RGA न्यूज़ उत्तर प्रदेश लखनऊ
निष्कासित वरिष्ठ कांग्रेसियों ने कहा कि अनुशासन के मामलों में सहमति या असहमति जताने का अधिकार महासचिव प्रियंका वाड्रा को भी नहीं है।...
लखनऊ:- अनुशासनहीनता में पार्टी से निकाले गए दस वरिष्ठ कांग्रेसियों ने एंग्री ओल्ड मैन के तेवर अपना लिए हैं। सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में इन्होंने कहा कि हमारा निष्कासन पूरी तरह से असांविधानिक है। कांग्रेस के संविधान के अनुसार एआइसीसी सदस्यों को प्रदेश कमेटी निकाल ही नहीं सकती। सिर्फ केंद्रीय अनुशासन समिति को संस्तुति कर सकती है। अनुशासन के मामलों में सहमति या असहमति जताने का अधिकार महासचिव प्रियंका वाड्रा को भी नहीं है।
इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू का नाम लिए बिना पूर्व सांसद संतोष सिंह ने कहा कि जिस कुर्सी पर पुरुषोत्तम दास टण्डन और गणेश शंकर विद्यार्थी जैसे लोग रहे, उस पर टिकट ब्लैक करने वाले बैठ गए हैं। अनुशासन समिति में वे लोग हैं, जो खुद अपराधी हैं और कांग्रेस को जानते ही नहीं। वरिष्ठजन ने कहा कि किसी को भी नोटिस ही नहीं मिला तो जवाब कैसे दे सकते थे। फिर समिति असंतुष्ट कैसे हो गई। तय किया गया कि अब प्रदेश भर में अभियान चलाकर कांग्रेस को मजबूत करने के लिए मंथन करेंगे। साथ ही असली कांग्रेस, वर्तमान कांग्रेस के सामने खड़ी होगी। वरिष्ठजन ने कहा कि कांग्रेस में घुसपैठियों का प्रवेश हो गया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से की है।
कांग्रेस के बागी विधयाक, सांसद और कई वरिष्ठ नेताओं लखनऊ प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जिनके ऊपर संगीन मुकदमे चल रहे हों, जिनका आपराधिक इतिहास रहा हो, वो आज हमें कांग्रेस से निकलने को कह रहे हैं। पूर्व विधायक विनोद चौधरी ने कहा कि हम जमीनी स्तर के कार्यकर्ता हैं। सोनिया गांधी को इस पर संज्ञान लेना चाहिए। वह आम कांग्रेसियों के मन की बात सुनें, वरना सड़क पर उतरकर कांग्रेस के लिए संघर्ष करेंगे।
उन्होंने कहा कि हम सभी लोग छात्र राजनीत से हैं। हमने कभी नहीं कहा कि नौजवानों को आगे नहीं आना चाहिए। हम यूथ राजनीत का विरोध कैसे कर सकते हैं। हमने कभी प्रियंका गाांधी की नौजवान टीम का विरोध नहीं किया। यदि सच कहना बगावत है तो समझो हम बागी हैं। सचदेव त्रिपाठी ने कहा कि मीडिया के माध्यम से यह पता चला की हम लोगों को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया गया है। निष्कासन के लिए 7 दिनों की नोटिस जारी की जाती है। हम लोगों को 24 घंटे का समय मिला, यह असंवैधानिक है। यह फैसला पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र का गला घोटने वाला है।
अनुशासनहीनता में निकाले गए हैं दस वरिष्ठ कांग्रेसी
पार्टी महासचिव प्रियंका वाड्रा के फैसलों पर असंतोष जताना वरिष्ठ कांग्रेसियों को महंगा पड़ा है। हाईकमान के निर्देश पर नोटिस देने के बाद अनुशासन समिति ने ग्यारह में से दस कांग्रेसियों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है। इनमें से करीब डेढ़ दर्जन पार्टीजनों ने पिछले दिनों पूर्व सांसद संतोष सिंह के आवास पर बैठक कर अपनी उपेक्षा पर नाराजगी जताई थी। साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर सुझाव देने का निर्णय लिया। इसके बाद प्रियंका वाड्रा के निर्देश पर 21 नवंबर को अनुशासन समिति ने बैठक में शामिल ग्यारह सदस्यों को नोटिस देकर चौबीस घंटे में स्पष्टीकरण मांगा था। रविवार को अनुशासन समिति ने इनमें से दस वरिष्ठ कांग्रेसियों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया।
पार्टी से निकाले गए दिग्गज
पूर्व सांसद संतोष सिंह, पूर्व एमएलसी सिराज मेंहदी, पूर्व गृह मंत्री रामकृष्ण द्विवेदी, पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी, पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्र, नेकचंद पांडेय, विनोद चौधरी, युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्वयंप्रकाश गोस्वामी, एआइसीसी सदस्य राजेंद्र सिंह सोलंकी और गोरखपुर के पूर्व जिलाध्यक्ष संजीव सिंह।