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RGA न्यूज़ लखनऊ उत्तर प्रदेश ब्यूरो चीफ सुनील यादव
UnLock-1.0 लोकभवन में टीम-11 के साथ कोविड-19 की समीक्षा के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने अनलॉक 1.0 के दौरान भी कहीं भी किसी प्रकार की लापरवाही न होने देने का निर्देश दिया है। ...
लखनऊ:- वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण काल में प्रदेश के हर नागरिक के बारे में चिंता करने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को हर जगह पर पूर्ण अनुशासन के पालन का निर्देश दिया है। लोकभवन में टीम-11 के साथ कोविड-19 की समीक्षा के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने अनलॉक 1.0 के दौरान भी कहीं भी किसी प्रकार की लापरवाही न होने देने का निर्देश दिया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अनलॉक 1.0 का मतलब अनुशासन है। कोरोना से बचाव के लिए अनलॉक व्यवस्था के दौरान पूर्ण अनुशासन के साथ रहना आवश्यक है। उन्होंने कोविड-19 के संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए लगातार सतर्कता बरतने पर बल दिया है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को लोक भवन में एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि कोविड और नॉन कोविड अस्पतालों की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के लिए हर स्तर पर संवाद आवश्यक है। जन स्वास्थ्य की दृष्टि से एनसीआर के जिलों में सतर्कता बरती जाए। इसमें भी गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ, बागपत, हापुड़ और बुलन्दशहर पर विशेष ध्यान दें।
अधिक कोरोना संक्रमण वाले प्रदेश के 11 जिलों को लेकर चिंतित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली से सटे एनसीआर के जिलों को लेकर खास सतर्क हैं। उन्होंने अफसरों को भी आगाह कर दिया है कि वहां विशेष सतर्कता रखें। इलाज की व्यवस्था में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। इन सभी जिलों की रणनीति की कमान अब खुद योगी ने संभाल ली है। मुख्यमंत्री ने अधिक संक्रमण वाले आगरा, मेरठ, कानपुर नगर, अलीगढ़, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मुरादाबाद, फीरोजाबाद, बुलंदशहर, झांसी और बस्ती के लिए अलग से नोडल अधिकारियों की टीम बना दी है। संक्रमण बढऩे के कारणों पर पांच दिन में रिपोर्ट मांगी है, जिसके आधार पर अपने निर्देशन में रणनीति बनवाएंगे। इसके अलावा सोमवार को लोकभवन में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा बैठक में भी योगी ने ऐसे जिलों को लेकर चिंता जताई। उन्होंने 11 जिलों के साथ ही दिल्ली के करीब वाले हापुड़ और बागपत की स्थिति की भी जानकारी ली।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी टीम -11 को 11 जनपदों में नोडल अधिकारी के रूप में तैनात वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों तथा विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ निरन्तर संवाद बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों के साथ भी नियमित संवाद कायम रखते हुए व्यवस्थाओं को बेहतर बनाए रखा जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कोरोना संक्रमित रोगियों की स्थिति को देखते हुए उन्हेंं उपचार के लिए एल-1, एल-2 अथवा एल-3 श्रेणी के अस्पताल में भर्ती किया जाए। उन्होंने कहा कि जन स्वास्थ्य की दृष्टि से एनसीआर के जनपदों में सतर्कता बरती जाए। इस दौरान गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ, बागपत, हापुड़ तथा बुलन्दशहर पर विशेष ध्यान देने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इन जिलों में उपचार की बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। उन्होंने एनसीआर क्षेत्र के जनपदों के कोविड अस्पतालों में बेड और चिकित्साकॢमयों की संख्या में वृद्धि करने के निर्देश भी दिए हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की सुचारू उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इस सम्बन्ध में बैक अप भी तैयार रखा जाए। उन्होंने कहा कि समय पर उपचार मृत्यु दर को नियंत्रित करने में काफी मददगार है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमको सभी की चिंता है। हमने देश में सबसे ज्यादा 57 लाख से ज्यादा श्रमिकों को मनरेगा में रोजगार दिया है। मनरेगा के तहत प्रदेश में 57 लाख 12 हजार श्रमिकों को कार्य मिला जो, वर्तमान में देश में सर्वाधिक है। इसके साथ ही कामगारों की स्किल मैपिंग भी कराई गई है, जिससे कि इनको औद्योगिक इकाइयों में सर्वे कर रोजगार प्रदान कराया जाए। औद्योगिक इकाइयों का सर्वे के बाद इन इकाइयों में रोजगार की आवश्यकता का आंकलन किया जाए।
इस अवसर पर उनके साथ बैठक में स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार, पुलिस महानिदेशक हितेश सी अवस्थी, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल और संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।