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RGA न्यूज़ बनारस
सावन के चौथे सोमवार के मौके पर सुबह से ही अंचलों में शिवालयों में लोगों की आस्था परवान चढ़ी नजर आई और तटवर्ती लोगों ने गंगा स्नान कर शिवलिंग पर जलाभिषेक किया।...
वाराणसी:- ऐसी मान्यता है कि काशी नगरी से अधिपति भगवान भोलेनाथ संसार को संचालित करते हैैं। भगवान शिव की उपासना का विशिष्ट काल सावन का माह उनको प्रिय है। इस माह में उपासना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैैं। सावन के चौथे सोमवार पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में सुबह मंगला आरती का आयोजन किया गया। वहीं लॉकडाउन और धारा 144 के बीच खुलेे काशी विश्वनाथ मंदिर मेें बाबा के दर्शन लिए पहुंचे श्रद्धालु दूरी बनाकर पांच की संख्या में श्रद्धालु दर्शन पूजन कर रहे हैं। देर शाम तक सैकडोंं लोगों ने पर्याप्त दूरी बनाकर बाबा दरबार में हाजिरी लगाई।
सावन के चौथे सोमवार को श्रीकाशी विश्वनाथ मंंदिर में बाबा की रुद्राक्ष झांकी सजी। गर्भगृह में सायंकाल श्रृंगार भोग आरती से पहले परंपरानुसार बाबा का रूद्राक्ष से श्रृंगार किया गया। मंदिर परिसर भी फूल-पत्तियों व रूद्राक्ष से भी सजाया गया। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी गौरांग राठी ने बताया कि सावन के चौथे सोमवार को मंगला आरती के पश्चात श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के पट खुल गए। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए देर शाम तक दर्शन किया जा सकेगा। सावन के हर सोमवार बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ की अलग-अलग रूप में श्रृंगार झांकी सजाई जाती है। इस क्रम में पहले सोमवार को शंकर रूप, दूसरे सोमवार को शिव-शक्ति, तीसरे सोमवार को प्रभु की अद्र्धनारीश्वर झांकी सजाई गई थी। अंतिम सोमवार को सावन पूर्णिमा पर शिव परिवार गर्भगृह में झूले पर विराजेगा।
इस बार सावन में पांच सोमवार, दो प्रदोष और एक मास शिवरात्रि पड़ रही है। हर सोमवार विशिष्ट श्रृंगार में अलग ही रंग नजर आता है जो भक्तों को विभोर कर जाता है। सावन के चौथे सोमवार के मौके पर सुबह से ही अंचलों में शिवालयों में लोगों की आस्था परवान चढ़ी नजर आई और तटवर्ती लोगों ने गंगा स्नान कर शिवलिंग पर जलाभिषेक किया।