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CAA Protest : चार दिन मोबाइल इंटरनेट बंद होने से 400 करोड़ का कारोबार प्रभावित
प्रयागराज में चार दिनों तक मोबाइल इंटरनेट सेवा को ठप कर दिया गया था। यह आदेश प्रशासन ने सीएए के विरोध के तहत किया था। 60 फीसद व्यापार ठप रहा ऑनलाइन बैंकिंग भी नहीं हुई।...
प्रयागराज :- मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद होने का असर सभी तबके पर हुआ, लेकिन इसका सबसे ज्यादा प्रभाव कारोबार और बैंकिंग सेवा पर पड़ा। लोग न ऑनलाइन खरीदारी कर सके और न ही खानपान के सामान ही मंगा सके। टैक्सी भी बुक नहीं हुई और न ही ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की सुविधा मिल सकी। इससे चार दिनों में करीब 400 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित होने का अनुमान है।
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर शहर में हुए विरोध के कारण पिछले गुरुवार की रात में मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया था। इससे खानपान उपलब्ध कराने वाली ऑनलाइन कंपनियों का कारोबार सोमवार दोपहर तक पूरी तरह ठप रहा। इन कंपनियों को खाना और नाश्ता उपलब्ध कराने वाले रेस्टोरेंटों का भी धंधा बिल्कुल मंदा पड़ गया था। सिविल लाइंस व्यापार मंडल के महामंत्री शिवशंकर सिंह का कहना है कि डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, पेटीएम और स्वैप मशीन के काम न करने से खुदरा कारोबार करीब 50 से 60 फीसद तक प्रभावित रहा। एसएमएस और नेट बैंकिंग ठप होने से लेनदेन भी बाधित रहा।
चार दिनों में करीब 200 करोड़ रुपये खुदरा व्यवसाय बाधित होने का अनुमान है। इसमें इलेक्ट्रानिक्स, कंप्यूटर, मोबाइल, घरेलू रोजमर्रा की सामग्री मसलन मंजन, आटा, दाल, चावल, घी, साबुन आदि की खरीद पर भी असर पड़ा। कैट के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल का कहना है कि इंटरनेट सेवा ठप होने से रिटेल एवं ऑनलाइन करीब ढाई सौ करोड़ का कारोबार बाधित हुआ।
मोबाइल इंटरनेट बंद होने से करीब 150 करोड़ रुपये ऑनलाइन बैंकिंग ट्रांजेक्शन बाधित होने का अनुमान है। ज्यादातर कारोबारी अब ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते हैं। वहीं ऑनलाइन लेनदेन में युवाओं का भी ज्यादा भरोसा होने से नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं।
नखानपान का करीब 40 करोड़ रुपये का कारोबार बाधित हुआ है। प्रयागराज में छात्रों की संख्या ज्यादा होने से ऑनलाइन खानपान पर उनकी निर्भरता ज्यादा है। आम लोगों में भी ऑनलाइन खाना और नाश्ता मंगाने की प्रवृत्ति में वृद्धि हो रही है।
इन चार दिनों में ऑनलाइन टैक्सी मुहैया कराने वाली कंपनियों को भी करीब 10 करोड़ की चपत लगी है। नेट न चलने से ऑनलाइन टैक्सियों की बुकिंग नहीं हो सकी।
शहर में नेटबंदी से सरकारी विभागों को भी करोड़ों रुपये की चपत लगी है। सबसे ज्यादा विद्युत विभाग को झटका लगा है। नेट न चलने से बिल नहीं जमा हो सके। विभाग के आंकड़ों के मुताबिक हर माह लगभग 28 हजार उपभोक्ता ऑनलाइन बिल जमा करते हैैं। इसके अलावा विभाग का ऑनलाइन विद्युत कनेक्शन देने का काम भी प्रभावित हुआ। इसी तरह धान खरीद पर भी नेटबंदी का असर पड़ा है। जिले में सौ से ज्यादा धान खरीद केंद्रों पर इसके कारण खरीद प्रभावित हुई है। खनन विभाग का सीमांकन भी रुका रहा। किसान बीमा योजना का सर्वे भी प्रभावित हो गया था। मनोरंजन कर विभाग को भी चपत लगी है। नेट न चलने से आइजीआरएस के कार्य पर भी असर पड़ा है