
RGA न्यूज़ उत्तराखंड चंपावत
चम्पावत में शांत स्वभाव से बहने वाली उत्तर मुखी गंडक नदी के दिन अब बहुरेंगे।...
चम्पावत :- चम्पावत में शांत स्वभाव से बहने वाली उत्तर मुखी गंडक नदी के दिन अब बहुर जाएंगें। प्रशासन ने नदी के संरक्षण और संवर्धन को मुख्यमंत्री की घोषणा में शामिल किया था जिसे प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है। डीएम के निर्देश के बाद सिंचाई विभाग ने स्टीमेट बनाना शुरू कर दिया है।
एतिहासिक गंडक नदी में स्नान करने का पुण्य गंगा नदी के समान ही माना गया है। सत्तर के दशक तक यह नहीं साफ सुथरी थी लेकिन आबादी बढ़ने के साथ नदी में कूड़ा करकट और सीवर का पानी बहाने का सिलसिला शुरू हो गया। वर्तमान में नदी के दोनों किनारे कचरे और मिट्टी के गाद पटे हुए हैं। सीवरेज की व्यवस्था न होने से नगर का सारा गंदा पानी इस नदी में बहाया जा रहा है। गंदगी से नदी का जल इतना अधिक दूषित हो गया है कि आचमन लायक भी नहीं रह गया है। नदी के पौराणिक और एतिहासिक महत्व को देखते हुए प्रशासन ने इसके संरक्षण का प्रस्ताव मुख्यमंत्री की घोषणा में शामिल किया था। इस प्रस्ताव को प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है। वित्तीय स्वीकृति मिलते ही नदी की साफ सफाई का काम शुरू कर दिया जाएगा। नदी की साफ सफाई और इसका संवर्धन करने की मांग स्थानीय लोग काफी लंबे समय से कर रहे थे, लेकिन न तो स्वच्छ गंगा अभियान में इस नदी को शामिल किया गया और न ही नगर पालिका और प्रशासन की ओर से नदी को साफ करने की जहमत उठाई गई। नदी की साफ सफाई के लिए राज्य सरकार की मंजूरी मिलने के बाद लोगों ने खुशी जताई है।
नदी किनारे किया गया है अतिक्रमण
चम्पावत: गंडक नदी के किनारे बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हुआ है जिसे हटाना स्थानीय प्रशासन के लिए चुनौती से कम नहीं होगा। कई स्थानों पर नदी के किनारों से सटकर पक्के आवासीय मकान बन गए हैं और कई स्थानों पर मकानों के निर्माण के लिए भूमि खोदी गई है। इसके अलावा अभी भी कुछ लोग नदी के किनारे कूड़ा डंप कर रहे हैं। चम्पावत में केवल गंडक नदी ही अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष नहीं कर रही है बल्कि इसकी सहायक नदी नागिनी भी गंदगी और गाद से पटने के कारण काफी संकरी हो गई है। शीघ्र इस नदी के संरक्षण की ओर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में यह नाले में तब्दील हो जाए
नदी संरक्षण के लिए प्रस्तावित कार्य
चम्पावत: गंडक नदी के संरक्षण के लिए उसका चौड़ीकरण करने के साथ कई जगह चैकडैम और पर्यटकों के लिए हट बनाए जाएंगे। नदी के इर्द गिर्द पार्को का भी निर्माण होगा।
:: वर्जन
गंडक नदी के संरक्षण व संवर्धन की स्वीकृति शासन से मिल गई है। चिंचाई विभाग को स्टीमेट तैयार करने के लिए कहा गया है। वित्तीय स्वीकृति मिलते ही नदी के संरक्षण का काम शुरू कर दिया जाएगा।
-टीएस मर्तोलिया, एडीएम चम्पावत