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नई संचार तकनीक का परीक्षण करने के मकसद से चीन ने अपने सबसे उन्नत और सबसे भारी संचार उपग्रह छोड़ा है। इसको लेकर उसका सबसे बड़ा रॉकेट लांग मार्च-5 स्पेस में रवाना हुआ। ...
बीजिंग:- चीन ने शुक्रवार को अपने सबसे उन्नत और सबसे भारी संचार उपग्रह छोड़ा। इस उपग्रह को लेकर उसका सबसे बड़ा रॉकेट लांग मार्च-5 अंतरिक्ष के लिए रवाना हुआ। यह रॉकेट दूर अंतरिक्ष के रहस्यों को जानने के लिए विकसित किया गया है।
शिजियान-20 नाम का उपग्रह नई संचार तकनीक का परीक्षण भी करेगा। वह शुक्रवार रात ही कक्षा में स्थापित हो गया। दक्षिणी चीन के हेनान प्रांत में स्थित वेनचांग स्पेस लांच सेंटर से छोड़ा गया शिजियान-20 आठ हजार किलोग्राम से ज्यादा वजन का है। यह चीन का सबसे भारी कृत्रिम उपग्रह है। इसका निर्माण चाइना एकेडमी ऑफ स्पेस टेक्नोलॉजी ने किया है।
चीन का सबसे ताकतवर रॉकेट लांग मार्च-5 25 हजार किलोग्राम का वजन लेकर पृथ्वी की नजदीकी कक्षा तक जा सकता है, जबकि 14 हजार किलोग्राम वजन लेकर दूरस्थ कक्षा में जा सकता है। इस बड़े उपग्रह की सफल लांचिंग के बाद चीन की मंगल ग्रह को लेकर बनी योजना पर काम तेज हो जाएगा। मंगल ग्रह के लिए चीन 2020 में उपग्रह छोड़ेगा।
जारी बयान में कहा है कि उपग्रह कक्षा में परीक्षणों की श्रृंखला पूरी करेगा। यह अंतरिक्ष में अति संवेदनशील जांच का कार्य भी करेगा। यह उपग्रह अत्यधिक उच्च फ्रीक्वेंसी वाले रेडियो स्पेक्ट्रम की भी जांच करेगा। साथ ही सेटेलाइट कम्युनिकेशन की क्षमता बढ़ाने के लिए उपग्रह क्यूवी बैंडविथ बढ़ाने का भी प्रयोग करेगा।