RGA न्यूज हिमाचल प्रदेश/शिमला
शिमला-कालका एनएच पर अवैध अतिक्रमण मामले में अब इतने दिन तक जिम्मेदार अफसरों की सूची देनी होगी। प्रदेश हाईकोर्ट में शिमला-कालका एनएच पर अवैध अतिक्रमणों के मामले को लेकर चल रही जनहित याचिका पर सुनवाई दो सप्ताह के लिए टल गई इस मामले में हाईकोर्ट ने टाउन एंड कंट्री विभाग के प्रधान सचिव को आदेश दिए थे कि वह शिमला कालका राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर वर्ष 2015 व 2016 में बने सभी तरह के निर्माणों से ताल्लुक रखने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के नाम अदालत को बताए। उनकी ओर से इन नामों को बताने के लिए दो सप्ताह के अतिरिक्त समय की मांग की गई जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि उन सभी कर्मियों के खिलाफ कार्यवाई अमल में लाई जाएगी जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान उक्त सड़क मार्ग के आसपास अवैध निर्माण होने दिए व जानबूझ कर कोई कार्यवाई नहीं की।
कोर्ट ने सभी संबंधित विभागों को दिए थे ये आदेशकार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने प्रधान सचिव को हिदायत दी कि यदि 23 मई तक मांगे गए कर्मियों की सूची पेश नहीं की तो वह स्वयं कोर्ट में उपस्थित रहकर इसका कारण बताए।
कोर्ट ने सभी संबंधित विभागों को आदेश दिए थे कि शिमला कालका राष्ट्रीय उच्च मार्ग के दोनो तरफ निर्माण करने की इजाजत किस किस को दे रखी है। कोर्ट ने विशेषकर बड़ोग बाइपास और उसके नजदीक सड़क मार्ग की पूरी जानकारी मांगी थी और कहा था कि सड़क मार्ग के आसपास बड़े पैमाने पर अवैध
निर्माण होते चले गए और संबंधित कर्मी हाईकोर्ट की ओर से मामले पर संज्ञान लेने के बावजूद सोते रहे। कोर्ट ने सभी संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को पूछा था कि क्यों न उनके खिलाफ
अवमानना के साथ साथ भ्रष्टाचार के मामले चलाये जाएं। कोर्ट के इन आदेशों के बावजूद न तो किसी के खिलाफ विभागीय कार्यवाई हुई और न ही दोषियों के नाम कोर्ट को बताए गए। मामले पर सुनवाई 23 मई को होगी।
(कोर्ट का आदेश)