PM Modi यजमान बने तो सेलिब्रेटी बने आचार्य गंगाधर

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RGA न्यूज़ उत्तर प्रदेश आगरा

Ram Mandir Bhumi Pujan अयोध्या से लौटे आचार्य गंगाधर से मिलने उमड़े लोग। हर किसी से गर्मजोशी से मिल रहे गंगाधर पाठक। ...

आगरा:- वृंदावन की कैलाश नगर कॉलोनी...यहां का सेक्टर एस-2 आवास आज खास है। सुबह से ही बधाई देने वालों की भीड़ लगी है। आने वालों में लग्जरी वाहन वाले भी बहुतायत में हैैं। हर कोई यहां के गृहस्वामी गंगाधर पाठक से मिलना चाहता है। उन्हें बधाई के दो शब्द कहना चाहते हैैं। पाठक हर किसी की बधाई स्वीकार कर रहे हैैं। उनकी आवभगत भी कर रहे हैैं।

पिछले 24 घंटे में आम से खास बने ये गंगाधर पाठक वो ही हैैं, जिन्होंने अयोध्या में पांच अगस्त को श्रीराम मंदिर का भूमि पूजन कार्यक्रम में मुख्य पुरोहित की भूमिका निभाई। इस पूजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यजमान रहे। 20 साल से यहां रह रहे गंगाधर पाठक गुरुवार को अयोध्या से घर लौटे हैैं, सुबह से ही उनसे मिलने को लोग बेताब हैैं। हालांकि, तीर्थनगरी के होने वाले कई बड़े अनुष्ठानों में वह मुख्य पुरोहित रहे हैैं, लेकिन अयोध्या के भूमि पूजन ने उन्हें रातोंरात सेलिब्रेटी बना दिया है। वह सोशल मीडिया पर भी छाए हुए हैैं।

ब्राह्मïण सेवा संघ ने किया अभिनंदन

गोधूलिपुरम स्थित श्रीहरिदास धाम में गुरुवार को ब्राह्मïण सेवा संघ ने गंगाधर पाठक का नागरिक अभिनंदन किया गया। संघ पदाधिकारियों ने कहा कि श्री पाठक ने ब्रज का मान बढ़ाया है। चंद्रलाल शर्मा, आनंदबल्लभ गोस्वामी, सत्यभान शर्मा, जगदीश नीलम, अशोक अज्ञ, एसपी सारस्वत, विमल चैतन्य ब्रह्मचारी, कृष्णचंद्र गौतम, प्रियाशरण भक्तमाली, सर्वेश तिवारी समेत अनेक लोग मौजूद रहे।

मोदी से दक्षिणा में चाहिए गोवध पर पूर्ण पाबंदी

गंगाधर पाठक अभी प्रधानमंत्री ने भूमि पूजन की दक्षिणा चाहते हैैं। उन्होंने जागरण को बताया कि वह पीएम से दक्षिणा में गोवध पर पूरी तरह बंदी चाहते हैं। अभी इसको लेकर कानून तो बना है लेकिन गोवध पूरी तरह बंद नहीं है। शिलान्यास पूजन में मुख्य पुरोहित की दक्षिणा यही हो सकती है कि गोवध पूरी तरह बंद हो।

कोरोना काल का पूरा ध्यान

गंगाधर पाठक मिलने आने वालों से कोरोना काल का पूरा ध्यान रख रहे हैैं। शारीरिक दूरी रखने के साथ उन्होंने अधिकांश को मिलने के लिए अलग-अलग वक्त दिया है। काबिलेगौर है कि पाठक ने अक्षयपात्र फाउंडेशन में मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में भी मुख्य आचार्य पद का दायित्व संभाला था। साहित्य, व्याकरण और कर्मकांड के भी वह विद्वान हैैं।  

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