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बहेड़ी - बकरियों के लिए घास काटने गए दो छात्रों की किच्छा नदी में डूबकर मौत हो गई। दोनों सगे भाई हैं। एक फिसलकर नदी में गिर गया तो उसे बचाने को छोटे भाई ने भी नदी में छलांग लगा दी। दोनो भंवर में फंस गए। करीब छह घंटे बाद दोनों के शव निकाले जा सके।
तहसील मुख्यालय से 4 किलोमीटर दूर नरायन नगला गांव में फेरी करके दाल बेचने वाले मोहम्मद इशहाक की नरायन नगला गांव से गुजर रही किच्छा नदी में पालेज है। गुरुवार सुबह करीब 9 बजे उसके दो पुत्र बकरियों के लिए चारा काटने के लिए किच्छा नदी किनारे टीले से गुजर रहे थे। वहां से गुजरते समय बड़े पुत्र मोहम्मद आसिफ (15) का पैर फिसल गया और वह नदी में गिर गया। उसे डूबता देख छोटे भाई कासिम (13) ने भी नदी में छलांग लगा दी। मगर दोनो भाई भंवर में फंसने के कारण पानी में डूब गए। उनके साथ उनका एक रिश्ते का भाई सादिक भी मौजूद था। दोनो के डूबने पर वह भागकर गांव पहुंचा बात घरवालों को सूचना दी।
खबर पाकर परिजनों समेत गांव के सैकड़ों लोग नदी की ओर दौड़ पड़े। गांव के कुछ युवक दोनो भाईयों को बचाने के लिए नदी में कूद गए। काफी देर बाद कासिम का शव नदी से बाहर निकाला जा सका मगर आसिफ का कुछ पता नहीं चल रहा था। तो पुलिस ने गोताखारो को बुलाया। गांव के ही एक निजी स्कूल में आसिफ कक्षा चार तो कासिम कक्षा तीन का छात्र था।
साढ़े तीन घंटे बाद पहुंचे गोताखोर
किशोरों के नदी में डूबने की सूचना करीब 11 बजे पुलिस को दी गई थी। एक-एक पल परिजनों को बर्दाश्त नहीं हो रहा था वहीं, करीब साढ़े तीन घंटे की देरी से गोताखोर टीम पहुंची। करीब ढाई बजे गोताखोर पहुंचे और 15 मिनट के भीतर आसिफ का शव ढूंढकर निकाल लिया।
दो बेटों की मौत पर परिवार में कोहराम
फेरी करके दाल बेचने वाला इशहाक काफी तंगहाली में जिन्दगी जी रहा है। दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना मुश्किल है इसी तंगहाली के कारण वह बच्चों को सही तरह से नहीं पढ़ा पा रहा था। पांच संतानो में उसके दो ही पुत्र आसिफ और कासिम थे। उनकी मौत से पिता इशहाक और मां इदरीसन टूट गए। उसके पांच संतानो में दो पुत्रो के अलावा तीन पुत्रियां साहिबा, सानिया और अशफियां हैं। परिवार पर गमों का पहाड़ ही टूट पड़ा है।
घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। पीड़ित को मुख्यमंत्री राहतकोष से मदद दिलाये जाने के लिये जिलाधिकारी को लिखकर भेजा जायेगा।
- एमपी सिंह(एसडीएम)