
RGA न्यूज़ हरिद्वार उत्तराखंड
विचाराधीन बंदी दीपक की मौत के दो दिन बाद भी ग्रामीणों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा। आक्रोशित ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रखकर पांच घंटे तक जाम लगाए रखा।...
हरिद्वार:- विचाराधीन बंदी दीपक की मौत के दो दिन बाद भी ग्रामीणों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा। शनिवार को भी आक्रोशित ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रखकर पांच घंटे तक जाम लगाए रखा। आक्रोशित ग्रामीण आरोपितों की गिरफ्तारी समेत तीन मांगों पर अड़े रहे। अधिकारियों ने मांग पूरी करने का आश्वासन देकर किसी तरह से मामला शांत कराया। पोस्टमार्टम के करीब 26 घंटे बाद ही शव का अंतिम संस्कार हो सका।
गुरुवार की दोपहर को लिब्बरहेड़ी गांव निवासी विचाराधीन बंदी दीपक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। दीपक की मौत के अगले दिन शुक्रवार को पोस्टमार्टम होने के करीब चार घंटे तक शव नहीं उठने दिया था। गांव के ही ग्राम प्रधान के पति समेत चार लोगों पर मुकदमा दर्ज होने के बाद ही परिजनों ने शव उठने दिया था। शनिवार को शव का अंतिम संस्कार होना था। सुबह नौ बजे ग्रामीणों ने गांव में एक बैंक के पास दीपक का शव सड़क पर रखकर जाम लगा दिया।
सूचना पर एसपी देहात स्वपन किशोर सिंह मौके पर पहुंचे। एसपी देहात ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। ग्रामीण ग्राम प्रधान के पति समेत सभी चारों आरोपितों की गिरफ्तारी, पीडि़त परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी के अलावा 25 लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने की मांग पर अड़े रहे। दोपहर करीब दो बजे पहुंचे भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष महक सिंह भी मौके पर पहुंचे। मामला तूल पकड़ा देख मौके पर एसडीएम रविंद्र सिंह बिष्ट भी पहुंचे। ग्रामीणों ने एसडीएम को मांग संबंधी ज्ञापन सौंपा। साथ ही जल्द ही सभी मांगें पूरी कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद ही ग्रामीणों ने जाम खुलवाया। इसके बाद ही दीपक के शव का अंतिम संस्कार किया गया।
भीम आर्मी ने दी 50 हजार की मदद
लिब्बरहेड़ी निवासी दीपक की मौत के मामले में भीम आर्मी के प्रदेशाध्यक्ष महक सिंह ने संगठन की ओर से दीपक के परिजनों की 50 हजार रुपये की मदद की गई। यह रकम दीपक की बहन को बुलाकर दी गई।