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RGA न्यूज़ उत्तर प्रदेश लखनऊ
पुलिस विकास व अनुसंधान ब्यूरो (बीपीआर एंड डी) की ओर से आयोजित कार्यक्रम में पुडुचेरी की लेफ्टिनेंट गवर्नर डॉ.किरण बेदी ने देश भर से पधारे पुलिस के आलाधिकारियों को संबोधित किया। ...
लखनऊ:- All India Police Science Congress 2019 देश की काफी चर्चित आइपीएस अधिकारी रहीं पुडुचेरी की लेफ्टिनेंट गवर्नर डॉ. किरण बेदी ने वर्दी का इकबाल बुलंद किया है। डॉ. किरण बेदी ने लखनऊ में 22 वर्ष बाद आयोजित 47वीं अखिल भारतीय पुलिस साइंस कांग्रेस का उद्घाटन किया।
पुलिस विकास व अनुसंधान ब्यूरो (बीपीआर एंड डी) की ओर से आयोजित कार्यक्रम में पुडुचेरी की लेफ्टिनेंट गवर्नर डॉ.किरण बेदी ने देश भर से पधारे पुलिस के आलाधिकारियों को संबोधित किया।
बीट पुलिसिंग बेहद जरूरी
डीजीपी मुख्यालय, गोमतीनगर विस्तार के अवनि प्रेक्षागृह में डॉ. किरण बेदी ने कहा कि इस समय पूरे देश में बीट पुलिसिंग की सख़्त जरूरत है। बीट पुलिसिंग से हमको हर व्यक्ति की जानकारी होती है। हर इलाके में बीट बॉक्स या बूथ होना चाहिये। जहां बीट पुलिसमैन बैठता हो। जनता की मदद से हम बीट बॉक्स या बूथ बनाएं। दिल्ली में तो हमने जनता की मदद से बीट बॉक्स और बूथ बनाए थे। बीट पुलिसिंग सारी पुलिसिंग की रीढ़ है। उन्होंने कहा कि मेरे मैग्सेसे अवॉर्ड में बीट बॉक्स का जिक्र है। बीट पुलिसिंग का आज भी कोई विकल्प नहीं है। बीट पुलिसिंग में कॉन्स्टेबल को जिम्मेदार बनाया जाता है।
बीट पुलिसिंग के लिए बेहतरीन कॉन्स्टेबल को चुनना चाहिए। आला अधिकारियों को भी बीट पुलिसिंग में हिस्सा लेना चाहिए। बीट पुलिसिंग के बगैर अपराध रोकना संभव नहीं है। बीट पुलिसिंग में मॉर्निंग रोल कॉल में अफसरों को जाना चाहिए। मॉर्निंग मीटिंग के बाद इवनिंग ब्रीफिंग में बीट पुलिसिंग का अहम रोल होता है। शीर्ष अफसरों को वीआईपी मूवमेंट, लॉ एंड ऑर्डर के चलते भी बीट पुलिसिंग को नहीं छेड़ना चाहिए। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ भी शाम की फुट पैट्रोलिंग पर जोर देते हैं, जो बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा कि सीनियर सिटिजन कहां अधिक हैं, महिला अपराध कहां हुए यह सभी चीजें देखीं। हमारे पास भी बहुत वीआइपी मूवमेंट बहुत होते थे, लेकिन बीट सिस्टम को किसी की मजाल नहीं की छेड़े, बीट ऑफिसर के साथ वॉक करती थी उसको कितने लोग जानते थे। यह उसका पास या फेल होना था ,शाम में ग्रुप पैट्रोलिंग की जाती थी ,लेकिन कभी बीट को नहीं छोड़ा। थानाध्यक्ष रोज अपने सहयोगियों को कानून के बारे में जानकारी दें। यह होना चाहिए और देश भर में इसकी सख्त जरूरत है। उत्तर प्रदेश अगर अलग होता तो पाचवां बड़ा देश होता। डीजीपी से कहूंगी आप अपनी वीडियो पुलिस स्टेशन्स तक पहुंचाइए मजाल है कहीं कोई फेल हो जाए। जब मुझे पुलिस में चार्ज मिला तब कोई अनुभव नहीं था। मेरे अधिकरियो ने मुझे बीट सिस्टम के बारे में बताया। इसके बाद युवा देशभक्त कर्मियों का सलेक्शन तथा एलोकेशन किया गया।
