

RGA न्यूज़ बिहार दरभंगा
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. राजेश सिंह की अध्यक्षता में सभी संकाय व विभागाध्यक्षों के अलावा प्राचार्य व अधिकारियों की बैठक हुई।...
दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. राजेश सिंह की अध्यक्षता में सभी संकाय व विभागाध्यक्षों के अलावा प्राचार्य व अधिकारियों की बैठक हुई। मौके पर राजभवन सचिवालय की ओर से 29 जून को जारी पत्र के आलोक में ग्रीष्मावकाश समाप्ति के बाद कॉलेज, स्नातकोत्तर विभाग एवं स्ववित्त पोषित संस्थानों में कोविड-19 महामारी से उत्पन्न स्थिति में वर्ग संचालन पर विस्तार से चर्चा की गई।
कुलपति प्रो. सिंह ने कहा कि किसी भी हालत में छात्रों की पढ़ाई बाधित नहीं होनी चाहिए। आने वाले विभिन्न सत्रों में हो रहे विलंब को मद्देनजर रखते हुए पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए हमें विभिन्न ऑनलाइन प्रक्रियाओं को अपनाना होगा। साथ-साथ छात्रों एवं शिक्षकों के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना होगा। बैठक में कुलपति ने सभी सदस्यों के भी विचारों को गंभीरता से सुना। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि ग्रीष्मकालीन अवकाश (एक से 30 जून) के बाद पूर्व की तरह ऑनलाइन एजुकेशन की व्यवस्था छात्रों के लाभ के लिए जारी रहेगी। विश्वविद्यालय विभागों, कॉलेजों व स्ववित्त पोषित संस्थानों के शिक्षक पाठ्य सामग्री तैयार करेंगे, जिसे संबंधित विभागों, कॉलेजों व संस्थानों के माध्यम से संबद्ध वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। अतिथि शिक्षकों को लेकर भी दिशा-निर्देश तय किए गए। निर्णय लिया गया कि अतिथि शिक्षक एक जुलाई से अपने-अपने कॉलेज या विभाग में योगदान देंगे और वे भी नियमित शिक्षकों की तरह ऑनलाइन पाठ्य सामग्री तैयार कर वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए जमा करेंगे। इतना ही नहीं, सभी शिक्षक अगले आदेश तक अपने मुख्यालय में मौजूद रहेंगे। हालांकि, उन्हें किसी भी मामले में अप्रत्याशित स्थिति में विभागों, कॉलेजों या संस्थानों द्वारा बुलाया जा सकता है। शिक्षकों, कर्मचारियों ए्वं छात्रों से अनुरोध किया गया कि वे कोविड-19 से बचाव के लिए सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों यथा मास्क, सैनिटाइजर का नियमित उपयोग करें और एक-दूसरे से शारीरिक दूरी बनाए रखें। वेबिनार के आयोजन का निर्देश : बैठक में तय किया गया कि छात्रों और संकायों के हित में विश्वविद्यालय विभाग, कॉलेज व अन्य संस्थान शैक्षणिक संवर्धन के लिए वेबिनार के आयोजन की व्यवस्था करेंगे। लेकिन ऐसे वेबिनार राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय के रूप में नामित नहीं किया जाएंगे जो किसी मान्यता प्राप्त संस्थान द्वारा अनुदानित या प्रायोजित नहीं हो। बैठक में विवि परिसर में होने वाले आंदोलनों पर भी विचार किया गया। इस क्रम में शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्रों से अपील की गई कि इस महामारी के दौरान वे धरना-प्रदर्शन जैसे कार्यक्रमों से परहेज करें। साथ ही, विश्वविद्यालय से जुड़े लोगों से अनुरोध किया गया कि वे सोशल मीडिया पर कोई शिकायत अथवा विचार पोस्ट करने से पूर्व आइटी एक्ट को ध्यान में रखें। बैठक में डीएसडब्ल्यू प्रो. रतन कुमार चौधरी, साइंस डीन प्रो. शीला, सामाजिक विज्ञान डीन प्रो. गोपी रमण प्रसाद सिंह, राजनीति शास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. जितेंद्र नारायण सिंह, हिदी विभागाध्यक्ष प्रो. चंद्रभानु प्रसाद सिंह, सीएम कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. मुश्ताक अहमद, सीएम साइंस कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो. प्रेम कुमार प्रसाद, दूरस्थ शिक्षा निदेशक प्रो. अशोक कुमार मेहता, विकास पदाधिकारी प्रो. केके साहु, परीक्षा नियंत्रक डॉ. एसएन राय एवं कुलसचिव के प्रभार में उप कुलसचिव द्वितीय डॉ. अखिलेश्वर प्रसाद सिंह उपस्थित थे। राजभवन की ओर से दिए गए निर्देश : मिथिला विश्वविद्यालय व संस्कृत विश्वविद्यालय समेत सूबे के अन्य विश्वविद्यालय फिलहाल ऑनलाइन एजुकेशन की व्यवस्था जारी रखेंगे। राजभवन ने इस आशय का निर्देश सभी विश्वविद्यालयों को जारी किया है। कहा है कि विश्वविद्यालय ऑनलाइन स्टडी मटेरियल व लेक्चर के माध्यम से छात्रों को शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था को अभी जारी रखेंगे। साथ ही इससे संबंधित सूचना वे नियमित अपने वेबसाइट पर अपलोड करेंगे और इसकी रिपोर्ट राजभवन को भी देंगे। पत्र में केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय व राज्य सरकार के गृह विभाग के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा गया है कि इस परिस्थिति में कुलाधिपति सह राज्यपाल ने यह निर्देश दिया है कि बिहार में शिक्षण संस्थानों को खोलने की अनुमति केंद्र या राज्य सरकार के निर्णय के आलोक में ही लिया जाएगा। इस दौरान छात्रों की पढ़ाई बाधित ना हो और सत्र भी समय से पूरा हो, इसका ध्यान रखना विश्वविद्यालयों की जिम्मेवारी होगी। इसके लिए विश्वविद्यालय ऑनलाइन एजुकेशन की व्यवस्था को फिलहाल जारी रखेंगे। बता दें कि लॉकडाउन के दौरान विश्वविद्यालय व कॉलेज स्तर पर ऑनलाइन एजुकेशन से संबंधित कार्य तेजी से हो रहे थे, लेकिन ग्रीष्मावकाश के दौरान यह ठप पड़ गया था।