RGA न्यूज़ संवाददाता छत्तीसगढ़ रायपुर
रायपुर:- गीत स्मरणशक्ति को तेज करता है। नवसृजन की क्षमता, परस्पर सहयोग और समायोजन की भावना को जागृत करता है। अनुशासन सिखाता है, मन को प्रफुल्लित करता है। समाज में सम्मान के योग्य बनाता है। आत्मा का उन्नयन करता है। कई बीमारियों का इलाज अब सिर्फ दवाइयों से नहीं, बल्कि संगीत द्वारा भी किया जाने लगा है। इन बीमारियों का संगीत से इलाज हृदय रोग: राग दरबारी और राग सारंग संगीत. साज हो तुम आवाज हूं मैं.., जिंदगी आज मेरे नाम शर्माती है.., मनमोहना बड़े झूठे हैं..जैसे संगीत को सुनने से फायदा होता है।
कमजोरी: राग जयवंती संगीत जैसे- तकदीर का फंसाना जाकर किसे सुनाएं.., तोरा मन दर्पण कहलाए. ओ रब्बा कोई तो बताए..सुनने से उत्साह का संचार होता है। पित्त रोग: इसके लिए राग खमाज सुनना चाहिए। खासतौर पर पानी, हवा, प्राकृतिक ध्वनियों की स्वर लहरियां सुनने से फायदा होता है। याददाश्त: जिनकी याददाश्त कम हो रही है, उन्हें राग शिवरंजनी सुनना चाहिए। इसको वीणा वादन और बांसुरी की आवाज सुनने से ज्यादा फायदा होता है। जैसे-आवाज देके हमें तुम.., जाने कहां गये वो दिन, जिंदगी की राहों में.. आदि।
मनोरोग: मनोरोग और तनाव से बाहर आने के लिए राग बिहाग और राग मधुवंती सुनना चाहिए। जैसे - बाजे री मोरी पायल झनन- झनन.. गीत। सांस संबंधी रोग: इस रोग में आस्था भक्ति पर आधारित गीत-संगीत सुनने और गाने से लाभ होता है। इसके लिए प्राकृतिक स्वर लहरियां जैसे-समुद्र की लहरें..संगीत सुनाना चाहिए।
कोमा से बाहर लाता है संगीत
राजधानी के म्यूजिक थैरेपी विशेषज्ञ डॉ. पंकज ओमर ने बताया कि मरीजों को कोमा से बाहर लाने के लिए कई जगहों पर संगीत का सहारा लिया जा रहा है। मरीजों को क्लासिकल संगीत सुनाया जाता है। जरूरी बात यह कि मरीज किस तरह के माहौल में पला-बढ़ा है। इसके मुताबिक ही उसे पसंदीदा गाना सुनाया जाता है।