कोरोना से बचाने के लिए घरेलूू महिलाओं की बढ़ानी हाेगी प्रतिरोधक क्षमता

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RGA न्यूज़ ब्यूरो चीफ बरेली

कोरोना की जद में आने वालों में करीब तीस फीसद महिलाएं वो भी अधिकतर घर में रहने वाली। वजह शरीर की कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता। एनीमिया उच्च रक्तचाप के बाद अब महिलाओं को कोरोना का संक्रमण घेर रहा है।...

बरेली:- World Population Day 2020 : कोरोना की जद में आने वालों में करीब तीस फीसद महिलाएं, वो भी अधिकतर घर में रहने वाली। वजह, शरीर की कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता। एनीमिया, उच्च रक्तचाप के बाद अब महिलाओं को कोरोना का संक्रमण घेर रहा है। खासकर उन्हें जो गर्भवती हैं या जिनके प्रसव हुए। जिले में सामने आए कोरोना संक्रमितों के आंकड़े भी इसकी पुष्टि कर रहे हैं। खानपान में पोषण तत्वों की कमी उन्हें कमजोर बना रही हैं। कोरोना से लड़ाई को उन्हें मजबूत होना पड़ेगा। अपने शरीर की इम्युनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) को बढ़ाना है।

महिलाओं व लड़कियों के स्वास्थ्य एवं अधिकारों की सुरक्षा पर आधारित इस बार विश्व जनसंख्या दिवस की थीम भी यही कह रही है.. करीब 70 फीसद महिलाएं एनीमिक जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. अलका शर्मा बताती हैं कि अस्पताल आने वाली करीब 70 फीसद महिलाएं एनीमिया (खून की कमी) का शिकार होती हैं। इन्हें तीन कैटेगरी में रखा जाता है। नौ से 11 ग्राम हीमोग्लोबिन वाली महिलाएं माइल्ड एनीमिक, सात से नौ ग्राम हीमोग्लोबिन वाली महिलाएं मॉडरेट और सात ग्राम से कम हीमोग्लोबिन वाली महिलाएं सीवियर एनीमिक होती हैं। इन महिलाओं को खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है।

कोरोनाकाल में ऐसी महिलाओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। एनीमिक गर्भवती का बच्चे पर भी असर महिला अस्पताल की गाइनोकोलॉजिस्ट डॉ. शैव्या प्रसाद बताती हैं कि अधिकतर महिलाओं में खून की कमी के साथ ही हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत रहती है। ऐसी महिलाओं के होने वाले बच्चे भी कम वजन के होते हैं। ऐसे बच्चों की सेहत पर भी असर पड़ता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक खुराक जरूरी है। गर्भवती महिलाएं बाहर के खाने से परहेज करें और इम्युनिटी बढ़ाने वाले पदार्थो का सेवन करें।

540 में 157 महिलाएं संक्रमित जिले में कुल संक्रमितों की संख्या अब तक 540 हो गई है। इनमें कुल 157 महिलाएं हैं, जिनमें संक्रमण पाया गया है। करीब 70 महिलाएं स्वस्थ होकर घर जा चुकी हैं, शेष महिलाएं अभी भी आइसोलेट या क्वारंटाइन हैं। क्वारंटाइन सेंटर प्रभारी डॉ. सुचिता ने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद कई महिलाएं क्वारंटाइन सेंटर से ही आइसोलेट हुई है। आइसोलेट होने के लिए जाते समय ज्यादातर महिलाओं, युवतियों ने यह शिकायत की कि वह मासिक धर्म से हैं।

ऐसे में उनमें कोई दिक्कत या परेशानी न हो इसके लिए उन्हें बचाव के तरीके बताकर आइसोलेट कराया गया। दस गर्भवती, पांच प्रसूता संक्रमित, दो की मौत कोरोना संक्रमितों में दस गर्भवती और दो प्रसूता भी शामिल हैं। बता दें कि इनमें एक प्रसूता गोंडा की थी, जिसे दिल्ली से गोंडा जाते समय ट्रेन में प्रसव पीड़ा हुई थी। उसने बच्चे को जन्म दिया था। बाद में उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके अलावा एक सीबीगंज के बंडिया गांव निवासी प्रसूता भी संक्रमित पाई गई हैं।

गनीमत है कि इनके नवजात बच्चों तक संक्रमण नही पहुंचा, उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। नवाबगंज व आंवला की प्रसूता की बाद में हालत बिगड़ने से मौत भी हो गई थी। विशेषज्ञों की बात मासिक धर्म के समय कई बैक्टीरिया हावी हो जाते हैं। इसके चलते ही महिलाएं इस दौरान अधिक परेशान रहती हैं। इम्युनिटी कमजोर होने के चलते कोरोना संक्रमण के प्रभाव में आने की आशंका अधिक रहती हैं। इसीलिए अस्पताल आने वाली हर संदिग्ध महिला की जांच के बाद ही उपचार शुरू कर रहे हैं।

महिलाएं प्रयास करें कि घर से बाहर न निकलें, बाहर से आए व्यक्ति या परिजन के संपर्क में तब तक न आएं जब तक नहा न ले। - डॉ. वर्षा, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ

गर्भधारण करने के बाद हर महिला हाई रिस्क पर ही होती है। इसीलिए उनका अधिक ख्याल रखने के लिए कहा जाता है। अब तक जो रिपोर्ट मिली या पढ़ी हैं उनके मुताबिक यह साफ है कि गर्भवती महिलाओं को कोरोना संक्रमण जल्द पकड़ रहा है। इसलिए गर्भवती महिलाओं के चेकअप से पहले उनकी कोविड जांच कराई जा रही है। यही स्थिति मासिक धर्म से गुजर रही महिलाओं और युवतियों के साथ है। मासिक धर्म के दिनों में उन्हें बेहद सावधानी रखने की जरूरत है। - डॉ. भारती सरन, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ

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