर भगवान श्रीराम मंदिर के निर्माण का आदेश सुनाया गया। महाराष्ट्र में भाजपा-एनसीपी की सरकार मिलकर विकास कार्य, बेरोजगारों को नौकरी जैसे मुद्दों पर खरी उतरेगी। इस दौरान महेंद्र सिंह प्रजापति, सुदेश अहलावत, पवन जैन, आदेश जैन, कनिष्क, समयंक आदि थे।

इन्‍होंने दी प्रतिक्रिया

भाजपा ने जो महाराष्ट्र में किया है यह संविधान पर हमला और लोकतंत्र के लिए खतरा है। जबरदस्ती की सरकार बना ली है। राष्ट्रपति शासन कब हटा कब शपथ ग्रहण समारोह हुआ? यह सब करके भाजपा बहुत गलत संदेश दे रही है। अब परेड की बात सामने आई है तो सच्चाई सामने आ जाएगी।

- अवनीश काजला, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस

संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को संविधान बचाने को आगे आना चाहिए। पत्र देने मात्र से बहुमत हासिल नहीं हो जाता। जो भी जोड़तोड़ हुई उससे कुछ हासिल भी नहीं हुआ। लेकिन भाजपा ने जो कुछ भी किया है, इससे देश की राजनीति को नुकसान हुआ है।

- शाहिद मंजूर, पूर्व कैबिनेट मंत्री, सपा

यह ताकत का दुरुपयोग है। संविधान का मजाक और उल्लंघन है। भाजपा जो आने वाले समय को संदेश दे रही है, उसका परिणाम एक दिन खुद उसे भी भुगतना पड़ेगा। महाराष्ट्र की जोड़तोड़ की राजनीति आश्चर्य नहीं पैदा करती क्योंकि ऐसा गोवा और कर्नाटक में पहले ही कर चुकी है।

- रफीक अंसारी, विधायक, सपा

महाराष्ट्र में सरकार देने की कोशिश की गई है। जनमत तो भाजपा और शिवसेना गठबंधन के पक्ष में आया था लेकिन शिवसेना ने उसे नकार दिया। फिलहाल जो भी स्थिति वहां की है, उसे देखा जा रहा है। अजित पवार को अभी भी तमाम विधायक समर्थन देंगे और बहुमत हासिल होगा। शिवसेना और कांग्रेस ने जो साथ किया था वह बेमेल और सिद्धांत विहीन था।

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