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कर्नाटक
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 108 सीटें मिली है लेकिन सरकार बनाने के लिए जरूरी 112 के आंकड़े से अभी वह दूर है। लेकिन, ऐसा नहीं है कि वहां पर बीजेपी के साथ ऐसा पहली बार हुआ हो। आज से करीब दस साल पहले भी ठीक इसी तरह हुआ था और उस वक्त भी येदियुरप्पा ही कर्नाटक में मुख्य भूमिका में थे।
कर्नाटक में 2008 के विधानसभा चुनाव में स्पष्ट जनादेश नहीं मिलने के बाद विधानसभा में स्थायित्व के लिए बीजेपी ने उस वक्त जो किया था उसे ‘ऑपरेशन कमल’ का नाम दिया गया था। 2018 के चुनाव में एक बार फिर से किसी को स्पष्ट जनादेश नहीं मिलने के बाद दस साल पहले के उस फॉर्मूले को बीजेपी दोहरा सकती है।
क्या है ऑपरेशन कमल
ऑपरेशन कमल की शुरुआत तत्कालीन बीजेपी के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा की तरफ से की गई थी जिसमें विपक्षी विधायकों के लिए पैसे और ताकत का इस्तेमाल किया गया था। बीजेपी ने जेडीएस और कांग्रेस के 20 विधायक को कथित प्रलोभन देकर विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिलवाया और 2008 से 2013 के बीच उप-चुनाव लड़वाया था।