
RGA न्यूज़ चित्रकूट
जगदगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विवि के दीक्षा समारोह में पहुंचे सीएम नहीं आ सके गृहमंत्री अमित शाह। ...
चित्रकूट:- प्रभु राम की तपोभूमि चित्रकूट की महिमा भारत की आध्यात्मिक व सांस्कृतिक धरोहर है। यहां के जगदगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विवि जैसी गुरुकुल परंपरा देश के शिक्षण संस्थान कायम रखते तो शायद अराजकता का अड्डा नहीं बनते। समाज के उपेक्षितों को महत्व दिलाने का बड़ा काम इस विवि ने किया है। एक संत लोक कल्याण करता है। देश व दुनिया के लिए यह आदर्श हैं। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को जगदगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विवि में आयोजित आठवें दीक्षा समारोह में कहीं।
जगदगुरु को दिया साहित्य भूषण पुरस्कार
उन्होंने जगदगुरु रामभद्राचार्य को उप्र हिंदी साहित्य संस्थान की ओर से घोषित साहित्य भूषण पुरस्कार दिया। इसके साथ ही दो लाख रुपये की सम्मान धनराशि भी दी। सम्मान पाने के बाद जगदगुरु रामभद्राचार्य ने मुख्यमंत्री से विश्वविद्यालय संचालन को लेकर आर्थिक मदद मांगी। उन्होंने कहा कि 500 करोड़ रुपये अब तक विवि में खर्च कर चुके हैं, अब उनको सरकार की मदद चाहिए। कहा कि अगला दीक्षा समारोह केंद्रीय विवि में ही होगा। गौरतलब है इस दीक्षा समारोह में गृहमंत्री अमित शाह को भी आना था पर कोहरे के कारण दिल्ली से विमान टेकऑफ न करने के कारण उनका कार्यक्रम निरस्त हो गया।
काम करते तो नहीं आती शिक्षण संस्थानों में बाधा
उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की ओर से सभी को बधाई देते हुए कहा कि बृज क्षेत्र में सूरदास से सभी प्रभावित हैं। स्टीफन हॉकिंग को सुना होगा। अष्टावक्र का नया अवतार थे हॉकिंग, वह हिम्मत नहीं हारे और ब्रम्हांड के रहस्य खोले। सीएमने कहा कि देश मे शिक्षण संस्थाओं को कोई बाधा नहीं आती अगर अच्छा काम करते। उच्च शिक्षा संस्थान अराजकता के अड्डे नहीं बनते। सत्य व धर्म से नहीं हटना, कुशल वक्तव्य करना, माता व पिता को देव समझना, आचार्य व अतिथि देवो भव की सोच गुरुकुलों में होती है। यह सीख शिक्षण संस्थानों और महाविद्यालयों में दी जानी चाहिए। दिव्यांग विवि से दूसरे शिक्षण संस्थानों को सीख लेनी चाहिए। कहा कि मनुष्य निर्माण, नर को नारायण बनाने की प्रकिया जगद्गुरु ने शुरू की है।
खुद की नहीं राम की रही चिंता
सीएम ने कहा कि हर दो माह में जगद्गुरु रामजन्म भूमि के फैसले को पूछते रहे। समाज में सब अपने लिए सोच रहे हैं पर राम मंदिर को पूछने वाले सिर्फ जगदगुरु रामभद्राचार्य ही हैं। हमने हमेशा मंदिर बनने की बात कही। कोर्ट ने अयोध्या में फैसला दिया। अब राम मंदिर बनने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
मोदी जी ने दी दिव्यांग की संज्ञा, अब हम करेंगे मदद
सीएम ने कहा कि पहले विकलांग अब मोदी जी ने उसे दिव्यांग की संज्ञा दी। प्रधानमंत्री ने दिव्यांगजनों को शासकीय सेवा में नौकरी की अनिवार्यता दी। रैंप, उपकरण, आर्थिक स्वावलंबन दे रहे हैं। यही प्रदेश स्तर पर हो रहा है। दिव्यांगजनों के पेंशन बढ़ाने पर काम हुआ। इस विवि को दिव्यांगजन कल्याण विभाग से जोड़कर आर्थिक सहयोग करने की व्यवस्था हो रही है। राम मंदिर की चिंता समाप्त तो यहां के विवि की चिंताएं खत्म होंगी और बेहतरी आएगी।