अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: योग ऐसा सूत्र है जो स्वास्थ्य और खुशी के लिए विभाजित दुनिया को जोड़ता है

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RGA न्यूज़ उत्तर प्रदेश

अकल्पनीय ही था कि 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग को अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने की बात की और 11 दिसंबर को 21 जून अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित कर दिया गया। इस प्रस्ताव को वैश्विक और प्रभावशाली बनाने का काम योग की सार्वभौमिकता-स्वीकार्यता ने किया। आज दुनिया भूगोल से विभाजित और योग द्वारा एकजुट है। पीएम मोदी ने सत्ता में आने के छह माह के भीतर ही हमारी 5000 साल पुरानी योग की विरासत को नई पहचान दिलाई। उन्होंने सच ही कहा था कि स्वास्थ्य और कल्याण के लिए योग सार्वभौमिक आकांक्षा का प्रतीक है। यह शून्य बजट में स्वास्थ्य बीमा है। यह मन, शरीर और आत्मा के सहज एकीकरण का विज्ञान है। यह मानवता के लिए सद्भाव और शांति को प्रकट करता है। यह स्वयं की, स्वयं के लिए और स्वयं के जरिये यात्रा है।

दुनिया को योग सिखाया भारत के महान संतों ने

मर्हिष पतंजलि को योग पर उनके ग्रंथ पतंजलि योग सूत्र के लिए जाना जाता है। श्री अरबिंदो को गीता और उपनिषदों जैसे हिंदू धर्मग्रंथों से योग और योग साधनाओं के सार का अनुवाद का श्रेय दिया जाता है। बीएस अयंगर और मर्हिष परमहंस योगानंद को आध्यात्मिक शास्त्रों और अपने अनुशासित एवं प्रेरणादायक जीवन के जरिए दुनिया भर में योग ज्ञान के प्रसार के लिए जाना जाता है। स्वामी विवेकानंद पश्चिमी दुनिया को वेदांत और योग के भारतीय दर्शन से परिचित कराने वाले प्रमुख व्यक्ति थे।

योग दिवस मानव-चेतना और भलाई के लिए मनाया जाने वाला त्योहार है

योग को वैश्वीकरण के सबसे सफल उत्पादों में से एक माना जाता है। योग दिवस मानव-चेतना और भलाई के लिए व्यापक रूप से मनाया जाने वाला त्योहार है। धर्म और क्षेत्र से इतर योग का उत्सव दुनिया भर में आयोजित किया जाता है। यह सबसे पंथनिरपेक्ष सूत्र है जो स्वास्थ्य और खुशी के लिए विभाजित दुनिया को जोड़ता है। जब दुनिया बंटती है तो योग लोगों, परिवार, समाज और देशों को साथ लाता है। इसके पास एकजुट करने वाली सबसे सबसे प्रभावशाली ताकत है। यह देखकर खुशी होती है कि पश्चिम में योग सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली पूरक स्वास्थ्य पद्धति है।

दुनिया योग के फायदे को महसूस कर रही है

दुनिया योग के फायदे को महसूस कर रही है। यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार ध्यान के साथ योग करने से बुढ़ापे को टालने और कई बीमारियों को शुरुआत में ही रोकने में मदद मिलती है। योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य का उपचार करने में मदद करता है, बल्कि भावनात्मक और मानसिक सेहत भी सुधारता है। योग से अवसाद को कम करने में भी मदद मिलती है।

योग हमेशा से स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा का एक अभिन्न अंग रहा

योग हमेशा से स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा का एक अभिन्न अंग रहा है। योग उपदेशात्मक शिक्षा के बजाय प्रायोगिक ज्ञान का हिस्सा बन रहा है। अमेरिका में आधिकारिक खेल के रूप में स्वीकार होने के बाद योग ओलंपिक में एक प्रतिस्पर्धी खेल के तौर पर भी शामिल हो सकता है।

आम से लेकर खास तक-हर किसी ने कोविड-19 महामारी के दौरान योगाभ्यास का फायदा लिया 

आम से लेकर खास तक-हर किसी ने कोविड-19 महामारी के दौरान योगाभ्यास के फायदों को गंभीरता से लिया है। मैं उस देवभूमि उत्तराखंड से आता हूं जो योग और आयुर्वेद का उद्गम स्थल रहा है। जब दुनिया चाहरदीवारी तक सीमित है तब योग प्रतिरक्षा को बढ़ाने और जीवन के संतुलन को बनाए रखने के लिए सबसे प्रभावी स्वास्थ्य साधन के रूप में उभरा है। कोविड-19 को विश्व योग दिवस की भावना को कम करने की अनुमति नही दी जानी चाहिए।

कोविड-19 के मनो-सामाजिक प्रभाव से निपटने में योग और ध्यान सबसे उत्तम हैं

विभिन्न अध्ययनों ने सिद्ध किया है कि कोविड-19 के मनो-सामाजिक प्रभाव से निपटने में योग और ध्यान सबसे उत्तम हैं। कई प्राणायाम श्वसन प्रणाली को मजबूत करते हैं। इस पर अध्ययन किया जाए कि कैसे प्राणायाम कोरोना के प्रभावों का मुकाबला कर सकता है। योग वास्तव में समुदाय, प्रतिरक्षा और एकता के लिए रामबाण यानी सर्वरोगहारी औषधि है। लंबे समय से योग, आयुर्वेद और अध्यात्म वैश्विक समुदाय को हमारा संदेश रहा है। आज भी यह पूरी तरह से प्रासंगिक है। योग नि:संदेह वैश्विक शांति और सद्भाव का प्रवेश द्वार है।

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