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राज्य के हर घर तक वर्ष 2022 तक मानकों के अनुसार पर्याप्त पानी पहुंचाया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने पानी बचाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पानी बचा कर उत्तराखंड देश के दूसरे प्यासे राज्यों को पानी पिला कर देश का लीडर बन सकता है।
राज्य के 35 शहरों में वर्ल्ड बैंक प्रोजेक्ट के तहत 16 घंटे पानी उपलब्ध कराने की योजना का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने पेयजल संरक्षण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बड़ी सोच रखते हुए हमें प्राथमिकताएं तय करनी होंगी। पेयजल मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि सरकार का लक्ष्य 2022 तक राज्य के हर घर में पानी उपलब्ध कराना है।
राज्य में अभी भी 17100 ग्रामीण बस्तियों और 859 पेरी अरबन क्षेत्रों तक मानक अनुसार पानी पहुंचाया जाना है। ग्रामीण बस्तियों के लिए केंद्र व वर्ल्ड बैंक से मदद ली जा रही है। पेरी अरबन क्षेत्रों में आज से काम शुरू हो जाएगा। ताकि 2022 तक हर घर पानी का लक्ष्य पूरा हो सके। इस अवसर पर सचिव अरविंद सिंह, निदेशक स्वजल राघव लंगर, एमडी भजन सिंह, सीजीएम एसके गुप्ता, वर्ल्ड बैंक टीम लीडर स्मिता मिश्रा मौजूद रही।
स्वजल कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा बढ़ा
स्वजल के जिस नए प्रोजेक्ट को बुधवार को लांच किया गया, उसी दिन प्रोजेक्ट से जुड़े पुराने कर्मचारियों की नौकरी पर संकट आ गया। वित्त विभाग ने स्वजल के ढांचे में बड़ी कटौती करते हुए करीब 82 पदों को समाप्त कर दिया है। पहले कुल ढांचा 410 पदों का था। शासन ने 205 पदों का नया ढांचा तैयार किया। इसे भी वित्त विभाग ने कटौती करते हुए 193 तक सीमित कर दिया है। इसमें भी पदों की संख्या सीमित करते प्रतिनियुक्ति के पद बढ़ा दिए हैं। स्वजल से सीधे जुड़े कर्मचारियों के 82 पद कम कर दिए हैं।
कार्यक्रम में स्वजल कर्मचारियों का हंगामा
जिस वर्ल्ड बैंक प्रोजेक्ट के शुभारंभ की तैयारी में स्वजल कर्मचारी दिन रात लगे हुए थे। उन्हें उसी कार्यक्रम में सीएम, पेयजल मंत्री, सचिव पेयजल समेत निदेशक स्वजल का घेराव करना पड़ा। कार्यक्रम में कर्मचारियों ने जमकर विरोध जताया। कार्यक्रम खत्म होते ही कर्मचारियों ने मंच घेर लिया। पेयजल मंत्री के दखल के बाद दो कर्मचारियों की सीएम से बात कराई गई। ठोस आश्वासन दिए बिना ही जैसे सीएम निकले, कर्मचारियों ने संयुक्त रूप से अपनी बात रखनी चाही। बात न होने पर कुछ देर बाद कर्मचारियों ने सचिव पेयजल को घेर लिया। कर्मचारियों ने भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। पेयजल मंत्री ने आश्वासन दिया कि किसी भी कर्मचारी को निकाला नहीं जाएगा। नौकरी पर कोई खतरा नहीं है।