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सीएम के आश्वासन के बाद अब मझोला चीनी मिल अगले साल से चलने की संभावनाओं को बल मिल रहा है। चीनी मिल को शुरू कराने में कितना खर्च होगा और क्या क्या प्लांट लग सकते हैं, इसकी मंगलवार को गहनता से जांच की गई। हाईटेक कंपनी पूना और लखनऊ शुगर मिल के अभियंताओं ने चीनी मिल में घूमकर सम्पत्ति को देखा भी है। टीम सर्वे के बाद चली गई।मझोला चीनी को आठ साल पहले बंद कर दिया गया था। यह चीनी मिल पेराई सत्र में बीस हजार क्विंटल गन्ना पेरती थी और चीनी उत्पादन भी काफी अच्छा था। इसके बंद होने के बाद क्षेत्र के विकास का पहिया थम गया है और कर्मी भी रोटी को मोहताज बने हुए हैं।
चीनी मिल को दोबारा से चलाने के प्रयास शुरू किए गए तो विधायक संजय गंगवार ने सीएम योगी से मिलकर इसे चलवाने की पैरवी की थी। सीएम ने अगले पेराई सत्र से चीनी मिल शुरू कराने का आश्वासन दिया था। अब संभावना और बढ़ गई है। चीनी को शुरू करने में कितना खर्च होगा और क्या प्लांट लगाए जा सकते हैं, इसको लेकर मंगलवार लखनऊ की शोभित शुगर मिल एवं डिस्टलरी गोमती नगर लखनऊ के अलावा हाईटेक कंपनी पुणे की टीम ने मझोला चीनी मिल के प्लांट को देखा। टीम के सदस्यों ने उसके संपत्ति के बारे में गहनता से जानकारी जुटाई। शोभित शुगर एवं स्टेशनरी एंड पावर फैक्ट्री गोमती नगर लखनऊ के एमडी ओपी मिश्रा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात होने के बाद अपनी एक टीम हाईटेक कंपनी पूना के साथ मझोला चीनी मिल देखने को भेजा है।
टीम में डिप्टी जीएम कमर्शियल सुभाष यादव व सिविल इंजीनियर राजेश कुमार सिंह के साथ हाईटेक कंपनी पुणे के शकील अली व सद्दाम ने मझोला चीनी मिल के प्लांट को देखा। अभियंताओं ने चीनी मिल बालर, बेरन प्लांट और चीनी मिल प्लांट देखा। शोभित शुगर मिल से आए डिप्टी जीएम सुभाष यादव ने बताया कि चीनी मिल की क्षमता 20 हजार प्रतिदिन गन्ना पेराई करने की थी। इस चीनी मिल में 50 हजार प्रतिदिन की पराई करेंगे। यही नहीं 27 मेगावाट बिजली प्लांट लगाया जाएगा। इस बीच संभावना जताई जा रही है कि चीनी मिल में लगभग 400 करोड़ का खर्चा आ सकता है।