अयोध्‍या कचहरी सीरियल ब्लॉस्ट : तारिक और खालिद की गिरफ्तारी से खुलीं थीं आतंक की परतें

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RGA न्यूज़ अयोध्या

दिसंबर 2007 में आरडीएक्स के साथ खालिद और तारिक को बाराबंकी में एटीएस ने किया था गिरफ्तार। ...

अयोध्या:- कचहरी सीरियल ब्लॉस्ट पर 12 साल बाद फैसला आ चुका है। अदालत ने हमले की साजिश में शामिल तारिक काजमी और मुहम्मद अख्तर उर्फ तारिक कश्मीरी को 50 हजार अर्थदंड के साथ उम्र कैद की सजा सुनाई है। एक अन्य सज्जादुर्रहमान को साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त कर दिया। अयोध्या सहित बाराबंकी व लखनऊ की कचहरी को दहला देने वाली इस आतंकी वारदात से पर्दा हमले के एक महीने बाद एटीएस की तत्परता से उठा था।

23 नवंबर 2007 को कचहरी सीरियल ब्लॉस्ट हुआ था। आतंकी वारदात के बाद पुलिस दहशतगर्दों का सुराग तलाश रही थी, इसी बीच 22 दिसंबर 2007 को बाराबंकी रेलवे स्टेशन पर एटीएस टीम तारिक काजमी और खालिद मुजाहिद को गिरफ्तार करती है। दोनों से आरडीएक्स व जिलेटिन रॉड आदि विस्फोटक सामग्री बरामद हुई। दोनों से पूछताछ के बाद तारिक और खालिद ने चार और लोगों के नाम बताए, जिसमें मुहम्मद अख्तर और सज्जादुर्रहमान (अब दोष मुक्त है) शामिल थे। आतंकी हमले में शादाब बेग और सैफुर्रहमान का नाम भी सामने आया, जो यहां कचहरी में विस्फोटक लगाने में शामिल थे। शादाब बेग वांटेड है, जबकि सैफुर्रहमान साबरमती जेल में है, जिसे वारंट बी पर लाने की कवायद चल रही है। यह पूरा हमला इंडियन मुजाहिद्दीन और हूजी की संयुक्त साजिश का हिस्सा था। वर्ष 2013 में यहां से पेशी से लौटते समय खालिद मुजाहिद की मौत हो गई थी।

हमले में एक नई और एक पुरानी साइकिल का हुआ था इस्तेमाल

अयोध्या : कचहरी में विस्फोट के लिए दो साइकिलों का इस्तेमाल किया गया था। विवेचना में सामने आया है कि शहर से एक नई साइकिल खरीदी गई और दोनों साइकिलों को सैफुर्रहमान और शादाब बेग ने फैजाबाद रेलवे स्टेशन के साइकिल स्टैंड पर जमा कर दिया। 23 नवंबर की सुबह ही दोनों साइकिलें स्टैंड से निकाल कर विस्फोट में इस्तेमाल की गईं। आतंकी हमले में चार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे।

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