हम मशीनगन भी चलाएंगे तो कुछ देश इसे भी UNSC में उठाएंगे, कितने मूर्ख हैं ये!

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RGA न्यूज़ उत्तर कोरिया प्‍योंगयोंग

 

उत्‍तर कोरिया ने बीते कुछ माह के दौरान अपना पुराना रवैया अपना लिया है। इस दौरान उसने कई परिक्षण भी किए और अमेरिका को धमकी भी दी है। ...

प्‍योंगयोंग:- उत्तर कोरिया ने रविवार सुपर लार्ज मल्‍टीपल रॉकेट लॉन्‍च सिस्‍टम का परिक्षण कर यह दिखा दिया कि यदि अमेरिका उसके हितों को ध्‍यान में नहीं रखता है तो वह अपने परमाणु कार्यक्रम की तरफ उठाए जा रहे कदमों को नहीं रोकने वाला है। इतना ही नहीं उत्‍तर कोरिया ने उसके द्वारा किए गए परिक्षण पर यूरोपीय संघ के सदस्‍य देशों (ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, पौलेंड और बेल्जियम) मूर्ख भी बताया है। उत्‍तर कोरिया ने कहा है कि यह परिक्षण उनके देश की सुरक्षा को मजबूती देने के लिए किया गया और ये उनका अधिकार है। उत्‍तर कोरिया की समाचार एजेंसी केसीएनए के मुताबिक एक बयान में यूएनएससी के सभी सदस्‍यों की यह कहते हुए हंसी उड़ाई है कि उत्‍तर कोरिया यदि मशीनगन भी चलाएगा तो ये लोग इसका भी मुद्दा यूएनएससी में उठाएगा। 

उत्‍तर कोरिया ने यह परिक्षण तोंगछेंग री साइट (Tongchang-ri site) से किया गया था जो उपग्रह प्रक्षेपण स्थल है। इसको सोहे सेटेलाइट लॉन्चिंग ग्राउंड (Sohae Satellite Launching Ground) के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दें कि इसी वर्ष में उत्‍तर कोरिया ने 12 परिक्षणों को अंजाम दिया है। इसमें मिसाइल टेस्‍ट भी शामिल हैं। 

आपको यहां पर ये भी बता दें कि उत्‍तर कोरिया की तरफ से जो बयान जारी किया गया है उसमें कहा गया है कि 4 दिसंबर को संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, पौलेंड और बेल्जियम ने उत्‍तर कोरिया के मामले में बंद दरवाजों के बीच एक बैठक की थी। इसके बाद इन्‍होंने एक संयुक्‍त बयान भी जारी किया जिसमें शातिराना तरीके से उत्‍तर कोरिया को बदनाम करने की कोशिश की थी।

इसमें कहा गया है कि सुरक्षा परिषद ने एक बार फिर से उत्‍तर कोरिया द्वारा उसकी सुरक्षा को मजबूत करने के रास्‍तों को गलत बताया है। उत्‍तर कोरिया अपनी सुरक्षा करने के लिए तत्‍पर है और उसमें यह काबलियत भी है। इसमें कहा है कि परिक्षण करना हमारा अधिकार है। उत्‍तर कोरिया का कहना है कि इन देशों का विरोध और मूर्खतापूर्ण व्‍यवहार उन्‍हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरक सिद्ध हुआ है। संयुक्‍त राष्‍ट्र में पारित किए गए प्रस्‍ताव को उत्‍तर कोरिया नहीं मानता है क्‍योंकि यह पूरी तरह से उसका विरोधी है। ये प्रस्‍ताव हमारे देश की संप्रभुता पर सवाल खड़ा करता है।

बयान के मुताबिक इन देशों ने पहले भी अमेरिका के समर्थन में अपना बयान दिया है। उत्‍तर कोरिया नहीं जानता है कि इसके ऐवज में इन देशों को क्‍या हासिल होता है। यदि ये देश वास्तव में कोरियाई प्रायद्वीप के मुद्दे को हल करने में रुचि रखते हैं, तो इन्हें अमेरिका द्वारा उत्‍तर कोरिया के लिए अपनाई जा रही शत्रुतापूर्ण नीति को खत्‍म करने पर काम करना चाहिए। 

आपको यहां पर ये भी बता दें कि उत्‍तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन ने इस परिक्षण से पहले देश के पवित्र पर्वत माउंट पेकटू (Mt Paektu) गए थे। केसीएनए ने उनकी कई तस्‍वीरों को जारी भी किया है। इस दौरान उनके साथ उनकी बहन और पत्‍नी भी थीं। आपको ये भी बता दें कि इस पर्वत के करीब ही किम ने एक नया शहर भी बसाया है। इस शहर को उन्‍होंने मॉर्डन सिटी का नाम दिया है। कहा जाता है कि किम जब भी कुछ बड़ा करते हैं तो उससे पहले इस पर्वत पर जरूर आते हैं। इससे पहले भी वह यहां पर देखे गए थे और उसके कुछ दिन बाद उत्‍तर कोरिया ने एक मिसाइल परिक्षण किया था। वर्तमान में उत्‍तर कोरिया ने जो परिक्षण किया है उसको उसने अति महत्‍वपूर्ण परिक्षण (very important test) करार दिया है। 

इस परिक्षण पर न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स ने कहा है कि ऐसा करके किम अमेरिका पर दबाव बनाना चाहते हैं। किम ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप को 30 दिसंबर तक उत्‍तर कोरिया पर लगे प्रतिबंधों को हटाने का समय दिया है। अखबार के मुताबिक इस परिक्षण के दौरान उत्‍तर कोरिया ने लॉन्‍ग रेंज बैलेस्टिक मिसाइल के लिए किसी  तरह के इंजन का परिक्षण किया है। मार्च 2017 में भी इसी जगह से उत्‍तर कोरिया ने एक थ्रस्‍ट इंजन का परिक्षण किया था। 

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