Jharkhand Election 2019 Phase 2 Voting: 20 सीटों पर आज पड़ेंगे वोट, 16 विधानसभा क्षेत्र ST के लिए रिजर्व

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RGA न्यूज़ झारखंड

Jharkhand Election 2019 Phase 2 Voting मुख्यमंत्री रघुवर दास स्पीकर दिनेश उरांव मंत्री नीलकंठ मुंडा समेत 260 प्रत्याशियों की प्रतिष्ठा इस चुनाव में दांव पर है।...

खास बातें

  • 20 सीटों में नौ सीटें ऐसी हैं जहां पुरुषों से अधिक महिला मतदाता हैं। ये सभी एसटी सीटें हैं। इनमें घाटशिला, पोटका, खरसावां, चाईबासा, मझगांव मनोहरपुर, चक्रधरपुर, खूंटी तथा सिमडेगा शामिल हैं।
  • 260 प्रत्याशियों में 29 महिला तथा 73 निर्दल लड़ रहे इस चरण में।
  •  जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर पश्चिमी तथा चाईबासा के वोटर बूथ एप के माध्यम से देख सकेंगे कि मतदान केंद्रों पर कितनी लंबी लाइन है। मतदाता टोकन नंबर के हिसाब से अपना क्रम आने पर सुविधापूर्ण तरीके से मतदान कर सकेंगे। यह प्रयोग पहली बार राज्य के सात विस क्षेत्रों में हो रहा है।
  • 9,788 बैलेट यूनिट, 7,583 कंट्रोल यूनिट तथा 7,886 वीवीपैट का इस्तेमाल किया जाएगा।

सत्ता के दूसरे द्वार की चाबी आदिवासियों के हाथ

झारखंडी बनकर झारखंड को वोट डालने की हमारी मुहिम अब सत्ता के दूसरे द्वार तक पहुंच गई है। इस चरण में जिन बीस सीटों पर शनिवार को मतदान होने जा रहा है वहां की सत्ता की चाभी आदिवासियों के हाथ में है। बीस में से सोलह सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं, जहां लगभग 50 फीसद आदिवासी मतदाता हैं। बताने की जरूरत नहीं कि इन मतदाताओं का मूड-मिजाज ही किसी भी राजनीतिक दल को सत्ता की दहलीज तक ले जाएगा। इन इलाकों के लिए जहां जल-जंगल-जमीन के मसले बड़े हैं वहीं नक्सलवाद और अंधविश्वास जैसी समस्याएं अभिशाप की तरह हैं।

धर्मांतरण से लेकर पत्थलगड़ी तक के मुद्दे भी गरीबी, अशिक्षा, पिछड़ेपन और शातिरों की साजिश की उपज रहे हैं। खनिज और वन संपदा से भरपूर इस इलाके में हो रहा यह महासंग्राम सत्ता के दावेदारों के साथ यहां के लोगों की भी किस्मत तय करेगा। मुख्यमंत्री रघुवर दास, विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा समेत कुल 260 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला इसी चरण में होना है। मजबूत और सशक्त सरकार के लिए जरूरी है हम झारखंडी बनकर झारखंड के लिए मतदान करें।

दूसरा चरण

कुल सीट : 20

कुल प्रत्याशी : 260

महिला प्रत्याशी : 29

कुल मतदाता : 48,25,038

पुरुष मतदाता : 24,31,511

महिला मतदाता : 23,93,437

इन सीटों पर होना है चुनाव

  1. जमशेदपुर पूर्वी
  2. जमशेदपुर पश्चिमी
  3. सिसई (एसटी)
  4. चक्रधरपुर (एसटी)
  5. सरायकेला (एसटी)
  6. खरसावां (एसटी)
  7. खूंटी (एसटी)
  8. जुगसलाई (एससी)
  9. बहरागोड़ा
  10. घाटशिला (एसटी)
  11. पोटका (एसटी)
  12. चाईबासा (एसटी)
  13.  मनोहरपुर (एसटी)
  14. मझगांव (एसटी)
  15. जगन्नाथपुर (एसटी)
  16.  सिमडेगा (एसटी)
  17. कोलेबिरा (एसटी)
  18. तोरपा (एसटी)
  19. मांडर (एसटी)
  20. तमाड़ (एसटी)

5 हॉट सीटों पर इनकी प्रतिष्ठा दांव पर

  1. रघुवर दास : जमशेदपुर पूर्वी
  2. दिनेश उरांव : सिसई
  3. नीलकंठ सिंह मुंडा : खूंटी
  4. लक्ष्मण गिलुवा :  चक्रधरपुर
  5. चंपई सोरेन : सरायकेला

5 बड़े नेताओं ने अपनी सभाओं में आदिवासियों पर क्या कहा

  1. नरेंद्र मोदी : आदिवासियों ने वनवास के दौरान संस्कारित कर भगवान राम को बनाया मर्यादा पुरुषोत्तम। मेरे रहते कोई उनकी जमीन पर आंख उठाकर नहीं देख सकता।
  2. राहुल गांधी : भाजपा की सरकार आदिवासियों को कुचलने का काम कर रही है। महागठबंधन की सरकार बनी तो वह उद्योगपतियों से जमीन वापस लेकर गरीबों को लौटाएंगे।
  3. हेमंत सोरेन : भाजपा सरकार ने आदिवासियों की चार लाख एकड़ जमीन हथिया कर बाहरी लोगों में बांटने की योजना बनाई है। हो भाषा को हम आठवीं अनुसूचि में शामिल करेंगे।
  4. बाबूलाल मरांडी : भाजपा ने सीएनटी एसपीटी एक्ट में छेड़छाड़ कर आदिवासियों की जमीन छीनी। झाविमो आदिवासियों व मूलवासियों को खनन का मालिकाना हक दिलाएगा।
  5. सुदेश महतो : आदिवासियों मूलवासियों की चिंता न भाजपा ने की न झामुमो ने। दोनों केवल अपनी-अपनी रोटी सेंकते रहे। आजसू की सरकार बनी तो जल-जंगल-जमीन मुख्य एजेंडे में होगा।

5 फैक्टर जो चुनाव में होंगे प्रभावी

 

  1. दल बदल के बाद बदला समीकरण
  2. भाजपा-आजसू का टूटा गठबंधन
  3. केंद्रीय बनाम स्थानीय मुद्दे
  4. बड़े नेताओं के दौरे और चुनावी घोषणा
  5. उम्मीदवारों का चेहरा और उनके वादे

इस चुनाव के 5 मुद्दे

  • रोजगार : 5 में से एक युवा बेरोजगार, 46 फीसद स्नातकोत्तर और  49 फीसद स्नातक को नौकरी नहीं।
  • शिक्षा : 19.1 फीसद ग्रास इनरालमेंट रेशियो है उच्च शिक्षा में। एक लाख की आबादी पर महज आठ कालेज।
  • स्वास्थ्य : 29 बच्चों की मौत हो जाती है एक हजार बच्चों पर एक साल के अंदर। 8.50 फीसद बच्चे कुपोषित।
  • कृषि : 28.27 लाख हेक्टेयर के सापेक्ष मात्र 20.72 लाख हेक्टेयर खरीफ फसल का हुआ उत्पादन, बारिश पर निर्भरता बड़ी वजह
  • पेयजल : 32 फीसद ग्रामीण आबादी को ही पाइप लाइन से जलापूर्ति हो पा रही है। सबको शुद्ध पेयजल पहुंचाना बड़ी चुनौती।

 

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