श्रीराम के नाम रोशन हो उठे गंगा के घाट, मंदिर भूमि पूजन का काशी में छलका लोगों का उल्लास

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RGA न्यूज़ बनारस समाचार

अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के निमित्त भूमि पूजन को लेकर काशी में उत्साह छलकने लगा है। इसे पांच अगस्त तक विस्तार दिया जाएगा।...

बनारस:- अयोध्या जिले में श्रीराम मंदिर निर्माण के निमित्त भूमि पूजन को लेकर काशी में उत्साह छलकने लगा है। इसे पांच अगस्त तक विस्तार दिया जाएगा। इसमें गंगा के घाटों पर हर दिन दीप माला सजेगी तो मानस की चौपाइयां व सोहर आदि भी गूंजेंगी। गंगा सेवा निधि की ओर से शनिवार को दशाश्वमेध घाट पर पांच दिवसीय उत्सव के तहत जय श्रीराम दीपमाला सजाई गयी। अध्यक्ष सुशांत मिश्र ने बताया कि इस पल का सनातन धर्मियों को पांच सौ वर्षों से इंतजार था।

इसके अलावा विश्व हिंदू महासंघ की ओर से छावनी क्षेत्र स्थित चंडिका देवी मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा के समक्ष सुंदरकांड का पाठ किया। उत्सव के क्रम में पांच दिनों तक क्रमश: मंगल गान, शौर्य गान, लोकगीत, सोहर आदि का गायन किया जाएगा। महासंघ के धर्मार्थ प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष आचार्य केशव, जिलाध्यक्ष सच्चिदानंद, नागेंद्र यादव, कमलेश यादव, चंद्रदीप शर्मा आदि ने संयोजन किया। 

अयोध्या के लिए प्रस्थान करने लगे संत-महंत

अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि पर मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन अनुष्ठान में शामिल होने के लिए काशी से संतों का जाना शुरू हो गया है। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने सुबह 11 बजे अयोध्या के लिए प्रस्थान किया। वे वहां संतों की व्यवस्था संभालेंगे। इससे पहले उन्हें श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय का बुलावा पत्र भी मिला। महामंडलेश्वर संतोष दास सतुआ बाबा के साथ ही काशी विद्वत परिषद के तीन पदाधिकारियों को भी अयोध्या बुलाया गया है। परिषद पदाधिकारी तीन अगस्त को अयोध्या जाएंगे।

और श्‍यामदेव दादा को रेल स्‍टेशन पर कर लिए गिरफ्तार कर लिया

राम मंदिर निर्माण को लेकर पांच अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या में भूमि पूजन करेंगे, इसको लेकर मंत्री रवींद्र जायसवाल उत्साहित हैं। उन्हें वे दिन भी याद आ रहे हैं जब उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष किया था। उन दिनों को स्मरण करते हुए रवींद्र जायसवाल ने बताया कि राम मंदिर निर्माण की घड़ी सामने आ चुकी है। वर्षों तक कारसेवकों के कठिन संघर्षों की याद आज भी ताजा है। आंदोलन में कई बार संघर्ष करना पड़ा।

विश्व हिंदू परिषद की ओर से 30 अक्टूबर 1990 को दीपावली के समय कारसेवा का आह्वान हुआ। पूरे देश से कार सेवा करने के लिए रामभक्त अयोध्या की ओर चल पड़े। तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निर्देश पर पुलिस ने भाजपा कायकर्ताओं व संघ के स्वयंसेवकों को गिरफ्तार करना प्रारंभ किया। पुलिस ने मेरे घर पर भी छापेमारी की लेकिन नहीं मिला। रामरथ लेकर निकले भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत अन्य को गिरफ्तार करने के लिए सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन पर फोर्स लगा दी थी। मैं तत्कालीन विधायक दादा श्यामदेव राय चौधरी संग बुलेट से लालकृष्ण आडवाणी का स्वागत करने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचा। छिपते-छिपाते स्टेशन परिसर में प्रवेश कर गए। ज्यों राजधानी एक्सप्रेस आई, हम लोग एसी कोच में घुसे। इस बीच पुलिस ने हम सभी को गिरफ्तार कर लिया और मीरजापुर जेल ले गई। सभी पर दंगा भड़काने का आरोप लगा। जेल में दक्षिण भारत के सैकड़ों कारसेवक बंद थे। 30 अक्टूबर को कारसेवकों को अयोध्या पहुंचना था। उस दिन हम लोगों ने जेल में अपने कपड़े व जेल के कंबलों से मशाल बनाकर जलाया और नारे लगाए। जब पुलिस ने कारसेवकों पर गोलियां चलाईं तो मीरजापुर की जेल में मातम छा गया था।

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