वर्दी को मंदिर माने पुलिसकर्मी
डॉ. किरण बेदी ने कहा कि हर पुलिसकर्मी को अपनी वर्दी को मंदिर मानना चाहिए। मंदिर में कोई अन्याय नहीं होना चाहिए। अपनी यूनिफॉर्म को मंदिर, मस्जिद या गुरुद्वारा की तरह सम्मान दीजिए। आप न्याय करेंगे, क्योंकि आप मंदिर से अन्याय नहीं कर सकते। पुलिस के लिए न्याय और हौसला मूलमंत्र है। मैं हिन्दू हूं, मैं समझती हूं मेरा दूसरा जन्म तो होगा इसलिए हमारा कर्म कहीं कम न रह जाए। पुलिस को न्याय और हिम्मत से काम करना चाहिए। अब तो यूपी पुलिस को बेहतर नेतृत्व और संसाधन मिल रहा है।
यूपी पुलिस को मिले मैग्सेसे पुरस्कार
डॉ. किरण बेदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस तो वैसे ही सराहनीय कार्य करती है, लेकिन अयोध्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के दौरान यूपी सरकार और पुलिस ने काफी बेहतर काम किया। यूपी पुलिस को इसके लिए मैग्सेसे पुरस्कार मिलना चाहिए। कुंभ आयोजन और अयोध्या मामले में शानदार काम और उपलब्धि के लिए यूपी पुलिस को बधाई देती हूं। इसके साथ ही प्रयागराज कुंभ के सफल आयोजन पर यूपी पुलिस का पूरी दुनिया मे सम्मान बढ़ा है। इस अवसर पर डॉ. किरण बेदी ने पुलिस साइंस कांग्रेस में पेश किए शोधपत्रों की पुस्तिका का विमोचन किया। 29 शोधपत्रों को इस पुस्तिका में जगह मिली है।
पुलिस साइंस कांग्रेस में बुधवार को तीन सत्रों का आयोजन होगा, जिसमें विभिन्न राज्यों के पुलिस अधिकारी, विज्ञान विशेषज्ञ, शिक्षाविद व अन्य लोग पुलिस के लिए बेहतर नीति निर्धारण के सुझाव देंगे। डॉ.किरण बेदी आयोजन में हिस्सा लेने के लिए बुधवार शाम लखनऊ पहुंच गईं। डीजीपी ने उनका स्वागत किया। डॉ.किरण ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात भी की।
पुलिस साइंस कांग्रेस के उद्घाटन सत्र के बाद बुधवार को पहले सत्र में पुलिसिंग में बदलाव विषय पर हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल पुलिस अकेडमी के ज्वाइंट डायरेक्टर उमेश सर्राफ व महाराष्ट्र की आइपीएस अधिकारी मोक्षदा पाटिल अपने विचार रखेंगी। इस सत्र की अध्यक्षता इंडियन पुलिस फाउंडेशन, दिल्ली के अध्यक्ष एन. रामाचंद्रन करेंगे। दूसरे सत्र में फोरेंसिक साइंस विषय पर गृह मंत्रालय में तैनात आइपीएस अधिकारी डॉ.एपी माहेश्वरी व डीएफएसएस, हैदराबाद के वैज्ञानिक पीएन रामाकृष्णन अपना संबोधन देंगे। दूसरे सत्र की अध्यक्षता रक्षा शक्ति युनिवर्सिटी, गुजरात के डायरेक्टर जनरल डॉ.जेएम व्यास करेंगे। तीसरे सत्र में महिला व बच्चों की सुरक्षा के विषय पर महाराष्ट्र के आइपीएस अधिकारी राज तिलक रोशन व रक्षा शक्ति युनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.श्वेता शर्मा अपने विचार रखेंगी और सत्र की अध्यक्षता यूनीसेफ की सीनियर कंसलटेंट डॉ.रश्मि सिन्हा करेंगी। गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को इसका समापन करेंगे।