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जनपद में राज्य आंदोलनकारी स्व. निर्मल पंडित की 20 वीं पुण्यतिथि मनाई गई। इस दौरान लोगों ने नम आंखों से उनकी शहादत को याद किया। कार्यक्रम में शामिल लोगों ने युवाओं से पंडित के जीवन से प्रेरणा लेने की अपील की । बुधवार को शहीद स्मारक में निर्मल पंडित को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए कार्यक्रम किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने उनका भावपूर्ण स्मरण किया। वक्ताओं ने कहा कि पंडित सीमांत जनपद में शराब के विरोधी आंदोलन चलाते रहे। 27 मार्च 1998 को शराब नीलामी के विरोध में उन्होंने आत्मदाह कर लिया था। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में 16 मई 1998 में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके बलिदान के बाद भी क्षेत्र शराब मुक्त नहीं हो पाया। कहा कि निर्मल पंडित का संघर्षशील व्यक्तित्व हमेशा याद किया जाएगा। डॉ. गुरुकुलानंद कच्चाहारी ने कहा कि वर्तमान के युवाओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। संचालन जुगल किशोर पाण्डे ने किया। इस दौरान डीडीओ गोपाल गिरी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुकेश पंत, निवर्तमान पालिकाध्यक्ष जगत सिंह खाती, पूर्व पालिकाध्यक्ष राजेंद्र सिंह रावत, डॉ. अशोक पंत, गोपू महर, अनिल रौतेला, मोहन चंद्र भट्ट, दिनेश ओझा, महेश जोशी, रवींद्र बिष्ट, मथुरा दत्त जोशी, गेहराज पांडे, दीवान बिष्ट समेत कई लोग मौजूद रहे--गांधी विद्या पीठ में पंडित को याद कियापिथौरागढ़ के गांधी विद्या पीठ में स्व. निर्मल पंडित को उनकी पुण्य तिथि पर याद किया गया। इस दौरान स्कूल के प्रबंधक ललित पंत ने विस्तार से पंडित के जीवन के बारे में बताया। कार्यक्रम में समाजसेवी भगवान बल्लभ पंत, प्रधानाचार्य भुवन चन्द्र जोशी सहित कई लोग शामिल रहे।
पिथौरागढ़। प्रखर छात्र नेता राज्य आंदोलनकारी निर्मल पंडित की पुण्य तिथि से पूर्व गांधी विद्या पीठ में कराई गयी सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के जूनियर वर्ग में सिद्धि और सीनियर वर्ग में रिया ने बाजी मारी। इस प्रतियोगिता के जूनियर वर्ग में विजय ,पवन व प्रियांशु भी विजयी घोषित किए गये। सीनियर वर्ग में महिमा द्वितीय, रोशन तृतीय स्थान पर रहे। स्कूल के प्रबंधक ललित पंत, प्रधानाचार्य भुवन जोशी, भगवान बल्लभ पंत ने विजयी रहे छात्रों को पुरस्कृत किया।
पंडित को नारायण महाविद्यालय में दी गई श्रद्धांजलि
डीडीहाट। राज्य आंदोलनकारी निर्मल पंडित को राजकीय महाविद्यालय नारायणनगर में एक कार्यक्रम में श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. उमा पाठक ने कहा राज्य आंदोलनकारी रहे पंडित ने हमेशा लोगों के लिए संघर्ष किया। इस दौरान डॉ. आरएन पाण्डे, युकां अध्यक्ष रिषेन्द्र महर, राजेन्द्र बोरा, छात्र संघ अध्यक्ष मनोज कन्याल सहित कई शामिल रहे।