
RGA न्यूज़ लखनऊ
Interview लविवि के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय से विशेष बातचीत। पेपर सेटिंग में व्यक्ति का नहीं व्यवस्था का होगा दखल। ...
लखनऊ:- शताब्दी वर्ष में (2019 में) प्रवेश करते ही लखनऊ विश्वविद्यालय के दामन पर न जाने कितने दाग लगे। जैसे फर्जी चेक, फर्जी मार्कशीट या पेपर लीक ऑडियो वायरल प्रकरण आदि। साल के अंत में प्रबंधशास्त्र संस्थान बीएचयू के प्रोफेसर आलोक कुमार राय को कुलपति की जिम्मेदारी मिली। अब विवि की खोई छवि को वापस लाना उनके लिए बड़ी चुनौती है। प्रो. राय इन चुनौतियों के साथ 20-20 खेलने का दावा कर रहे। गुणवत्ता व शोधपरक शिक्षा के बलबूते लविवि को रोल मॉडल बनाने का संकल्प है। फर्जी चेक, फर्जी मार्कशीट, पेपर लीक प्रकरण में सख्त कार्रवाई करने का भी दावा है। विशेष बातचीत तीखे सवालों पर कुलपति ने बेबाकी से जवाब दिए।
सवाल: आपको ज्वाइन किए एक सप्ताह हो गए हैं, विश्वविद्यालय को आप किस स्थिति में देख रहे हैं?
जवाब- टीचिंग एंड रिसर्च में लविवि शानदार संस्थान है। मैंने आते ही यह पता किया कि इस विवि का एच इंडेक्स कितना है। एच इंडेक्स एक स्कोर होता है, जिससे यह पता लगता है कि वैश्विक स्तर पर स्वीकार होने वाले कितने पब्लिकेशन लविवि के हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यहां के वेब ऑफ साइंस का एच इंडेक्स 77 है जो कि बहुत अच्छा है। इसके चलते लविवि देश के टॉप संस्थानों में है। मैं इसलिए इसे और बेहतर मानता हूं कि यह विवि अब तक परंपरागत कोर्स के साथ आगे बढ़ा। जबकि मेडिकल और इंजीनियङ्क्षरग में हाई इंडेक्स पाना आसान है। उसके बाद भी यह स्कोर होना दर्शाता है कि विवि का रिसर्च वर्क बेहद अच्छा है।
सवाल -अक्सर विद्यार्थियों की समस्याओं की अनदेखी की जाती है, आप क्या करेंगे?
जवाब - एक सप्ताह में मैंने सिर्फ बच्चों की समस्याएं सुनीं और निराकरण किया। उनकी समस्या हल करना हमारी जिम्मेदारी है। वे सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दें।
सवाल: बीते समय में विवि की प्रतिष्ठा, शिक्षण कार्य आदि पर बहुत चोट हुई है। इस घाव को कैसे भरेंगे?
जवाब: हमें हर चैनल (शिक्षक, कर्मचारियों) का सही और पूरा इस्तेमाल करना होना। तभी ऊर्जा को गलत कार्यों में लगने से बचाया जा सकता है।
सवाल : आपकी स्ट्रेटजी या क्लियर कट विजन क्या है?
जवाब: मेरा एक सूत्रीय एजेंडा संस्थान को अपस्केल करना है। संस्था के सॉफ्टवेयर को दुरुस्त करना है न कि हार्डवेयर को। विवि को शिक्षा और शोध में आगे बढ़ाकर अन्य के लिए रोल मॉडल बनाने का मकसद है।
सवाल: आपको नहीं लगता कि यहां का सॉफ्टवेयर बहुत करप्ट हो गया है?
जवाब: ऐसा नहीं है, ऐसा होता तो हमारा एच इंडेक्स इतना हाई न होता।
सवाल: मेस व छात्रावास के खातों में करोड़ों रुपये हैं। फिर भी छात्रावास में टोटी तक नहीं है?
जवाब: ज्वाइनिंग के तीसरे दिन ही तमाम अव्यवस्थाओं का दूर कर दिया गया है। बच्चों की कॉशन मनी वापस कर दी गई। हॉस्टल स्टाफ और मेस का भी नौ महीने से रुका भुगतान कर दिया गया।
सवाल: शिक्षकों को साथ लेकर चलना है, कैसे करेंगे?
जवाब: विवि में पांच सौ शिक्षक हैं तो मुझे 499 का नहीं, पूरे 500 शिक्षकों का सहयोग चाहिए। यही बात दो हजार नॉन टीचिंग स्टाफ के लिए भी है।
सवाल: शिक्षक पढ़ाने में दिलचस्पी कम दिखाते हैं, क्या करेंगे?
जवाब: यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं उनसे कैसे काम लूं। यह दौर ह्वयूमन पोटेंशियल मैनेजमेंट का है। उसी का इंप्लीमेंट करना है।
सवाल: आप मैनेजमेंट क्षेत्र से हैं, चर्चा है आप चीजों को बहुत अच्छे से मैनेज करते हैं?
जवाब: कुलपति हो या चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सभी को दायित्वों का निर्वहन करना होगा। इसे ही मैनेज करना कह सकते हैं।
सवाल: फर्जी चेक, फर्जी मार्कशीट और फिर पेपर लीक प्रकरण में आप क्या कर रहे हैं?
जवाब: फर्जी चेक के मामलों का रोकने के लिए मैंने सभी वित्तीय लेनदेन को इलेक्ट्रानिक मोड करने को कहा है। फर्जी मार्कशीट की संभावना खत्म करने के लिए भी होम वर्क किया जा रहा है। पेपर लीक कांड पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है, दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।