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RGA न्यूज़ आगरा
एसडीएम कासगंज पहुंची चिकित्सकों की टीम के साथ बीमारों का कराया उपचार। पोस्टमार्टम में जहरीले पदार्थ की पुष्टि जांच के लिए भेजे हैं सैंपल। ...
आगरा:- गुरुवार सुबह सहावर के नगला बदन में गोवंश की मौत की खबर से सनसनी फैल गई। आधा दर्जन से ज्यादा बीमार होने की जानकारी पर पशु चिकित्सकों के साथ में एसडीएम मौके पर पहुंचे। उपचार के बाद सात गायों की हालत में सुधार है। गायों को किसी ने जहर खिलाया है या फिर खेत में पड़े कीटनाशक से मौत हुई है, इसकी जांच की जा रही है।
सहावर के थाना सुन्नगढ़ी क्षेत्र के गांव नगला बदन में शुक्रवार की सुबह लोग उठे तो देखा खेत में एवं गांव में गाय मरी पडी हैं। कुछ गाय खेतों में तड़प रही थी। ग्रामीणों में गायों को किसी के द्वारा जहर देने की चर्चा हुई। एसडीएम सहावर अशोक कुमार एवं पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अरङ्क्षवद कुमार सागर भी चिकित्सकों की टीम के साथ में यहां पर पहुंचे। डॉक्टर्स ने गांव में पहुंच कर गायों का उपचार शुरू कर दिया। सात गायों को डॉक्टर्स ने उपचार के बाद बचा लिया। चार गायों के साथ में पांच बछड़ों की मौत हो गई। पोस्टमार्टम में जहरीला तत्व पाया गया है। जहरीला तत्व क्या है पुष्टि के लिए सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। दोपहर बाद तक चिकित्सकों की टीम गांव में डेरा डाले हुए थी।
कृषि अधिकारी ने भी मौके पर पहुंच की जांच
कृषि अधिकारी सुमित कुमार चौहान ने भी मौके पर पहुंच कर जांच की। खेतों में भी पहुंच कर उन्होंने जांच की कि कहीं कोई कीटनाशक तो नहीं डाला गया।
टिड्डी दल भगाने वाली दवाई का तथ्य खारिज
कुछ लोगों ने कहा कि बीते दिनों टिड्डी दल को भगाने के लिए दवाई डाली थी, लेकिन इस तथ्य को अधिकारी नकार रहे हैं, क्योंकि टिड्डी दल के लिए दवा डालने के बाद में बरसात भी हो चुकी है, ऐसे में वो कीटनाशक अभी तक खेतों में नहीं रह सकता है।
नगला बदन में चार गाय एवं पांच बछड़ों की मौत हुई है। यह गोवंश आसपास के गांव के लोगों के बताए जा रहे हैं। पोस्टमार्टम में जहरीला पदार्थ पाया गया है। यह किसी खेत में पड़ा था या फिर किसी ने दिया है। इसकी जांच कराई जा रही है।
-चंद्रप्रकाश ङ्क्षसह, जिलाधिकारी, कासगंज
फसल बचाने को तो नहीं हुई यह साजिश
सहावर में नौ गोवंश की मौत कई सवाल खड़े कर रही है। गोवंश पर हमला पहली बार नहीं है। फसलों को बचाने के लिए कई बार किसान भी इस तरह के प्रयोग करते हैं, जो बेसहारा गोवंश का काल बन जाता है।
बीते दिनों सिकंदरपुर वैश्य में जानवरों से फसल को बचाने के लिए देशी बम को खेतों में रखा गया था, इसे खाने के बाद में गाय घायल हुई थी। उस वक्त भी इसकी जांच हुई थी, लेकिन आज तक पता नहीं चला है इसके पीछे किसकी साजिश थी। दरअसल खेतों में खड़ी फसल को गाय काफी नुकसान पहुंचा रही हैं। ऐसे में किसान अपनी फसल बचाने के लिए इस तरह के प्रयोग कर रहे हैं।
बेसहारा गोवंश या ग्रामीणों ने छोड़ा
प्रशासन की मानें तो यह गोवंश बेसहारा नहीं है, बल्कि ग्रामीणों द्वारा ही इसे छोड़ा गया है। पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि कुछ गाय घेर में पड़ी मिली हैं, जो बताता है कि किसानों ने इन्हेें चरने के लिए छोड़ा, जहां पर यह कुछ ऐसा खाकर आई हैं, जो जहरीला है, जबकि ग्रामीण इन्हें बेसहारा गोवंश बता रहे हैं।