मकर संक्रांति पर वाराणसी में साफ गंगाजल में स्नान करेंगे भक्‍त, यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की पहल

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RGA न्यूज़ बनारस

मकर संक्रांति (15 जनवरी) वाले दिन स्नान करने वालों को पूरी तरह से साफ पानी मिलेगा।...

वाराणसी:- मकर संक्रांति (15 जनवरी) वाले दिन स्नान करने वालों को पूरी तरह से साफ पानी मिलेगा। रामनगर से राजघाट तक गंगाजल में घुलनशील आक्सीजन का स्तर पर 9.5 है जो सामान्य से छह से ऊपर है।

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह ने सोमवार को बताया कि इस समय पिछले वर्ष से गंगा में पानी अधिक है जिसके कारण पानी का प्रवाह बेहतर है। वहीं पानी का रंग भी 10 हेजल है जो पूरी तरह से स्नान करने योग्य है। उन्होंने बताया कि हमारी टीम सुबह -शाम पानी का नमूना रामनगर से राजघाट के बीच से रैंडम एकत्र करती है और हम अपनी प्रयोगशाला में जांच करते हैं फिर उसके आंकडे जारी करते हैं। मैं खुद एक बार नमूना एकत्र करने वाली टीम के साथ जाता हूं। दूसरी ओर हम लोग जल पुलिस, नगर निगम और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से लोगों के साबुन और शैंपू लगा कर नहाने से रोक रहे हैं। लोगों से अपील भी कर रहे है कि फूल और पूजा सामग्री को गंगा में न बहाए।

संक्रांति पर स्‍नान का विशेष महत्‍व

मकर संक्रांति लोक मंगल को समर्पित है और इस मौके पर स्‍नान का विेशेष महत्‍व है। स्नान-दान और खानपान का यह पर्व पिछले कई वर्षों की तरह इस बार भी 15 जनवरी को पड़ रहा है। दीर्घायु, आरोग्य, धन-धान्य, ऐश्वर्य समेत सर्व मंगल के कारक प्रत्यक्ष देव सूर्य धनु से मकर राशि में सुबह 8:24 बजे प्रवेश कर जाएंगे। इससे भी पहले सूर्योदय के साथ ही मकर संक्रांति जन्य पुण्य काल शुरू हो जाएगा, जो सूर्यास्त तक रहेगा। ऐसे में 15 जनवरी की सुबह से शाम तक पर्व विशेष के स्नान-दान विधान पूरे किए जा सकेंगे। तिथि विशेष पर गंगा, प्रयागराज संगम समेत नदी, सरोवर, कुंड आदि में स्नान के साथ सूर्य को अर्घय देने और दान का विशेष महत्व है। स्नानोपरांत सूर्य सहस्त्रनाम, आदित्य हृदय स्त्रोत, सूर्य चालीसा, सूर्य मंत्रादि का पाठ कर सूर्य की आराधना करनी चाहिए। साथ ही गुड़, तिल, कंबल, खिचड़ी, चावल आदि पुरोहितों या गरीबों को प्रदान करना चाहिए। वायु पुराण में मकर संक्रांति पर तांबूल दान का भी विशेष महत्व बताया गया है।

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