3 महीने में तोड़फोड़ सबसे ज्यादा सुविधाएं शून्य

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RGA न्यूज बरेली 

बरेली : रोड किनारे खाली पड़ी जगहों पर अवैध निर्माण और दुकानों का माल बिखरा होने के चलते बरेली की तस्वीर अतिक्रमण से ग्रस्त और जाम से कराहते शहर की थी। जनवरी से नगर निगम ने अतिक्रमण पर वार करना शुरू किया। इन साढ़े तीन महीने में निगम की टीम ने पूरे शहर में तोड़फोड़ बहुत की, लेकिन पलटकर उन क्षेत्रों में निगाह नहीं डाली। मलबा तो उठा नहीं, बाजार फिर से पुराने ढर्रे पर आ गए। आलम यह है कि जिस अस्पताल रोड का अतिक्रमण महापौर, डीएम और एसएसपी ने अपनी मौजूदगी में साफ कराया था। वहां सड़क पर पसरी दुकानों के कारण एंबुलेंस के सीधे अस्पताल तक जाने के लिए जगह नहीं है। जिला अस्पताल रोड

नॉवेल्टी चौराहा से अयूब खां चौराहे तक की सड़क जिला अस्पताल रोड है। अभियान के शुरुआती दौर में ही नगर निगम ने कोतवाली से कुतुबखाना चौराहे तक अभियान चलाया था। फरवरी में फिर डीएम, एसएसपी की मौजूदगी में महापौर ने निरीक्षण कर अतिक्रमण हटवाया था। 60 फीट तक चौड़ा नजर आया अस्पताल रोड अब फिर से ठेलों और दुकानों के अतिक्रमण की गिरफ्त में है। एंबुलेंस तक को रास्ता ढूंढना पड़ता है। 

अतिक्रमण हटाया जाना बहुत अच्छा कदम है, लेकिन निगम को इस पर निगरानी भी रखनी होगी। जब अतिक्रमण हटा तो रास्ता काफी चौड़ा था। अब फिर से वही स्थिति हो गई। हम दुकानदार हैं, सुविधाएं मिलें और सही निगरानी हो तो सहयोग के लिए भी तैयार हैं।

नगर निगम ने रेलवे स्टेशन तिराहे के बाहर के सर्किल से चौपुला रोड पर सुभाष नगर पुलिया तक अभियान चलाया था। रामपुर रोड से रेलवे जंक्शन को सीधे मिलाने वाली रोड पर दोनों तरफ से निशान लगाकर निर्माण हटाए थे। स्टेशन तिराहे के मुहाने पर ज्यादातर दुकान और होटलों का सामान फिर से बाहर तक पांव पसारने लगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि तोड़फोड़ के बाद निगम ने मलबा तक नहीं हटाया। 

नगर निगम ने अच्छा काम किया था, लेकिन कार्रवाई में भेदभाव किया गया। मेरा छोटा सा अस्थाई भोजनालय था, उसे तोड़ा। कुछ अस्पताल और अन्य जगहों को निशान लगाकर छोड़ दिया। हमने तो मलबा तक खुद हटवाया। ऐसी कार्रवाई से क्या फायदा।

मार्च में नगर निगम का बुलडोजर अपनी ही बसाई पालिका बाजार की दुकानों पर बरसा था। बाहर पड़ा सामान ही नहीं, भीतर बरामदे तक स्थाई अतिक्रमण मिला। बरामदे के हिस्से में स्थाई व अस्थाई अतिक्रमण तुड़वाने के साथ ही सामान को बाहर न फैलाने की चेतावनी दी गई। धीरे-धीरे महापौर और अधिकारियों का ध्यान दूसरे मुहल्लों और बाजारों पर हुआ तो दुकानदार भी बेफिक्र हो गए। कूलर, इलेक्ट्रॉनिक आइटम सड़क तक रखे मिले। पूरा फुटपाथ घिरा होने से ग्राहकों के वाहन भी सड़क पर ही खड़े हो रहे हैं।

दुकानों में जितनी जगह है, उससे ज्यादा जगह पर बाहर सामान रखा है। अतिक्रमण हटाने के साथ ही बाजार में सार्वजनिक पार्किंग के बारे में भी नगर निगम सोचे। ग्राहकों की गाड़ियां बाहर खड़ी होने से सड़क पर जाम की स्थिति आ जाती है

घनी आबादी के बीच स्थित बाजार की मेन रोड पर करीब 15 दिन पहले अतिक्रमण अभियान चला था। दुकानदारों ने तब सामान ही नहीं अपने स्लैब व शेड तक हटा लिए थे। निगम कार्रवाई करके दूसरी दिशा में चलता बना तो दुकानदार और अस्थाई कब्जे फिर से उसी स्थिति में आ गए।

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